बाल श्रम क्या होता है? बाल श्रमिक बनने से रोकने के उपाय लिखिए
बाल श्रम को रोकने के सरकारी उपाय | bharat mein bal shramik ki aayu
भारतीय समाज में बाल श्रम एक सच्चाई है और यह पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है। लेकिन हम सब का कर्तव्य बनता है कि हम बाल श्रम को रोकने की ओर ध्यान दें, और इसलिए हमारा यह जानना जरूरी है कि बाल श्रमिक बनने से रोकने के उपाय पहुंचे होंगे, और उससे पहले हमारा यह जानना आवश्यक है कि बाल श्रम से हमें और हमारे समाज को क्या नुकसान है।
इसलिए आज के लेख में हम आपको बाल श्रम से होने वाले सामाजिक नुकसान के बारे में सारी जानकारी देंगे। इसके साथ ही आपको यह भी बताएंगे कि बाल श्रमिक बनने से रोकने के उपाय क्या होंगे। तो चलिए शुरू करते हैं –
बाल श्रम क्या होता है? | What is child labor in hindi
बाल श्रम एक प्रक्रिया होती है जिसके अंतर्गत छोटे छोटे बालकों या बालिकाओं से वह कार्य करवाई जाते हैं जिसे करने के लिए कानूनन निर्धारित आयु सीमा पर्याप्त नहीं होती। अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा बाल श्रम को एक बच्चों को सूचित करने वाली प्रथा के रूप में देखा जाता है।
अंग्रेजी में बाल श्रम को चाइल्ड लेबर के नाम से जाना जाता है। इसका अर्थ यह है कि आर्थिक रूप से यहां सामाजिक रुप से लाभ प्राप्त करने के लिए बच्चों से ऐसे कार्य करवाना, जिसके द्वारा बच्चे का बचपन समाप्त होता है।
बच्चे को जबरदस्ती औद्योगीकरण में धकेला जाता है तो ऐसे परिवर्तन की वजह से किसी भी बच्चे का मानसिक स्वरूप बदल जाता है, और वह समय से पहले बड़ा हो जाता है, जो कि एक बच्चे के लिए सामूहिक रूप से हानिकारक होता है। इसे बाल श्रम यह चाइल्ड लेबर के नाम से जाना जाता है।
बाल श्रम के कारण क्या है? | What is the cause of child labor in hindi
बाल श्रम समाज में आर्थिक असमानताओं के कारण फैलता है। जब एक व्यक्ति जिसके परिवार में लोग ज्यादा है, आर्थत बच्चे ज्यादा है और उसकी आर्थिक स्थिति खराब होती है तो वह सस्ते मजदूर के रुप में बच्चों को काम पर लगा देता है। क्योंकि बच्चे मजबूरी कम लेकर काम चला लेते हैं।
इसलिए यह आर्थिक रूप से भी फायदेमंद होता है। लेकिन मजबूरी में बच्चों का इस प्रकार फायदा उठाना कानूनन अपराध है। कई बार बच्चों को बाल श्रम के रूप में वेश्यावृत्ति, उत्खनन, कृषि, माता-पिता की व्यापार में मदद, लघु व्यवसाय में मदद, खाने-पीने की सामान बेचने का काम करना, गाइड बनने का काम करना, और अन्य छोटे-मोटे कामों में लगा दिया जाता है, जो कि बाल श्रम के अंतर्गत ही आते हैं।
कई बार बक्से बनाना, जूते पॉलिश करना, बेचना, उत्पादों का भंडारण करना, साफ सफाई करना, मिठाई की दुकान पर काम करना, सड़क पर चीजें बेचना, पक्का काम करना, कृषि में मदद करवाना इन सभी को बाल श्रम के रूप में देखा जाता है।
बाल श्रम के क्या नुकसान हैं? | What are the disadvantages of child labor in hindi
- बाल श्रम किसी भी बच्चे को समय से पहले युवा बना देता है, और इसलिए बच्चे यह भूल ही जाते हैं कि बचपन क्या होता है।
- यह अपने आप में इतना भयानक होता है कि बाल श्रम शारीरिक और मानसिक रूप से किसी भी बच्चे को अत्यधिक नुकसान पहुंचा सकता है।
- यह गुलामी को बढ़ावा देता है, तथा बच्चों के आर्थिक और शारीरिक शोषण को भी बढ़ावा देता है।
- कई बार छोटे-छोटे बच्चों को इतना तड़पाया जाता है कि उनके आसपास था बुरी तरह से प्रभावित होता है।
- यह किसी भी बच्चे के मूल अधिकारों के खिलाफ है जो कि उसे मृत्यु भी दे सकता है।
- इसलिए बाल श्रम अत्यंत ही हानिकारक है और समाज में बाल श्रम को पूरी तरह से बैन कर देना चाहिए।
बाल श्रमिक बनने से रोकने के उपाय लिखिए | Write the measures to prevent child labor in hindi
बाल श्रम को रोकने का या बाल श्रमिक बनने से रोकने के केवल 2 उपाय हो सकते हैं, जिसके द्वारा बाल श्रम को व्यवस्थागत तरीके से रोका जा सकता है।
- पहला उपाय यह है कि हमें समाज को और समाज में रहने वाले लोगों को सामूहिक रूप से, और एकीकृत रूप से यह चेतना देनी होगी, लोगों को समझाना होगा, व्यापारियों को और रोजगार प्राप्त करने वाले लोगों को भी यह शिक्षा देनी होगी, उनमें यह अवेयरनेस फैलानी होगी कि किस प्रकार चाइल्ड लेबर खतरनाक है, और बच्चों पर कितना बुरा प्रभाव डाल सकता है।
- दूसरा चाइल्ड लेबर पर कानून बनाकर उस कानून को धरातल पर कड़े नियमों के साथ लागू करना और लोगों से उन नियमों की पालना करवाना बाल श्रम को रोकने का उपाय है।
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निष्कर्ष
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FAQ
बाल मजदूरी कैसे दूर करें और सरकार के प्रयास पर अपने विचार प्रकट करें?
बाल श्रम भारत में एक बड़ा सामाजिक मुद्दा बनता जा रहा है जिसे नियमित आधार पर हल किया जाना चाहिए। यह केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसे सभी सामाजिक संगठनों, मालिकों और माता-पिता को भी संबोधित करना चाहिए। यह सभी के लिए एक ऐसा मुद्दा है जिसे व्यक्तिगत रूप से हल करने की आवश्यकता है, क्योंकि यह किसी के भी बच्चे के साथ हो सकता है।
बाल मजदूरी क्या है बाल मजदूरी को रोकने के लिए हमारे संविधान में क्या प्रावधान है?
बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 के अनुसार, 14 वर्ष से कम आयु के किसी भी बच्चे को किसी कारखाने या खान में नियोजित नहीं किया जाना चाहिए या किसी अन्य खतरनाक रोजगार में नहीं लगाया जाना चाहिए। बच्चे के सर्वोत्तम हित को पहले ध्यान में रखा जाना चाहिए।
बाल श्रम को क्यों समाप्त किया जाना चाहिए और कैसे?
आईएलओ के मुताबिक, इस तरह के श्रम से बच्चों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और नैतिक विकास को खतरा होता है। इतना ही नहीं, इसके कारण बच्चे सामान्य बचपन और उचित शिक्षा से भी वंचित रह जाते हैं। खतरनाक बाल श्रम दुनिया भर में 45 मिलियन लड़कों और 28 मिलियन लड़कियों को प्रभावित करता है।
बाल श्रमिक से आप क्या समझते है?
बाल श्रम बच्चों का शारीरिक कार्य है, आमतौर पर मजदूरी के भुगतान के साथ या उसके बिना। बाल श्रम केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, यह एक वैश्विक घटना है। भारतीय संविधान के अनुसार 5-14 वर्ष की आयु के बच्चे जो किसी भी उद्योग, कारखाने या कंपनी में मानसिक या शारीरिक श्रम करते हैं, बाल श्रमिक कहलाते हैं।
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