गर्भवती महिला पूजा कर सकती है या नहीं
गर्भवती महिला को किस भगवान की पूजा करनी चाहिए | pregnancy me mandir jana chahiye ya nahi
वर्तमान समय में बहुत सारी महिलाएं गूगल पर यह सवाल सर्च कर रही है कि गर्भवती महिला पूजा विषयविषय कर सकती है या नहीं, यदि आप भी उन महिलाओं में से एक है और अगर आपको भी कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब चाहिए, तो उसके लिए हमारा यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। क्योंकि आज के पोस्ट में आपको कुछ ऐसे सवालों के जवाब बिल्कुल सरल शब्दों में प्राप्त होने वाली है।
दरअसल, कुछ महिलाएं ऐसी है जो गर्भवती होने पर पूजा पाठ करना छोड़ देती है और वही पर कुछ ऐसी भी महिलाएं है जो गर्भवती होने के बाद भी आस्था में लीन भगवान की पूजा करना नहीं छोड़ती। अब ऐसे में कई महिलाओं का यह भी सवाल है कि गर्भवती होने पर किस भगवान की पूजा करना चाहिए। अगर आप भी इन में से एक है, तो आपको बता दूं कि आप गर्भवती होने पर अपने इच्छा के मुताबिक किसी भी भगवान की पूजा कर सकते हैं।
गर्भवती महिलाओं को मंदिर जाना चाहिए या नहीं
गर्भवती महिलाओं को मंदिर जाना चाहिए या नहीं यह बात पूरी तरह से गर्भवती महिलाओं पर निर्भर करता है कि महिला मंदिर जाना चाहते है या नहीं। दरअसल, कुछ गर्भवती महिलाओं का यह मानना है कि उन्हें इस अवस्था में मंदिर नहीं जाना चाहिए और यह पूरी तरह से आस्था का विषय माना जाता है। क्योंकि कुछ महिलाएं ये सब नहीं मानती है और गर्भवती होने पर भी अपनी आस्था मंदिर जाने पर रखती है।
गर्भवती महिलाओं को किस भगवान की करना चाहिए पूजा
चूंकि, भगवान की पूजा करना एक आस्था का विषय है। इसलिए जिन महिलाओं को किस भगवान की पूजा करना चाहिए, ये पूरी तरह से महिला पर ही निर्भर करता है कि वे किस भगवान की पूजा करना चाहते हैं।
गर्भवती महिलाओं को क्यों नहीं जाना चाहिए शिव मंदिर
गर्भवती महिलाओं को शिव मंदिर नहीं जाना चाहिए ये किसी किताब या ग्रंथ में नहीं लिखा गया है। यदि कोई गर्भवती महिला शिव मंदिर जाना चाहती है, तो से बेझिझक मंदिर जाकर पूजा कर सकती है। बल्कि, जानकारी के मुताबिक गर्भवती महिलाओं को शिव भगवान का आशीर्वाद लेना काफी फलदाई माना जाता है। ऐसे में अगर आप भी शिव मंदिर जाकर भगवान शिव की पूजा करना चाहती है, तो आप जा सकती है।
गर्भवती महिलाओं को क्यों नहीं काटते सांप
क्या आपने भी कभी सुना है कि गर्भवती महिलाओं को सांप नहीं काटते है, यदि हां तो आपको यह बात साफ कर दूं की यह बात एक अंधविश्वास है। क्योंकि गर्भवती महिला हो या कोई भी महिला सांप किसी को भी काट सकते है। बल्कि, सभी गर्भवती महिलाओं को सांप से बच कर और अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।
ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें मां और बच्चे दोनो के जान पर बात आ सकती है। अगर किसी गर्भवती महिलाओं को सांप ने काट लिया, तो उन्हें बगैर वक्त गवाएं जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क कर इलाज कराने की आवश्यकता होगी। अगर महिला के इलाज में थोड़ा भी देर हुआ तो मां और बच्चे दोनों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है।
गर्भवती महिलाओं को हवन करना चाहिए या नहीं
गर्भवती महिलाओं को हवन करना चाहिए या नहीं ये बार पूरी तरह से गर्भवती महिलाओं पर निर्भर करता है। अगर कोई गर्भवती महिला पूरी तरह से हेल्दी है और वे हवन करने में भी सक्षम है, तो फिर वे हवन कर सकती है। दरअसल, कुछ महिलाएं ऐसी होती है को शारीरिक तौर पर थोड़ा विकनेस फिल करती है। ऐसे में उन्हें हवन में नहीं बैठना चाहिए क्योंकि इससे उनकी तबायत खराब भी हो सकती है।
निष्कर्ष
आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया प्रेगनेंसी में पूजा करना चाहिए या नहीं या गर्भवती महिला को शिवजी की पूजा करनी चाहिए या नहीं के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।
FAQ
गर्भवती महिलाओं को शिवलिंग क्यों नहीं छूना चाहिए?
मुझे नहीं पता कि अन्य जातियों में भगवान शिव की पूजा न करने का क्या कारण है, लेकिन हमारे देश में गर्भवती होने के बाद भगवान शिव की पूजा करने की मनाही है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि अगर गर्भवती महिला की छाया भगवान शिव पर पड़ती है। इसके गिरने पर भगवान शिव का शरीर भारी हो जाता है।
प्रेगनेंसी में सीधे सोने से क्या होता है?
सपाट लेटने पर, गर्भाशय IVC पर दबाव डालता है। हो सकता है कि इसकी वजह से आपको सांस लेने में दिक्कत हो या फिर सीधे लेटने पर आपको भारीपन महसूस हो। इसलिए चौथे महीने से पीठ के बल सोना बंद कर देना चाहिए। इस समय सीधे लेटने से एसिडिटी आदि भी हो सकती है।
प्रेगनेंसी में नारियल का पानी कब पीना चाहिए?
गर्भावस्था की पहली तिमाही में गर्भवती महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस और थकान की शिकायत ज्यादा होती है इसलिए इस दौरान नारियल पानी का सेवन करना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। इस तिमाही में ही भ्रूण के दिमाग का विकास हो रहा होता है इसलिए इस दौरान उसे सबसे ज्यादा पोषक तत्वों की जरूरत होती है।
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