प्रेगनेंसी में लड़के की हार्ट बीट कितनी होनी चाहिए
प्रेगनेंसी में बच्चे की धड़कन कितनी होनी चाहिए | pregnancy me bache ki heartbeat kitna hona chahiye
दोस्तों हर घर में लोग आने वाले बच्चे को लेकर सीरियस रहते हैं, जिस वजह से वो प्रेगनेंट महिला को ज्यादा उठ बैठ करना और थकान वाली काम करने से रोकते हैं।
जब से किसी महिला को पता चलता हैं की वो पेट से हैं यानी की प्रेगनेंट हैं , उनके और उनके परिवारवालों के मन में एक सवाल आना सुरु हो जाता हैं की गर्भ से लड़का होगा या लड़की, और वो सारे गूगल पर Ladka Hone ke Lakshan, बेबी बॉय हार्ट रेट, गर्भ में लड़के की धड़कन कितनी होती हैं (pregnancy me bache ki dhadkan kitni honi chahiye) आदि सर्च करने लगते हैं।
इसलिए आज के इस ब्लॉग पोस्ट में मै आप लोगों को प्रेगनेंसी में लड़के की हार्ट बीट कितनी होनी चाहिए से जुड़ी तमाम चीजें के बारे में बताने वाला हूं।
प्रेगनेंसी में लड़के की हार्ट बीट कितनी होती हैं?। Baby Boy Heart Rate
प्रेगनेंसी की सुरुवाती दौर में बच्चे की हार्ट बीट | 140 से 160 बीपीएम |
गर्भावस्था के आखिरी समय में बच्चे की हार्ट | 120 से 140 बीपीएम |
यह एक काफी जेनुइन और लेजिट सवाल हैं, लेकिन यह तरीका गलत हैं, क्युकी कोई भी व्यक्ति सिर्फ हार्ट रेट से बच्चे की लिंग का पता नही लगा सकता हैं।
अगर गर्भ में मौजूद भ्रूण की धड़कन की बात करें तो वो सामान्य स्थिति में 120 से 160 बीपीएम तक रहता हैं, लेकिन यह प्रेगनेंसी की सुरुवाती और अंतिम दौर में बदलता रहता हैं।
हर एक महिला में प्रेगनेंसी की सुरुवाती दौर में बच्चे की हार्ट बीट 140 से 160 बीपीएम होता हैं, जबकि गर्भावस्था के आखिरी समय में बच्चे की हार्ट बीट 120 से 140 बीपीएम होती हैं।
गर्भ में लड़का होने के संकेत । Ladka Hone ke Lakshan
गर्भ में भ्रूण की हार्ट बी | 140 से 160 बीपीएम |
बहुत सारे लोगों का मानना हैं की जब एक गर्भवती महिला के पेट में पल रहे बच्चे की हार्ट बीट 120 से 140 बीपीएम तक रहता है, तब वो एक लड़के को जन्म देती हैं और यह गर्भ में लड़का होने के सुरुवारी लक्षण हैं।
और जब गर्भ में भ्रूण की हार्ट बीट 140 से 160 बीपीएम के बीच में रहती हैं, तब वो महिला एक लड़की को जन्म देती हैं।
लेकिन यह बिल्कुल गलत हैं, क्युकी भ्रूण की हार्ट बीट से कोई भी यह अंदाजा नही लगा सकता हैं की गर्भ में लड़का पल रहा हैं या लड़की।
किसी भी महिला के लिए उनके गर्भ में पल रहे बच्चे की लिंग जानने का सिर्फ एक ही तरीका हैं, और वो हैं सोनोग्राफी , इसके जरिए यह आसानी से पता किया जा सकता हैं की एक प्रेगनेंट महिला लड़का को जन्म देगी या फिर एक लड़की को।
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गर्भ में बच्चे का लिंग कब निर्धारित होता हैं?
जब एक स्पर्म अंडाणु से मिलता हैं तब बच्चे की सेक्स का निर्धारण होता हैं, आम तौर पर हर व्यक्ति में हर एक सेल में एक जोड़ा सेक्स क्रोमोसोम मौजूद रहता है, मेल मे (X & Y Chromosome) दोनो होते हैं, जबकि फीमेल में दो X क्रोमोसोम ही होते हैं।
जब XY क्रोमोसोम एक साथ मिलते हैं तब एक लड़का होता हैं, और XX क्रोमोसोम मिलता तब एक लड़की होती हैं।
Frequently Asked Questions
प्रेगनेंसी में लड़के की हार्ट बीट कितनी होनी चाहिए?
प्रेगनेंसी में बच्चे की नॉर्मल हार्ट बीट 120 से 160 बीपीएम होनी चाहिए , बस शुरुवाती और अंतिम चरण में कुछ ऊपर नीचे रहता हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान बच्चे की लिंग का पता कैसे लगाएं?
महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे की लिंग का पता लगाने के लिए आप सोनोग्राफी (अल्ट्रासाउंड) करा सकते हैं, इसके माध्यम से आपको बच्चे की हेल्थ और लिंग का पता चल जाएगा।
क्या हार्ट बीट से बच्चे की लिंग का पता लगाया जा सकता हैं?
जी नहीं ! लोग बस उससे अनुमान लगा सकते हैं, लेकिन साफ तौर पर पूरे प्रोवेन फैक्ट के साथ कोई भी हार्ट बीट से बच्चे की लिंग का पता नही लगा सकता हैं।
निष्कर्ष
तो दोस्तों ये था हमारा आज का एक काफी ज्ञानभरी ब्लॉग पोस्ट जिसमे हमने आपको बताया की गर्भ में लड़के की हार्ट बीट कितनी होती हैं (pregnancy mein ladke ki heartbeat kitni hoti hai), बेबी बॉय की हार्ट बीट कितनी होती हैं साथ ही प्रेगनेंसी में लड़के की हार्ट बीट कितनी होनी चाहिए।
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