भारत की पहली और दूसरी राजधानी कौन सी है?
bharat ke pheli aur dusre rajdhani kaun si hai bataiye

दोस्तों, आज के समय भारतवर्ष की दो राजधानियां रह चुकी है। निश्चित रूप से आप दिल्ली के बारे में तो जानते ही हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे पहले भारत की कौन-सी राजधानी थी (bharat ki dusri rajdhani kaun si hai), और यदि वह भारत की पहली राजधानी थी, तो भारत की दूसरी राजधानी कौन सी है?
इन सभी सवालों से हमारा सर दर्द हो सकता है, लेकिन हमारा अंतिम लक्ष्य कुछ सवालों के जवाब प्राप्त करना है। यदि आप यह जानने के लिए यहां पर आए हैं कि भारत की दूसरी राजधानी कौन सी है? (bharat ki pehli rajdhani kaun si hai) तो आज के लिए हम आपको इसके बारे में सारी जानकारी देंगे। यदि आप इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारे साथ तक बने रहिएगा। तो चलिए शुरू करते हैं-
भारत की पहली राजधानी कौन सी है? | Bharat ke pahle rajdhani kon se hai
दोस्तों, यदि ब्रिटिश साम्राज्य की बात की जाए तो ब्रिटिश साम्राज्य के अंतर्गत भारत की पहली राजधानी “कोलकाता” थी। 1772 में ब्रिटिश राज्य के अंतर्गत कोलकाता को भारत की पहली राजधानी घोषित की गई।
भारत की दूसरी राजधानी कौन सी है? | bharat ke dusre rajdhani kon se hai
यदि हम कोलकाता के बाद की बात करें तो, सम्पूर्ण भारत की दूसरी राजधानी किंग जॉर्ज के दरबार में सन 1911 में “दिल्ली” को बनाया गया था।
सन 1911 में दिल्ली दरबार में अर्थात किंग जॉर्ज के दरबार में सामूहिक रूप से दिल्ली को भारत की राजधानी के तौर पर घोषित कर दिया गया, और जो भी शक्तियां कोलकाता में स्थित थी उन सभी शक्तियों को दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया गया। इसी के साथ दिल्ली में 1931 में एक संसद भवन का निर्माण भी किया गया।
दिल्ली का सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्व

दोस्तों, दिल्ली आज के समय भारत की राजनीतिक राजधानी है, अर्थात भौगोलिक रूप से और राष्ट्रीय राजनीतिक तौर पर दिल्ली को भारत की राजधानी के रूप में अपनाया गया है।
लेकिन दिल्ली कोई राज्य नहीं है, बल्कि केंद्र शासित प्रदेश है। इसका कारण यह है कि यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र है। दिल्ली यमुना नदी के किनारे मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश पश्चिम दिशा में और हरियाणा के पूर्व दिशा में स्थित है।
सन 2011 की जनगणना के अनुसार दिल्ली की जनसंख्या एक 1.6 करोड़ से भी अधिक थी, और आज के समय 2,80,00,000 से अधिक है।
दिल्ली के शहरी समूह में गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गांव, नोएडा में यह कई शहर शामिल है। दिल्ली भारत का सबसे बड़ा महानगर क्षेत्र है, और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा महानगर क्षेत्र है।
यदि हम इसके मध्यकालीन समय की बात करें तो पुराना किला स्थलाकृति संस्कृत महाकाव्य महाभारत का इंद्रप्रस्थ का साहित्य विवरण भी हमें दिल्ली के क्षेत्र से ही मिलता है।
इसके ऐतिहासिक संदर्भ की बात की जाए तो दिल्ली सल्तनत की राजधानी थी। इसके अलावा दिल्ली में कुतुब मीनार हुमायु का मकबरा, और लाल किला जैसे क्षेत्र यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल है।
इसके अलावा दिल्ली में सूफीवाद का, कव्वाली का मुख्य संगीत का प्रारंभिक केंद्र रहा था। निजामुद्दीन औलिया और अमीर खुसरो दिल्ली के नाम के साथ में ज्यादा जुड़े हुए हैं।
दिल्ली की खड़ी बोली में भाषाई विकास भी देखा गया है, जिसमें उर्दू, उसके पश्चात आधुनिक मानिक हिंदी के साहित्य ने जन्म लिया। यहां पर अर्थात दिल्ली में मीर तकी मीर और मिर्जा गालिब दिल्ली में ही अपना नाम प्राप्त किए हैं।
आपको जानकार आश्चर्य होगा कि सन 1857 का भारतीय विद्रोह का मूल केंद्र दिल्ली था, जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की जड़ों को हिला दिया था।
सन 1957 की स्वतंत्रता के बाद दिल्ली को इंडियन यूनियन के राजधानी के तौर पर ही देखा जाने लगा, और 1950 के बाद यह भारत की राजधानी के तौर पर जारी रहा।
कोलकाता का सांस्कृतिक एवं राजनीतिक महत्व
सन 1772 में कोलकाता को भारत की राजधानी के तौर पर जाना जाता था, और सन 1911 तक कोलकाता ही भारत की राजधानी थी जिसके पश्चात दिल्ली को भारत की राजधानी बना दिया।
लेकिन आज के समय भी कोलकाता बंगाल की राजधानी है, और जब बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल अलग नहीं हुआ करते थे, उस समय कोलकाता पूरे बंगाल की राजधानी थी। एक तरीके से कलकत्ता का आज भी वाणिज्य केंद्र और वित्तीय केंद्र के तौर पर देखा जाता है।
भारत के उत्तर पूर्व में व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए कोलकाता को एक मुख्य केंद्र माना जाता है, और यहां पर मुख्य बंदरगाह भी है जो संचार में काम आते हैं।
यदि हम भारतीय जनगणना की बात करें तो कलकत्ता को भारत का सातवां सबसे आबादी वाला शहर देखा जाता है। जिसकी आबादी 45,00,000 से अधिक है। और वर्तमान समय में यहां की कुल आबादी 1.41 करोड़ मानी जाती है।
कोलकाता एक प्रकार से महासागरीय क्षेत्र भी है और कोलकाता का बंदरगाह भारत का सबसे पुराना परिचालन बंदरगाह है। कोलकाता को भारत की सांस्कृतिक राजधानी माना जाता है।
और यदि बंगाली शहर के रूप में हम इसे देखने की कोशिश करें तो बांग्लादेश के ढाका के बाद कोलकाता बंगाली भाषी सबसे बड़ा शहर है। जितने भी भारत में नोबेल पुरस्कार विजेता रहे हैं उनमें से सबसे ज्यादा केवल कोलकाता से ही आए हैं।
निष्कर्ष
आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया (bharat ke pheli aur dusre rajdhani kaun si hai) के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।
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