पंजाबी भाषा की लिपि क्या है? (Punjabi Bhasha Ki Lipi Kya Hai)

भारत में जगह-जगह पर तरह-तरह की भाषाएं बोली जाती है, और हर एक भाषा की अपनी एक लिपि होती है। पंजाबी भाषा को भारत देश में काफी बड़े स्तर पर बोला जाता है और यह एक प्यारी भाषा है। पंजाबी भाषा की लिपि को गुरुमुखी कहा जाता है। जिसे सामान्य अर्थ है “गुरु के मुख से”।
सिखों के गुरु गुरु नानक देव जी के समय से जुड़ी हुई यह लिपि सिख धर्म और धार्मिक ग्रंथो को लिखने में उपयोग में ली जाती है। गुरुमुखी लिपि का उपयोग करके आप बड़ी आसानी से पंजाबी को लिख और बोल सकते हैं।
पंजाबी भाषा की लिपि इन हिंदी (punjabi bhasha ki lipi kya hai)
गुरुमुखी एक काफी कठिन और हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी से बिल्कुल अलग है। पंजाबी भाषा की लिपि में कुल 35 अक्षर होते हैं और इसके अलावा 6 अन्य अक्षर होते हैं। गुरुमुखी लिपि सीखने के लिए कठिन अध्ययन करने की आवश्यकता है। जो बच्चों को स्कूलों में शुरुआत से ही करवाया जाता है।
गुरुमुखी लिपि बनाने का मुख्य उद्देश्य था कि धार्मिक ग्रंथो और सिखों की जीवनी को पंजाबी भाषा में आसानी से लिखा जा सके और लोगों द्वारा पढ़ने में कोई परेशानी ना हो।
लिपि क्या होती है? (lipi kya hai in hindi)
भाषा को लिखित रूप में अभिव्यक्त करना ही लिपि कहलाती है। लिपि के बिना किसी भी भाषा का कोई अस्तित्व नहीं है, प्रतिलिपि एक ऐसी पीढ़ी है जिसकी मदद से हम भाषा को निम्न से उच्चतर तक सीख सकते। लिपि भाषा को सुरक्षित करने का काम करती है।
और लिपि के हर एक शब्द का अलग अर्थ और अलग ध्वनि होती है। जिससे मिलकर वाक्य और शब्द बनते हैं और उन शब्दों का अर्थ निकलता है बिना लिपि की हम कोई भी शब्द या वाक्य नहीं लिख सकते और उसका अर्थ नहीं निकाल सकते।
गुरुमुखी लिपि किसे कहते है? (Gurumukhi lipi kya hai)

गुरुमुखी लिपि के अनुसार पंजाबी भाषा को लिखा जाता है और यह गुरुमुखी सिखों द्वारा स्थापित की गई है जिसके अनुसार पंजाबी भाषा में सिखों के धार्मिक ग्रंथ लिखे गए हैं। गुरुमुखी लिपि सीखने के लिए विशेष अध्ययन की आवश्यकता होती है और गुरुमुखी लिपि को काफी आसान तरीके से समझाया गया है। गुरु की लिपि के बिना पंजाबी भाषा को कोई अस्तित्व नहीं है।
गुरुमुखी लिपि किसने विकसित की?
पंजाबी भाषा की गुरुमुखी लिपि को सिखों के दूसरे गुरु “गुरु अंगद देव” ने स्थापित किया और उनका गुरुमुखी लिपि स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य पंजाबी धार्मिक ग्रंथो को आसानी से लिखवाना और समझपाना था।
उर्दू भाषा की लिपि क्या है? (Urdu bhasha ki lipi kya hai)
फारसी और अरबी लिपियां से विकसित हुई उर्दू भाषा के लिपि को “नस्तालिक” कहते हैं। लिपि सभी भाषा की लिपियां से काफी अलग है अर्थात यह बाएं से दाएं की तरफ लिखी जाती है। इस वजह से इस Urdu bhasha ki lipi लिपि को समझना काफी बुद्धिमता का काम है। सभी लिपियां की तरह नस्तालिक लिपि के अलावा उर्दू भाषा का कोई भी अस्तित्व नहीं है।
अंग्रेजी भाषा की लिपि क्या है? (Angreji bhasha ki lipi kya hai)

लैटिन भाषा पर आधारित अंग्रेजी भाषा की लिपि को रोमन कहते हैं। और इसी लिपि का उपयोग संपूर्ण विश्व में सबसे ज्यादा किया जाता है इस लिपि में कुल 26 अक्षर होते हैं जिनका अपना-अपना मतलब होता है। अंग्रेजी भाषा की लिपि को सीखना काफी आसान है।
हिंदी भाषा की लिपि क्या है?
हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी लिपि है, और भारत में देवनागरी लिपि का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है। देवनागरी लिपि काफी अच्छे तरीके से डिजाइन की गई है और इसे सीखना काफी आसान है यदि हम अच्छे से ध्यान करते हैं। और यह लिपि संस्कृत भाषा की लिपि से जुड़ी हुई है।
निष्कर्ष
लिपि के बिना किसी भी भाषा को कोई अस्तित्व नहीं है अर्थात जिस प्रकार आत्मा के बिना व्यक्ति का कोई अस्तित्व नहीं है उसी प्रकार लिपि को भी भाषा की आत्मा कहा जाता है। लिपि के तहत ने हम अपने विचारों को लिखित व मौखिक रूप से प्रस्तुत करते हैं बल्कि लिपि भाषा की संस्कृति को सुरक्षित करने का कार्य भी करती है।
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गुरुमुखी लिपि का विकास किसने किया?
गुरमुखी लिपि का विकास सिखों के दूसरे गुरु “गुरु अंगद देव” जी ने किया।
उर्दू भाषा की लिपि को क्या कहते हैं?
उर्दू भाषा की लिपि को नस्तालिक और फ़ारसी कहते हैं।
कौन सी लिपि दो भाषाओं की लिपि है?
देवनागरी लिपि दो भाषायों हिंदी और मराठी की लिपि है।
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