कबीर के गुरु का नाम क्या था? | Guru of Kabir Das
What was the name of the Guru of Kabir Das?
हैल्लो दोस्तों आप ने कबीर दासजीके बारे मे सुना होगा लेकिन क्या आप को पता है कबीर दासजी के गुरु का नाम क्या था तो आज के आर्टिकल में संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश करूंगा।
कबीर के गुरु का नाम क्या था?
कबीर के गुरु का नाम स्वामी रामानन्द जी थे जब कबीर के मन मे विचार आया बिना गुरु के ज्ञान और भगवान किसी की प्राप्ति नहीं होती तब कबीर दासजी ने सोचा कि गुरु बनाए बिना काम बनेगा नहीं तो किसको अपना गुरु बनाया जाए उस समय काशी में स्वामी रामानन्द संत उच्च कोटि के महापुरुष माने जाते थे कबीर दासजी ने रामानन्द के आश्रम के मुख्य द्वार पर आकर विनती कि “मुझे गुरुजी के दर्शन कराओ” लेकिन उस समय जात-पात समाज में गहरी जड़े जमाए हुए था।
उस पर भी काशी का माहौल, वहां पंडितो और पंडों का अधिक प्रभाव था। उस समय किसी ने कबीर दास की विनती पर ध्यान नहीं दिया। जब कबीर दासजी ने देखा कि हर रोज सुबह तीन-चार बजे स्वामी रामानन्द खड़ाऊं पहनकर गंगा में स्नान करने जाते हैं। उनकी खड़ाऊं से टप-टप की आवाज जो आवाज आती थी, उसी को माध्यम बनाकर कबीरदास ने गुरु दीक्षा लेने की तरकीब सोची। उसके कुछ दिनों बाद कबीरदास जी के गुरु स्वामी रामानन्द जी बने।
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निष्कर्ष
आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया (कबीर दास के गुरु का क्या नाम था, कबीर दास जी के गुरु का नाम ) के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।
FAQ
कबीर के मुस्लिम गुरु कौन थे?
कुछ लोगों का मानना है कि वह जन्म से मुस्लिम थे और युवावस्था में ही स्वामी रामानंद के माध्यम से उन्हें हिंदू धर्म के बारे में पता चला। जब रामानन्द ने चेतावनी दी तो उनके मन में वैराग्य का भाव उत्पन्न हुआ और उन्होंने उनसे दीक्षा ली। कबीर ने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए काम किया
कबीर दास का अंतिम संस्कार?
कबीर ने काशी के निकट मगहर में अपना शरीर छोड़ा। माना जाता है कि उनकी मौत के बाद उनके शव को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। हिंदू कहते थे कि उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार किया जाना चाहिए और मुसलमान कहते थे कि मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार। इसी विवाद के चलते जब उनके शव से चादर हटाई गई तो लोगों ने वहां फूलों का ढेर पड़ा देखा।
कबीरदास के के शिक्षक थे?
कबीर रामानंद के शिष्य थे। रामानंद भक्ति काल के प्रमुख संत थे।
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