आजाद भारत के प्रथम गृह मंत्री कौन थे? | First Home Minister
Who was the first Home Minister of independent India?
मित्रों, आज के समय भारत जैसे मुकाम पर है हमें उस मुकाम पर पहुंचने में 75 सालों का समय लगा है। जब भारत ब्रिटिश सरकार की गुलामी से आजाद हुआ था उसके पश्चात भारत की कई सरकारें अपने कार्यकाल ढंग से पूरा तक नहीं कर पाई थी। लेकिन फिर भी भारत में कई राजनेता ऐसे थे जिनकी राजनीतिक चेतना के कारण आज के समय हम इस महान भारत में रह पा रहे हैं। इसी प्रकार के एक राजनेता भारत के प्रथम गृह मंत्री भी हुए थे।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि Swatantra bharat ke pratham grah mantri kaun the? यदि आप नहीं जानते तो कोई बात नहीं। क्योंकि आज हम आपको बताने वाले हैं कि भारत के प्रथम गृह मंत्री कौन थे? इसी के साथ हम उनके बारे में आपको विभिन्न प्रकार की बातें’ भी बताएँगे जो शायद आपने आपसे पहले कभी नहीं जानी होंगी। तो चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं कि Swatantra bharat ke pratham grah mantri kaun the?
आजाद भारत के प्रथम गृह मंत्री कौन थे? | Swatantra bharat ke pratham grah mantri kaun the?
आजाद भारत के प्रथम गृह मंत्री वह व्यक्ति थे जिन्होंने पूरे भारत को एकीकृत किया तथा जिन्हें “लौह पुरुष” के नाम से भी जाना जाता है, जी हां! हमारे और आपके, सबके प्रिय “श्री वल्लभ भाई पटेल” हैं। जिन्हें सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम से भी जाना जाता है, वह भारत के प्रथम गृह मंत्री थे।
उन्होंने अपने 3 साल 119 दिनों के कार्यकाल में भारत को एकीकृत किया। भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी, तब उस समय भारत में कुल 565 रियासतें थी। यानी कि भारत 565 रियासतों में बटा हुआ था, और इनमें से कुछ पाकिस्तान के हिस्से में चली गई।
अधिकतर रियासतें भारत में सरदार वल्लभ भाई पटेल की वजह से विलय कर सकी, और सरदार वल्लभ भाई पटेल के कारण आज के समय हम इस विशाल भारत में रह पा रहे हैं।
सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन परिचय | Sardar Vallabhbhai Patel Biography
जन्म-मृत्यु | 31 अक्टूबर 1875 – 15 दिसम्बर 1950 |
जन्म-मृत्यु स्थान | नाडियाड- बॉम्बे |
आयु (age) | 75 वर्ष |
जाति (caste) | कुर्मी जाति |
पिता | झावर भाई |
माता | लाड़ बाई |
पत्नी का नाम | झवेरबाई |
भाइयों के नाम | सोम भाई, बिट्ठल भाई, नरसीभाई |
बहन का नाम | दहिबा |
बेटा | दह्याभाई |
बेटी | मणिबेन |
मूर्ती कहाँ है | गुजरात |
राजनैतिक पार्टी | इंडियन नेशनल कांग्रेस |
सरदार वल्लभभाई पटेल एक ऐसी शख्सियत है जिनके बारे में जितना बताया जाए उतना कम है। सरदार वल्लभ भाई पटेल जी का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था।
सन 1875 में सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म ब्रिटिश इंडिया के बोम्बे प्रेसिडेंसी में हुआ था। आज के समय उनके जन्म स्थान को हम गुजरात के खेड़ा डिस्ट्रिक्ट में प्राप्त कर सकते हैं। उनके पिता का नाम झावेर भाई पटेल था तथा माता जी का नाम लाडबा पटेल था।
उनके एक भाई भी थे जिनका नाम विट्ठलभाई पटेल था। सरदार पेशे से एक बैरिस्टर थे, वह राजनेता थे, तथा फ्रीडम फाइटर थे। सन 1993 में उन्हें उनके महानतम कार्यों के लिए मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया।
सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रसिद्धि की वजह
आजाद भारत के प्रथम गृह मंत्री के तौर पर हमारे पूर्व मुख्यमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल जी का कार्यकाल सदैव स्मरण किया जाएगा, क्योंकि उन्होंने आजाद भारत को एकीकृत करने में अपनी हर एक सांस झोंक दी थी।
लेकिन 15 दिसंबर 1950 वह काला दिन था जब 75 वर्ष की आयु में हमारे भारत के पूर्व तथा प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल हार्ट अटैक से मृत्यु को प्राप्त हुए। आज के समय गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति बनाई गई है जो कि तकरीबन 182 मीटर ऊंची है इस मूर्ति का नाम स्टेचू का नाम स्टैचू ऑफ यूनिटी है।
वल्लभ भाई पटेल को उनके बहादुरी तथा नेतृत्व शक्ति के कारण सरदार ना मिला था जिस का हिंदी में मतलब महान व्यक्ति है नायक से होता है सरदार वल्लभभाई पटेल एक ऐसे राजनेता थे जिन्होंने आजादी के पश्चात भारत का एकीकरण किया तथा सन 1947 में पैदा होते ही भारत से युद्ध करने वाले पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया था
सरदार वल्लभभाई पटेल के महान कार्य
सरदार वल्लभभाई पटेल राजनीतिक तौर पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक सदस्य थे, जिन्होंने भारत के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सरदार वल्लभ भाई पटेल के कारण ही भारत के एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए किसी भी भारतीय को पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं होती।
सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत की स्वतंत्रता के लिए आंदोलनों के संघर्ष में अपनी अपनी भूमिका निभाई थी। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के रूढ़िवादी सदस्यों में से एक थे। सरदार बल्लभ भाई पटेल को भारत के एकीकरण और भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान सबसे ताकतवर गृह मंत्री जी को लौह पुरुष रूप में याद किया जाता है।
मुख्य तौर पर सरदार इन्ही दो कारणों की वजह से वह सबसे प्रसिद्ध है। सरदार वल्लभभाई पटेल एक काफी सफल वकील भी है, जिन्होंने ब्रिटिश राज के समय कई मुकदमे जीते थे। उनमें से अधिकतर मुकदमे ब्रिटिश सरकार के खिलाफ थे। लोगों की मदद करके वह लोगों के चहेते बन गए और लोगों ने उन्हें अपने प्रभावशाली नेता के रूप में स्वीकार किया।
साथ ही उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 49वें अध्यक्ष के रूप में भी स्वीकार किया गया था। भारत राष्ट्र के प्रति उनकी राष्ट्रीय एकता की सोच तथा उनकी प्रतिबद्धता संपूर्ण रूप से अधिक की, और इसी कारण उन्हें भारत का लौह पुरुष के नाम से भी जाना जाता है।
रियासतों के एकीकरण में सरदार वल्लभभाई पटेल की भूमिका
सरदार पटेल, अपने खराब स्वास्थ्य और उम्र के बावजूद, एक अखंड भारत के निर्माण के बड़े उद्देश्य से कभी नहीं चूके। भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधान मंत्री के रूप में, सरदार पटेल ने भारतीय संघ में लगभग 565 रियासतों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
त्रावणकोर, हैदराबाद, जूनागढ़, भोपाल और कश्मीर जैसी कुछ रियासतें भारतीय राज्य में शामिल होने के खिलाफ थीं।
सरदार पटेल ने रियासतों के साथ आम सहमति बनाने के लिए अथक प्रयास किया लेकिन जहां भी आवश्यक हो, समा, दामा, डंडा और भेद के तरीकों को अपनाने में संकोच नहीं किया।
उन्होंने नवाब द्वारा शासित जूनागढ़ की रियासतों और निजाम द्वारा शासित हैदराबाद को अपने कब्जे में लेने के लिए बल का इस्तेमाल किया, दोनों ही अपने-अपने राज्यों को भारत संघ में विलय नहीं करना चाहते थे।
सरदार वल्लभभाई पटेल ने ब्रिटिश भारतीय क्षेत्र के साथ रियासतों की सिलाई की और भारत के बाल्कनीकरण को रोका।
निष्कर्ष
मित्रों, आज के लेख में हमने जाना कि Swatantra bharat ke pratham grah mantri kaun the? इसी के साथ हमने यह भी जाना कि सरदार वल्लभ भाई पटेल कौन थे, और उन्होंने अपने जीवन काल में वह क्या कार्य किए थे। जिनके कारण उन्हें आज के समय भारत समेत पूरा विश्व में याद किया जाता है। यदि आप आते तो कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।
FAQ
भारत के पहले वित्त मंत्री कौन है?
शन्नमुगम चेट्टी स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री थे। वह 1947-49 के बीच जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री थे। 26 नवंबर 1947 को चेट्टी ने स्वतंत्र भारत का पहला बजट पेश किया। इससे पहले वे 1933 से 1935 तक भारतीय केंद्रीय विधान सभा के अध्यक्ष थे।
भारत का दूसरा शिक्षा मंत्री कौन है?
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद या अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन (11 नवंबर, 1888 – 22 फरवरी, 1958) एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे।
भारत के राष्ट्रपति शिक्षा मंत्री कौन है?
भारत के वर्तमान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान हैं। उन्हें 7 जून 2021 को भारत के 33वें शिक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। इससे पहले, रमेश पोखरियाल भारत के शिक्षा मंत्री थे। उनके इस्तीफे के बाद, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने धर्मेंद्र प्रधान को शिक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया।
राष्ट्रपति से बड़ा कौन होता है?
राष्ट्रपति केवल नाममात्र का शासक होता है, प्रधान मंत्री के पास राष्ट्रपति से अधिक शक्तियाँ होती हैं जबकि प्रमुख कार्यकारी शक्तियाँ प्रधान मंत्री में निहित होती हैं।
भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति कौन है?
नए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को पद की शपथ दिलाते हुए प्रधान न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन। 19 दिसंबर, 1934, भारत के 12वें राष्ट्रपति हैं। वह पद धारण करने वाली पहली महिला और पहली महाराष्ट्रीयन हैं।
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