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सतत् विकास क्या है? आवश्यकता, उद्देश्य और लक्ष्य

satat vikas kya hai | satat vikas ki paribhasha

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सतत विकास की परिभाषा: सतत् विकास वर्तमान समय में मानव की आवश्यकता है। ना केवल मानव बल्कि संपूर्ण पृथ्वी की आवश्यकता सतत विकास ही है। हालांकि कई लोगों का यह कहना है कि यदि पृथ्वी पर मानव ही ना रहे तो सतत विकास की आवश्यकता ही ना पड़े। लेकिन मानव जिस प्रकार अंधाधुंध प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहा है, उसे परिपेक्ष में सतत विकास हम सब की पहली आवश्यकता बन जाती है।

आप में से कई लोगों को तो यह पता नहीं होगा कि Satat Vikas Kya hai, या सतत् विकास क्या है। यदि आपको यह नहीं पता है तो यह अत्यंत ही दुख की बात है। लेकिन आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि आज के लेख में हम आपको यह बताएंगे कि satat vikas ko samjhaiye और इसके परिपेक्ष में इसके उद्देश्य और सतत् विकास को प्राप्त करने के महत्व को भी हम आपको बताएंगे।

सतत् विकास क्या होता है? | Satat vikas kise kahate hain?

यदि हम आपको सबसे आसान भाषा में यह बताएं कि सतत विकास क्या है तो हम इस प्रकार समझ सकते हैं कि मानव समाज अपनी आने वाली पीढ़ी की आवश्यकता ओं के साथ बिना समझौते किए वर्तमान के संसाधनों का दोहन कर सकता है, और यह दोहन ऐसी प्रक्रिया और नियमावली के साथ किया जाए जिससे हमारे समक्ष संसाधनों की कमी ना पड़े, साथ ही यही संसाधन हमारे भविष्य में हमारे अग्रज इस्तेमाल कर पाए ताकि वह भी उन सभी संसाधनों का लाभ उठा सके, जिन संसाधनों का लाभ आज हम उठा रहे हैं।

सतत् विकास की आवश्यकता क्यों है? | satat vikas ki avashyakta kyon hoti hai apne vichar likhiye

satat vikas kya hai
satat vikas ko aadhunik avdharna adhik dhyan kendrit karti hai

सतत विकास की आवश्यकता मानव समाज को सदैव ही रही है। सतत विकास के अंतर्गत मानव विशेष्य नियमों के अंतर्गत प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करता है। और यह दोहन कुछ इस प्रकार किया जाता है कि आने वाले समय में इन संसाधनों के दोहन के माध्यम से हम अपनी आवश्यकताओं को तो पूर्ण करते ही हैं। साथ ही साथभविष्य में हमारी पीढ़ियों की चिंता करते हुए हम यह भी देखते हैं कि इन संसाधनों का उपयोग हमारी आने वाली पीढ़ी भी कर सकें।

यदि आज हम सतत् विकास की आवश्यकता को नहीं समझेंगे तो जिस नदी का पानी आज हम पी रहे हैं उस नदी का पानी भविष्य में हमारी पीढ़ियां नहीं पी पाएंगे। जिस खेत से आज हम अनाज खा रहे हैं हमारी आने वाली पीढ़ियां  उस खेत के अनाज को नहीं खा पाएंगे। जिन पहाड़ों को, नजारों को, प्रकृति को, देखकर आज हम आनंदित हो रहे हैं उस नजारे को हमारी पीढ़ियां नहीं देख पाएंगे।

यह हम पर निर्भर करता है कि हम हमारी आने वाली पीढ़ी को एक सुरक्षित भविष्य देकर जाना चाहते हैं या अंधकार में डूबा हुआ भविष्य देना चाहते हैं। यदि हम हमारी आने वाली पीढ़ी को एक सुरक्षित भविष्य देना चाहते हैं तो हमारे लिए यह आवश्यक है कि हम सतत विकास पर बल दे, और सतत विकास यानी कि संयमित विकास के माध्यम से हम हमारी जरूरतों को भी पूरा कर सकते हैं। साथ ही हमारे आने वाली पीढ़ी को भी एक सुरक्षित भविष्य दे सकते हैं।

सतत् विकास का उद्देश्य | satat vikas ka uddeshya kya hai

सतत् विकास के उद्देश्य निम्नलिखित है उन सभी का विवरण मैं आपको नीचे दे रहा हूँ जो इस प्रकार हैं।

  • लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करना
  • पर्यावरण की सफाई और शुद्धि
  • आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना लेकिन इस बात का ध्यान रखना कि प्राकृतिक संसाधन भंडार सुरक्षित और सुरक्षित हैं
    पर्यावरण भंडार और भावी पीढ़ियों को नुकसान पहुंचाए बिना मानव और भौतिक पूंजी को संरक्षित और बढ़ाने के लिए आर्थिक
  • विकास में तेजी लाने का लक्ष्य

सतत् विकास का लक्ष्य | satat vikas ka lakshya kya hai

सतत् विकास का मुख्य लक्ष्य यह है कि:-

  • यह समाज के अंतर्गत न्याय शांति को स्थापित करता है। साथ ही मानव जाति के मध्य टकराव और संकट की स्थिति को समाप्त करता है। क्योंकि यदि सतत् विकास को ना अपनाया गया तो इससे मानव अस्तित्व का संकट पैदा हो सकता है।
  • सतत् विकास के माध्यम से गरीबी का उन्मूलन किया जा सकता है।
  • सतत् विकास के माध्यम से भुखमरी जैसी समस्या का निपटारा किया जा सकता है।
  • सतत् विकास के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण किया जा सकता है।
  • सतत् विकास के माध्यम से स्थलीय पारिस्थितिकी प्रणाली, मृदा अपरदन को रोकना, सुरक्षित जंगलों, भूमि संरक्षण, जैव विविधता इन सबको सुरक्षित रखा जा सकता है।
  • सतत् विकास से शहरीकरण को रोका जा सकता है, और ग्रामीण स्थायित्व को बचाया जा सकता है।
  • सतत् विकास देश की अर्थव्यवस्था को तो मजबूत करता ही है, साथ ही साथ यह देश में असमानता को भी संतुलित करता है।
  • आपको यह जानकर हैरानी होगी लेकिन सतत् विकास के माध्यम से लिंगभेद को भी दूर किया जा सकता है। क्योंकि इसके द्वारा समाज में महिलाओं के विकास को प्रोत्साहित किया जा सकता है, और सतत विकास को जितना बल महिलाओं के द्वारा मिलता है
  • उतना बल पुरुषों के द्वारा नहीं मिल सकता।
  • सतत् विकास के माध्यम से हमारी आने वाली पीढ़ी और वर्तमान पीढ़ी को भी गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा प्रदान की जा सकती है।
  • सतत् विकास के माध्यम से रोजगार के अवसर बेरोजगारों को उपलब्ध करवाए जा सकते हैं।
  • बेरोजगारी की समस्या दूर की जा सकती है।
  • स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास किया जा सकता है।

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निष्कर्ष

आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया कौशल विकास जीवन के सतत विकास का मुख्य आधार निबंध (satat vikas se aap kya samajhte hain) के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।

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