सिद्ध कुंजिका स्रोत के गुप्त रहस्य कौन-कौन से हैं?
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नमस्कार दोस्तो, आपने अपने जीवन के अंतर्गत अक्सर सिद्ध कुंजिका स्रोत के बारे में जरूर सुना होगा। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि सिद्ध कुंजिका स्त्रोत के गुप्त रहस्य कौन-कौन से हैं, यदि आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि सिद्ध कुंजिका स्रोत के गुप्त रहस्य कौन-कौन से हैं, हम आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी इस पोस्ट के अंतर्गत शेयर करने वाले हैं। तो ऐसे में आज का की यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाली है, तो इसको अंत जरूर पढ़िए।
सिद्ध कुंजिका स्रोत के गुप्त रहस्य कौन-कौन से हैं?
दोस्तों अनेक लोगों को सिद्ध कुंजिका स्रोत के गुप्त रहस्य के बारे में जानकारी नहीं है, यदि आपको भी इसके बारे में जानकारी नहीं है, तथा इसके बारे में जानना चाहते हैं, तो इसकी पूरी जानकारी हमें नीचे दी है :-
- दोस्तों सिद्ध कुंजिका स्रोत्र मन तंत्र से निकला हुआ एक स्रोत है।
- सिद्ध कुंजिका स्रोत के अंतर्गत भगवान शिव तथा माता पार्वती के बारे में गुप्त तरीके से बताया गया है।
- सिद्ध कुंजिका स्रोत के बिना दुर्गा सप्तशती पाठ करना निष्फल माना जाता है।
- सिद्ध कुंजिका स्रोत करने से दुर्गा सप्तशती पाठ का संपूर्ण लाभ मिलता है तथा आपको ही है पाठ सिद्ध कुंजिका स्रोत से ही करना चाहिए।
- यदि कोई भी व्यक्ति अपने जीवन के अंतर्गत सिद्ध कुंजिका स्रोत के पाठ का गायन करता है, या फिर इसका पाठ करता है, तो उसके जीवन की लगभग सभी बाधाएं दूर हो जाती है।
सिद्ध कुंजिका स्त्रोत के लाभ क्या होते हैं?
दोस्तों सिद्ध कुंजिका स्रोत के निम्न लाभ होते हैं:-
- सिद्ध कुंजिका पाठ का स्रोत करने से किसी भी व्यक्ति के सभी मंत्र सिद्ध हो जाते हैं।
- यदि कोई भी व्यक्ति अपने जीवन के अंतर्गत सिद्ध कुंजिका स्रोत के विभिन्न प्रकार की साधना करता है, तो इसको काफी प्रभावशाली माना जाता है।
- सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ करने से, या फिर सिद्ध कुंजिका मंत्र पढ़ने से किसी भी व्यक्ति की लगभग सभी समस्याओं का हल निकल जाता है।
सिद्ध कुंजिका स्त्रोत पाठ की विधि
यदि दोस्तों आप सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ करना चाहते हैं, तो आपको निम्न में भी दी को फॉलो करना है :-
- सिंधु कुंजीका स्रोत का पाठ करने के लिए आपको प्रातकाल सोच तथा स्नान आदि कार्य कर लेने हैं।
- उसके बाद आपको इस पाठ को नवरात्रि या फिर किसी भी शुभ दिन पर करना होता है, जिसमें आप पाठ करने के लिए मां दुर्गा की प्रतिमा के आगे दीपक जला सकते हैं।
- उसके बाद आपको मां दुर्गा को धूप लगाना है, उनको सिंगार करना है, तथा मां दुर्गा को प्रसाद का भोग लगाना है।
- यह करने के बाद आपको मां दुर्गा के शरण में कुछ पुष्प अर्पित करने है तथा आपको उनसे प्रार्थना करना है, और यह करने के बाद आपको आसन बिछाकर ध्यान के अंतर्गत बैठ जाना हैं
- यह सब करने के बाद आपको सिद्ध कुंजिका स्रोत के पाठ करना है, जिसके अंतर्गत आपको सिद्ध कुंजिका स्रोत के मंत्र का जाप करना है। यह मंत्र हमने आपको इस आर्टिकल में नीचे उपलब्ध करवा दिया है।
सिद्ध कुंजिका स्रोत का मंत्र
नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम:
नम: प्रकृत्यै भदायै नियता: प्रणता: स्मताम्
रौदायै नमो नित्यायै गौयैर् धात्रयै नमो नम:
ज्योत्स्नायै चेन्दुरूपिण्यै सुखायै सततं नमो नम:
कल्याण्यै प्रणतां वृद्धयै सिद्धयै कुमोर् नमो नम:
नैऋर्त्यै भूभृतां लक्ष्म्यै शर्वाण्यै ते नमो नम:
दुर्गार्य दुर्गपारार्य सारार्य सर्वकारिण्यै
ख्यात्यै तथैव कृष्णायै धूम्रार्य सततं नम:
अतिसौम्यातिरौदार्य नतास्तस्यै नमो नम:
नमो जगत्प्रतिष्ठायै देव्यै कृत्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्याभिधीयते।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु निदारूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषुच्छायारूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता :
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:
आज आपने क्या सीखा
तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको बताया कि सिद्ध कुंजिका स्त्रोत के गुप्त रहस्य क्या है, हमने आपको इस पोस्ट के अंतर्गत के विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। इसके अलावा हमने आपके साथ इस पोस्ट के अंतर्गत सिद्ध कुंजिका स्रोत से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी शेयर की है, जैसे सिद्ध कुंजिका स्रोत क्या होता है, इस के क्या-क्या लाभ होते हैं, किस तरह से इसके पाठ को किया जाता है, तथा सिद्ध कुंजिका का मंत्र क्या है।
आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी को देने का प्रयास किया है। हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह इंफॉर्मेशन पसंद आई है, तथा आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है। इस पोस्ट को सोशल मीडिया के माध्यम से आगे शेयर जरूर करें, तथा इस विषय के बारे में अपनी राय हमें नीचे कमेंट में जरूर बताएं।
FAQ
कुंजिका स्त्रोत पढ़ने से क्या होता है?
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ बहुत ही लाभकारी होता है। व्यक्ति को वाणी और मन की शक्ति प्राप्त होती है। एक व्यक्ति के भीतर अनंत ऊर्जा का संचार होता है। बुरे ग्रहों के प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कितनी बार पढ़ना चाहिए?
यह समय नवरात्रि का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है क्योंकि इस समय की समाप्ति के बाद देवी वरदान देने के लिए तैयार होती हैं। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप कितने ही थके हुए क्यों न हों, लेकिन आपको पूरे 48 मिनट तक लगातार सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ और पाठ करना बंद नहीं करना चाहिए।
स्तोत्र का पाठ कैसे करें?
जानकारों के अनुसार आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि के बाद शुद्ध होकर उनका ध्यान करके गणेश जी का आवाहन करें या गणेश जी की पूजा कर दैनिक पूजा पूरी करें। पूजा करने के बाद ‘m सूर्य देवो नमः’ मंत्र का 101 बार जाप करें।
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