नमस्कार दोस्तों रॉयल बंगाल चिता को भारत के राष्ट्रीय पशु की संज्ञा दी गई है। यह पद उसको उसकी खूबसूरती तथा उसकी बहादुरी को देखते हुए दी गई है। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि रॉयल बंगाल सीता कहां पाया जाता है, यदि आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि रॉयल बंगाल चीता कहां पर पाया जाता है इसके अलावा हम आपको इससे जुड़ी लगभग हर एक जानकारी इस पोस्ट के अंतर्गत देने वाले हैं। तो ऐसी में आज का यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण आने वाला है तो इसको अंत तक जरूर पढ़िए।
रॉयल बंगाल चीता कहां पाया जाता है?
जैसा कि दोस्तों आप सभी को पता होगा कि रॉयल बंगाल सीता हमारे देश भारत का राष्ट्रीय पशु है। लेकिन इस विषय के बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी होती है कि यह चीता कहां पर पाया जाता है या फिर यह चीता कहां पर देखने को मिलता है तो आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूं कि मुख्य रूप से यह रॉयल बंगाल चिता भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार और दक्षिणी तिब्बत के तराई इलाकों वाले जगहों में पाया जाता है।
दोस्तों यह रॉयल बंगाल चीता काफी ज्यादा बहादुर, साहसी, सुंदर तथा ताकतवर होता है और इसी कारण इसे भारत के राष्ट्रीय पशु की संज्ञा भी दी गई है।
बंगाल टाइगर का इतिहास | Royal Rengal Tiger Information In Hindi
बंगाल टाइगर का इतिहास सदियों पीछे चला जाता है। 20वीं सदी की एक रिपोर्ट के मुताबिक 12 फीट लंबे बाघ की कल्पना की जा रही थी। वहां वैज्ञानिक हलकों ने भी जांच करना शुरू कर दिया। और उस बाघ को किसी अधिकारी ने गोली मार दी थी। जब उस बाग की लंबाई-चौड़ाई नापी गई तो सभी हैरान रह गए। इस बाघ की लंबाई 12 फीट मापी गई थी।
पिछले कई सदियों से बाघ हमारे देश और दुनिया का अहम हिस्सा रहे हैं। खासकर बंगाल टाइगर भारत का राष्ट्रीय पशु है। और इसकी ताकत, सुंदरता और खाद्य श्रृंखला के शीर्ष पर होने के कारण इसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया था।
यह रोमन साम्राज्य, मुगल साम्राज्य तक अभिन्न रहा है। उन्हें अजंता एलोरा की गुफाओं और हिंदू पवित्र मंदिरों में विभिन्न चल चित्रों में एक देवता के रूप में चित्रित किया गया है। बाघों का चित्रण भारत की किसी मुद्रा और श्रीलंका की एक मुद्रा में देखा गया है जो बहुत प्राचीन मुद्रा थी।
रॉयल बंगाल चिता से जुड़ी खास बातें
1. दोस्तों भारत का राष्ट्रीय पशु के जाने वाले रॉयल बंगाल टाइगर का आकार 420 पाउंड का होता है, या फिर हम कह सकते हैं कि इसका कुल आकार 190 किलो तक का हो सकता है, इसके अलावा इस टाइगर की लंबाई की बात की जाए तो इसकी लंबाई 9 फिट तक हो सकती है। इन प्रजाति के अंतर्गत नर की तुलना में मादा थोड़ी छोटी होती है, जिनका वजन 310 पाउंड तक होता है, तथा इनकी लंबाई 8 फिट तक होती है।
2. दोस्तों यह रॉयल बंगाल टाइगर काफी ज्यादा शक्तिशाली होता है, जिस कारण यह किसी भी प्रकार के शिकार को पकड़कर उसका शिकार कर सकता है। चाहे वह शिकार इस चीते से आकार में कितना ही बड़ा क्यों ना हो।
3. सभी मांसाहारी जानवरों की बात की जाए तो रॉयल बंगाल टाइगर के दांत इन मांसाहारी जानवरों के अंतर्गत सबसे बड़े होते हैं, इसके अलावा यह टाइगर अपने दांत को 4 इंच तक बड़ा भी कर सकता है।
4. रॉयल बंगाल टाइगर एक बार में 30 किलो से लेकर 40 किलो तक मांस खा सकती है, और यह करने के बाद उसे लगभग 3 सप्ताह तक कोई अन्य शिकार करने की जरूरत नहीं होती है। यानी कि इससे वह लगभग 3 सप्ताह तक अपना गुजारा चला सकती है।
तो दोस्तों रॉयल बंगाल टाइगर के अंतर्गत यह कुछ विशेषताएं पाई जाती है, जिनके बारे में आपका जानना काफी आवश्यकता था।
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आज आपने क्या सीखा
आज के इस आर्टिकल के अंतर्गत आपने जाना की रॉयल बंगाल चीता कहां पाया जाता है, इसके बारे में हमने आपको इस पोस्ट के अंतर्गत संपूर्ण जानकारी दी है। इसके अलावा हमने आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताया कि रॉयल बंगाल टाइगर के अंतर्गत क्या क्या खास बातें पाई जाती है।
हमने आपको इस पोस्ट के अंतर्गत रॉयल बंगाल टाइगर (bangal tiger kahan milte hain) से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी शेयर करने का प्रयास किया है। हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी पसंद आई है, तथा आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया सीखने को मिला है। इस पोस्ट को सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर जरूर करें तथा नीचे हमें अपनी राय कमेंट में जरूर दें।
बंगाल टाइगर को भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में क्यों चुना गया?
बंगाल टाइगर को भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में चुना गया था क्योंकि इसकी अपार ताकत, मजबूत शरीर, मजबूत कद, कुशल शिकारी, खाद्य श्रृंखला के शीर्ष, शक्ति का प्रतीक था।
भारत में बाघ की संख्या कितनी है?
इस वृद्धि दर से भारत में बाघों की आबादी 2022 तक आसानी से दोगुनी हो जाएगी। देश के 20 राज्यों में कुल 2,967 बाघ हैं। इनमें से 1,492 बाघ मध्य प्रदेश, कर्नाटक और उत्तराखंड में हैं।
बाघों को बचाना क्यों जरूरी है?
बाघ को बचाने का मतलब है कि हम जंगल बचाएं क्योंकि बाघ उन जगहों पर नहीं रह सकता जहां पेड़ गायब हो गए हैं और बदले में सभी के लिए सुरक्षित भोजन और पानी है। हर जंगली जानवर को बचाना जरूरी है। नहीं तो आने वाली पीढि़यां सिर्फ तस्वीरों और फिल्मों में ही देख पाएंगी।
वर्तमान में भारत में कितने टाइगर रिजर्व है?
भारत में कितने टाइगर रिजर्व हैं? अक्टूबर 2021 तक, भारत में कुल 52 बाघ अभयारण्य हैं।
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