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झूठे SC/ST Act से कैसे बचा सकता है?

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आजादी से पहले हमारे देश में उच्च जाति वर्ग के लोगों के द्वारा निम्न जाति वर्ग के लोगों पर अत्याचार किए जाते थे जैसे किसी भी निम्न जाति वर्ग के व्यक्ति को उच्च जाति वर्ग के व्यक्ति के सामने से निकलना, उसके घर पर आने पर रोक थी।

इसके साथ-साथ समुदायिक नल से पानी पीने एवं शिक्षा प्राप्त करने जैसे सभी आवश्यक कार्यों से भी उन्हें दूर रखा जाता था उनके साथ हो रहे इस अत्याचार को रोकने के लिए ही एससी एसटी एक्ट (Sc St Act Dhara) की शुरुआत की गई थी‌। इसे हरिजन एक्ट (Harijan Act) के नाम से भी जाना जाता है।

एससी-एसटी एक्ट क्या हैं (Sc/St Act in Hindi)

SC/ST Dhara एक ऐसी धारा है जिसके तहत अगर कोई उच्च जाति वर्ग से आने वाला व्यक्ति निम्न जाति वर्ग के व्यक्ति पर किसी भी प्रकार का अत्याचार करता है तो उसको एससी एसटी एक्ट के तहत मृत्युदंड और उमर कैद की सजा तक हो सकती है। इस अधिनियम को 1989 में देश की संसद के द्वारा पारित किया था, लेकिन इसे पूरे देश में 1990 में लागू किया गया था।

एससी एसटी एक्ट की धाराएं (Sections of SC/ST Act)

Sections of SC ST Act

एससी एसटी एक्ट के तहत कुल 16 धाराएं देखने को मिलती हैं ये सभी धाराएं अपराधी के द्वारा किए गए अपराध के अनुसार उस पर लगायीं जाती है।

जैसे अगर बात की जाए सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली धारा कि तो अगर कोई व्यक्ति एससी एसटी एक्ट 3 के अंतर्गत आता है तो उसे 6 महीने से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है इसके साथ-साथ उसे ₹50,000 से लेकर ₹60,000 तक का जुर्माना हरिजन समाज के व्यक्ति को देना पड़ सकता हैं।

एससी-एसटी एक्ट से बचने के उपाय (SC/ST Act Se Kaise Bache)

हरिजन एक्ट (Harijan Act) का दुरुपयोग किए जाने के कारण अनेकों लोग एससी एसटी एक्ट से बचने के उपाय ढूंढ रहे हैं। तो हम उन्हें बताना चाहते हैं। अगर कोई निम्न जाति वर्ग का व्यक्ति आपको उस पर हमला करने के लिए मजबूर कर रहा है।

तो आपको इस गलती को करने से बचना चाहिए इसके साथ-साथ अगर आपकी किसी कारणवश किसी हरिजन समाज के व्यक्ति झगड़ा हो भी गया है, तो आपको खुद को सही साबित करने के लिए पुख्ता सबूत ढूंढने की कोशिश करनी चाहिए।

एससी-एसटी एक्ट में गिरफ्तारी कब होती है?

एससी-एसटी एक्ट में गिरफ्तारी कब होती है

किसी हरिजन व्यक्ति के द्वारा एससी एसटी एक्ट के तहत एफआईआर करने के तुरंत बाद पुलिस के द्वारा अपराधी की गिरफ्तारी की जा सकती है।

हरिजन एक्ट में जमानत कितने दिन में होती है

अगर किसी अपराधी के द्वारा हरिजन समाज के व्यक्ति के साथ कोई निम्न अपराध किया गया है तो उसे 6 महीने से लेकर 5 साल तक जमानत की प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है किंतु अगर अपराधी ने कोई बड़ा जुर्म किया है तो उसे कोर्ट की द्वारा उम्र कैद या फांसी की भी सजा हो सकती है।

निष्कर्ष 

हमने अपने इस लेख में एससी-एसटी एक्ट क्या हैं, एससी एसटी एक्ट की धाराएं, एससी-एसटी एक्ट से बचने के उपाय, एससी-एसटी एक्ट में गिरफ्तारी कब होती है, हरिजन एक्ट में जमानत कितने दिन में होती है जैसी सभी आवश्यक जानकारी को साझा किया है अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो अपने मित्रों के साथ अवश्य साझा करें।

एससी/एसटी एक्ट में कितनी सजा मिलती है?

इस एक्ट में 6 महीने से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। 

हरिजन एक्ट में कितना पैसा मिलता है?

हरिजन एक्ट के तहत 50000 से लेकर ₹60000 तक का जुर्माना देने  का प्रावधान है।

एससी-एसटी एक्ट कैसे लगता है?

किसी उच्च जाति से आने वाले व्यक्ति के द्वारा किसी निम्न जाति वर्ग के व्यक्ति पर अत्याचार किए जाने पर इस अधिनियम का प्रयोग होता है। 

एससी एसटी एक्ट कब लागु हुआ था ?

एससी एसटी एक्ट 1950 में लागू हुआ था।

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Vivek Roy

मेरा नाम विवेक कुमार हैं, मैं बिहार राज्य का रहने वाला हूं। मुझे पढ़ाई के साथ साथ ब्लॉगिंग और कंटेंट राइटिंग करने में भी काफ़ी दलचस्पी हैं, इसलिए आप सभी के लिए मैं Newssow.com प्लेटफार्म के जरीये बेहतरीन और अच्छे अच्छे आर्टिकल लेकर आता हूं।

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