प्रेगनेंसी में मंदिर जाना चाहिए या नहीं, जानिए सच्चाई
मां बनना स्त्रियों के लिए ईश्वर की सबसे बड़ी देन है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के जीवन में कई परिवर्तन आते हैं, धार्मिक भावनाओं का महत्व और भी बढ़ जाता है। उस समय एक प्रश्न महिलाओं के मन में आता ही है की प्रेगनेंसी में मंदिर जाना चाहिए या नहीं।
आज इस लेख के माध्यम से हम आपको Pregnancy Me Mandir Jana Chahiye Ya Nahi के साथ-साथ गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का धार्मिक, तथा पूजा आदि से संबंधित महत्वपूर्ण बातें बताएंगे।
प्रेगनेंसी में मंदिर जाना चाहिए या नहीं
प्रेगनेंसी में मंदिर जाना चाहिए या नहीं, यह आप अपनी धार्मिक मान्यताएं, स्वास्थ्य स्थिति, तथा इच्छा से तय कर सकते हैं। क्योंकि धार्मिक ग्रंथो में स्पष्ट रूप से कहीं नहीं कहा गया कि आप गर्भावस्था में मंदिर नहीं जा सकते।
ईश्वर की प्रार्थना तथा आशीर्वाद पाने के लिए, मानसिक तथा आध्यात्मिक जुड़ाव के लिए, सकारात्मक ऊर्जा के लिए आप गर्भावस्था में भी मंदिर जा सकते हैं।
हां आपको कुछ सावधानियां अवश्य रखनी चाहिए। जैसे की;
- स्वच्छता का ध्यान रखें
- थकान से बचें
- संतुलित आहार लें
- पर्याप्त आराम करें
- भीड़भाड़ से बचें
गर्भवती महिला को शिवजी की पूजा करनी चाहिए या नहीं
गर्भवती महिलाएं चाहे तो निश्चित रूप से शिवजी की पूजा कर सकती हैं। हां परंतु किसी ज्ञानी पंडित से विचार विमर्श कर लेना बेहतर है, क्योंकि अक्सर ऐसे समय में अलग-अलग स्थितियों में तथा अलग-अलग कारणों से कई सारे विधि-विधानो का पालन भी करना पड़ सकता है।
अगर आप डॉक्टर की माने तो वह आपको शिवजी की पूजा करने से मना कर सकते हैं, इसमें उनका एक ही अभिप्राय होता है कि किसी तरह के व्रत, उपवास या चोट लगने से आपके गर्भ को कोई नुकसान ना हो।
गर्भवती महिला को कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए?
गर्भवती महिला, जिस भी भगवान की पूजा करती है, या जिस भी भगवान पर उनकी श्रद्धा और विश्वास है, वह उनकी पूजा कर सकती हैं।
देखिए पूजा, व्रत, सब आपके मन, आपके विश्वास से हैं। आपके प्रेम से है। कई ढोंगी बाबा आपको बेफिजूल बातों से भ्रमित करने की चेष्टा कर सकते हैं। सदैव अपने साधारण ज्ञान को सक्रिय रखें। ईश्वर कभी भी आपसे कुछ नहीं मांगते, शिवाय प्रेम के। तो भयभीत होकर, या किसी लालच में आकर, किसी ढोंगी के जाल में न फंसे।
गर्भावस्था में मंदिर जाने के फायदे और नुकसान
गर्भावस्था में मंदिर जाने से आपको निम्नलिखित फायदे और नुकसान हो सकते हैं;
प्रेगनेंसी में मंदिर जाने के फायदे | प्रेगनेंसी में मंदिर जाने के नुकसान |
---|---|
आत्म शांति और ज्ञान प्राप्त | भीड़ |
सामाजिक समर्थन | लंबा समय खर्च |
साथी के साथ बंधन | शारीरिक थकान |
धार्मिक आत्म अभियान | यातायात में चुनौतियां |
निष्कर्ष
प्रेगनेंसी मैं मंदिर जा सकते हैं। शिवजी की पूजा भी कर सकते हैं। हां पर सबसे पहले अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें, क्योंकि आप पर सिर्फ आपकी नहीं, आपके बच्चे के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी भी है। ईश्वर तो केवल आपके प्रेम तथा भक्ति के भूखे होते हैं। और गर्भावस्था में, गर्भ में पलने वाले बच्चे के लिए उसकी माता ही मंदिर भी है और ईश्वर भी।
- गर्भवती महिला पूजा कर सकती है या नहीं
- प्रेगनेंसी में लड़के की हार्ट बीट कितनी होनी चाहिए
- प्रेगनेंसी में महिलाओं को सुबह कितने बजे उठना चाहिए?
मंदिर में जाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
मंदिर जाते समय तन तथा मन की स्वच्छता, पूजा सामग्री, सुरक्षा, और इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपके कारण दूसरों को कोई कष्ट ना हो।
गर्भावस्था में मंदिर में क्या नहीं करना चाहिए?
गर्भावस्था में मंदिर में अधिक समय न बिताएं, भीड़भाड़, उपवास, कठिन व्रत आदि से बचें।
प्रेगनेंसी में पूजा करना चाहिए या नहीं?
प्रेगनेंसी में पूजा करनी चाहिए। इससे आपका आत्म बल, सुविचार, मन की शांति, तथा प्रसन्नता बढ़ती है।
Homepage | Click Hear |