स्कीमा किसे कहते हैं? | Schema ka Arth aur udaharan
स्कीमा क्या है? | schema kya hota hai in hindi

दोस्तों अगर आप थोड़ा बहुत भी मनोविज्ञान में रुचि रखते हैं तो शायद आपको पता होगा की स्कीमा किसे कहते हैं , क्युकी यह ऐसी चीज़ हैं जिसके बारे में हम सभी को पता होना चाहिए।
स्कीमा की बात करें तो यह दो तरह के होते हैं पहला जो मनोविज्ञान से जुड़ा हुआ हैं और जिसके बारे में आज हमलोग इस पोस्ट में जानने वाले हैं और दूसरा हैं वो स्कीमा जो इंटरनेट पर वेबसाइट्स में इस्तेमाल किया जाता हैं।
तो आइए जानते हैं की स्कीमा क्या होता हैं क्यों हमे इसके बारे में पता होना चाहिए।
स्कीमा किसे कहते हैं?

आसान शब्दों में कहूं तो मनुष्य के मस्तिष्क में जो चीजें पहले से जमा होती हैं और जिसको इस्तेमाल करके वो किसी भी वस्तु को देखने या सुनने के बाद उसके प्रति अपने मन में धारणा बनाता हैं, उसी को स्कीमा कहते हैं।
स्कीमा किसी भी जानकारी या सूचना का एक छोटा सा पैकेट होता हैं जो हमे हमारे मन में किसी भी प्रकार के वस्तु या विचार के प्रति उसका डायग्राम या आउटलाइन बनाने में मदद करता हैं।
मनुष्य के मस्तिष्क के अंदर स्कीमा का बहुत बड़ा योगदान होता हैं क्युकी स्कीमा का काम हैं यह निर्धारित करना की किसी भी जानकारी को मन में कैसे व्यवस्थित करके दिखाया जाए।
स्कीमा मनुष्य के मस्तिष्क में एक रिप्रेजेंटेटर की तरह काम करता हैं और सारे नॉलेज को अलग अलग श्रेणियों में रखता हैं जिससे जब कभी भी जरूरत पड़े, हमारे मन में उसका डायग्राम तुरंत बने।
स्कीमा बहुत सारे प्रकार के होते हैं जैसे की वस्तु स्कीमा, व्यक्ति स्कीमा, सामाजिक स्कीमा आदि बहुत सारे।
स्कीमा का उदाहरण
मनोविज्ञान में स्कीमा बहुत अहम भूमिका निभाता हैं और यह हैं इसके एक उदाहरण।
जब एक बच्चा छोटा होता हैं पहली बार कुत्ता को देखता हैं, तो उसके मन में एक रुचि पैदा होती हैं उसके बारे में जानने की और जब उसको कुत्ते के बारे में पता चलता हैं तो उसका मस्तिष्क अपने अंदर कुत्ते का एक स्कीमा बना लेता हैं।
और फिर आगे से जब वो कुत्ते को देखता हैं तो उसे पता चल जाता हैं की यह एक कुत्ता हैं, लेकिन कुत्ते के अलावा भी अगर वो किसी चार पैर वाले जानवर को देखता हैं तो उसे लगता हैं की यह कुत्ता ही हैं क्युकी उसके मस्तिष्क में अभी सिर्फ कुत्ते का ही स्कीमा हैं।
ऐसे ही जब उसके पैरेंट्स उसको धीरे धीरे उसको सारे जानवरों और वस्तुओं के बारे में बताता है तो बच्चे के दिमाग में हर चीज़ का एक स्कीमा बनता जाता हैं।
जिसके कारण आगे से वो कोई भी चीज़ देखता हैं तो उसके मन में उस चीज़ का एक डायग्राम बन जाता हैं जिसके वजह से वो समझ पाता हैं की वो चीज़ क्या हैं।
निष्कर्ष
तो दोस्तों मैं उम्मीद करता हूं की आपको हमारे द्वारा लिखे गए इस आर्टिकल से कुछ न कुछ सीखने और जानने को मिला होगा जिसमे हमने आपको मनोविज्ञान से जुड़ा हुआ एक काफ़ी बेहतरीन टॉपिक स्कीमा के बारे में बताया हैं।
स्कीमा एक मानसिक प्रतिनिधित्व हैं जो मनुष्य में मस्तिष्क में उपलब्ध ज्ञान को श्रेणियों में रखता हैं जिससे हम किसी भी चीज़ को जान और समझ पाते हैं।
और हां, अगर हमारे दिमाग में किसी भी चीज़ की स्कीमा बनी हुई हैं (schema kya hota hai in hindi) और हमे उस चीज से जुड़ी और ज्यादा जानकारी मिलेगी तो स्कीमा भी अपडेट होगा।
अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया और इससे कुछ भी नया सीखने को मिला तो इसे अपने दोस्तों और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर शेयर जरूर करें।
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