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भारत की सबसे पहली राजधानी कौन सी थी?

भारत की राजधानी सबसे पहले कहां थी? | Bharat ki sabse pahli rajdhani kaun si thi

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दोस्तों, भारत की राजधानी आज के समय दिल्ली है, और दिल्ली का अपने आप में एक ऐतिहासिक महत्व रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस ऐतिहासिक महत्व के बावजूद भी शुरू में भारतवर्ष की राजधानी दिल्ली नहीं थी। दिल्ली से भी पहले भारत की कोई अन्य राजधानी थी जिसका अपने आप में एक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व भी रहा है।

क्या आप जानते हैं कि भारत की पहली राजधानी कौन सी है? या भारत की पहली राजधानी कौन सी है? (bharat ki sabse pehli rajdhani kaun si hai) यदि आप नहीं जानते और जानना चाहते हैं तो आज के लेख में हम आपको इसके बारे में जानकारी देते हुए बताएंगे कि भारत की पहली राजधानी कौन सी है। इसके अलावा हम आपको भारत की पहली राजधानी के बारे में कुछ विशेष तथ्य भी बताएंगे, तो आपके लिए निश्चित रूप से जानना जरूरी है। तो चलिए शुरू करते हैं:-

भारत की पहली राजधानी कौन सी है? | Bharat ki rajdhani pahle kaun si thi

bharat ki rajdhani pahle kaun si thi
भारत की सबसे पहली राजधानी कौन सी थी? | india ki pehli rajdhani konsi thi

दोस्तों, भारत की पहली राजधानी दिल्ली नहीं बल्कि कलकत्ता थी। दिल्ली से पह्ल्ले भारत की राजधानी को कलकत्ता के नाम से जाना जाता था। आज के समय कलकत्ता को कोलकाता के नाम से जाना जाता है।

कोलकाता को भारत की राजधानी के तौर पर धोषित करने का काम भारत के पहले गवर्नर जनरल वारेन हास्टिंग ने किया था। कलकत्ता को 1772 में भारत की राजधानी बनाया गया था।

कोलकाता सन 1772 तक मुगल साम्राज्य का एक मुख्य गढ़ माना जाता था, और इसलिए इसे ब्रिटिश राज में भी भारत की राजधानी बनाया गया था, क्योंकि कोलकाता शहर के पास समुद्र भी था।

बंगाल के पास समुद्र भी था, और वहां से चीन की और नजर भी रखी जा सकती थी। यह भारत की राजधानी के लिए एक उपयुक्त राज्य माना गया, और इसलिए वहीं होस्टिंग ने इस शहर में अर्थात कोलकाता में अपनी सभी शक्तियों को एकत्रित किया, और मुर्शिदाबाद में सभी महत्वपूर्ण संस्थानों को प्रोविंशियल मुगल कैपिटल में स्थापित कर दिया।

सन 1773 में बंबई और मद्रास ब्रिटिश गवर्नमेंट के सबोर्डिनेट बन गए थे, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जो सुप्रीम कोर्ट आज के समय दिल्ली में है, वह स्थान 1772 में कोलकाता में स्थापित किया गया था।

कोलकाता की आबादी आज के समय 20,00,000 से अधिक है। जी हां, लेकिन 1706 में इसकी आबादी 10,000 से 12,000 के बीच में थी। सन 1752 तक इसकी आबादी 1,20,000 और 1821 तक इसकी आबादी 1,90,000 तक बन गई।

कोलकाता के शहर में इतने सारे अंग्रेजों के महल बना दिए गए थे कि इस शहर को महलों का शहर भी कहा जाता था।

भारत की कुल कितनी राजधानियां है? | bharat ke kul kitne rajdhaniya hai

दोस्तों, भारत की कुल कितनी राजधानियां रही है यह सवाल और इसका जवाब आपका सर घुमा सकता है। तो सभी जानते हैं कि भारत की कुल कितनी राजधानियां रही है और भारत की कुल कितनी राजधानियां वर्तमान समय में है।

1772 में कलकत्ता को भारत की राजधानी घोषित की गई थी, इसके पश्चात सन 1858 को इलाहाबाद को, जिसे आज प्रयागराज के नाम से जाना जाता हैं, उसे भारत की राजधानी घोषित की गई।

इसके पश्चात ब्रिटिश राज में सन 1911 में कोलकाता को वापस से भारत की राजधानी घोषित की गई। 19वीं शताब्दी के मध्य तक शिमला को भारत की गर्मियों की राजधानी घोषित की गई। 1911 में दिल्ली दरबार में दिल्ली को फिर से भारत की मूल राजधानी घोषित की गई।

कोलकाता को भारत की राजधानी कब बनाया गया? | kolkata ko bharat ki rajdhani kab banaya gaya tha

kolkata ko bharat ki rajdhani kab banaya gaya tha
कोलकाता से पहले भारत की राजधानी कहां थी? | india ki sabse pahle rajdhani kaun si thi

कोलकाता को भारत की राजधानी सन 1772 में घोषित की गई थी। यह पहली बार ऐसा था जब कोलकाता को भारत की राजधानी बनाई गई थी, और कोलकाता को आमतौर पर 1772 से लेकर 1911 तक भारत की राजधानी के तौर पर देखा अभी जाने लगा। 1911 के बाद भारत की राजधानी दिल्ली रूप में घोषित की गई।

दिल्ली को भारत की राजधानी कब बनाया गया? | delhi ko bharat ki rajdhani kab banaya gaya tha

12 दिसंबर 1911 को किंग जॉर्ज के दरबार में भारत की राजधानी कोलकाता से दिल्ली में बदल दिया गया, और दिल्ली दरबार में इसकी घोषणा सामूहिक तौर पर कर दी गई। साथ ही साथ सन 1931 में दिल्ली में पार्लियामेंट का इनॉग्रेशन भी कर दिया गया।

कोलकाता से पहले भारत की कौन सी राजधानी थी? | kolkata se pehle bharat ki rajdhani kya thi

कोलकाता से पहले भारत की और भी कई राजधानियां थी, लेकिन यह राजधानियां संपूर्ण भारतवर्ष की ना होकर राजाओं के और साम्राज्यों के साम्राज्य की थी। इनके नाम कुछ इस प्रकार है-

राजगीर, पाटलिपुत्र, मथुरा, धरनीकोटा, कनकापुरा, राजूमुंडरी, विजयपुरी, कलिंगनगर, कन्नौज, गाधीपुर, कुरुर, मन्याखेता, धर्मपुरम, मदुरई, गोड़ा, तक्षशिला, भीनमाल, जौनपुर यह सभी ऐसे महत्वपूर्ण शहर और राज्य हैं जिन्हें कई सम्राज्यों के राजधानी के तौर पर देखा जाता है।

निष्कर्ष

आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया (bharat ke pahle rajdhani kon se hai) के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।

1947 से पहले भारत की राजधानी कौन सी थी?

1931 में उसी वायसराय हाउस में ऐतिहासिक गांधी-इरविन समझौते पर हस्ताक्षर किए गए और 1947 में स्वतंत्र हुए भारत ने पहली नजर में दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया।

भारत में कुल कितने राज्य है?

अगर सही तरीके से देखा जाए तो पहले भारत में 29 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश थे, लेकिन अब यह घटकर 28 और 8 केंद्र शासित प्रदेश रह गए हैं।

भारत के कितने टुकड़े हो चुके हैं?

1857 से 1947 तक भारत के कई टुकड़े हुए और इस तरह सात नए देश बने। 1947 में बना पाकिस्तान एक तरह से पिछले 2500 सालों में भारत का 24वां बंटवारा था।

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Aman

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