प्रथम गुटनिरपेक्ष सम्मेलन के अध्यक्ष कौन थे?
pratham good nirpeksh sammelan ka adhyaksh kaun the | प्रथम गुटनिरपेक्ष सम्मेलन कहां हुआ था
नमस्कार दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि प्रथम गुटनिरपेक्ष सम्मेलन के अध्यक्ष कौन थे, दोस्तों यह सवाल कॉन्पिटिशन एग्जाम के अंतर्गत काफी बार पूछा गया है, तथा जो भी विद्यार्थी कंपटीशन एग्जाम की तैयारी कर रहा है, उसके लिए यह सवाल काफी महत्वपूर्ण है, तथा इसका नाम मोस्ट इंपोर्टेंट सवालों की सूची में आता है।
यदि दोस्तों इसके बारे में आपको जानकारी नहीं है तो आज के इस पोस्ट के अंतर्गत हम आपको इससे जुड़ी सभी जानकारियां देने वाले हैं। आज किस आर्टिकल के अंतर्गत हम आपको बताने वाले हैं, कि प्रथम गुटनिरपेक्ष सम्मेलन के अध्यक्ष कौन थे, इसके अलावा हम आपको इस से जुड़ी सभी जानकारियां इस पोस्ट में देने वाले हैं। तो ऐसे में आज का यह आर्टिकल आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है तो इसको अंत तक जरूर पढ़िए।
प्रथम गुटनिरपेक्ष सम्मेलन के अध्यक्ष कौन थे?
जैसा कि दोस्तों आप सभी लोगों को पता होगा कि यह सवाल कंपटीशन एग्जाम की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण होता है, लेकिन इसका आंसर बहुत ही कम लोगों को पता होता है यदि आपको उसका जवाब पता नहीं है तो आपकी जानकारी के लिए मैं बता दू कि प्रथम गुटनिरपेक्ष सम्मेलन के अध्यक्ष युगोस्लाविया के राष्ट्रपति जोसिप ब्रोज टीटो थे। युगोस्लाविया के राष्ट्रपति जोसिप ब्रोज टीटो कोई प्रथम गुटनिरपेक्ष सम्मेलन का अध्यक्ष बनाया गया था, तथा इनकी देखरेख में ही इस आंदोलन की शुरुआत की गई थी।
इस प्रथम गुटनिरपेक्ष सम्मेलन आंदोलन की स्थापना सन् 1961 में हुई, इसके अलावा आपको पता होगा कि 1961 के अंतर्गत शीतयुद्ध भी अपने काफी चरम पर था, पूरा विश्व दो ग्रुपों के अंतर्गत बटा हुआ था पहला ग्रुप में था, जो अमेरिका के नेतृत्व में था, जबकि दूसरा ग्रुप में था जो सोवियत संघ के नेतृत्व में था। उसके बाद कुछ देशों ने यह निश्चित किया था कि हमें किसी के भी साथ नहीं रहना है हमें अलग रहना है, इसने एक आंदोलन का रूप ले लिया था, तथा इसमें धीरे-धीरे अनेक देश आने लगे थे, जिसे गुटनिरपेक्ष आंदोलन का कहा था।
हालांकि इस गुट निरपेक्ष आंदोलन से इन दोनों ही गुटों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा था, यह गुटनिरपेक्ष आंदोलन भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, मिस्र के तत्कालीन राष्ट्रपति जमाल अब्दुल नासिर, युगोस्लाविया के तत्कालीन राष्ट्रपति जोसिप बरोज टीटो, इंडोनेशिया के तत्कालीन प्रमुख सुकर्णों और घाना के प्रमुख एन्क्रूमा के द्वारा शुरू किया गया था। वर्तमान के अंतर्गत इस आंदोलन के अंदर लगभग 120 से भी अधिक सदस्य मौजूद है।
प्रथम गुटनिरपेक्ष सम्मेलन में कितने देश शामिल थे?
इसे सुनें बंद करोपहला गुटनिरपेक्ष सम्मेलन 1961 में बेलग्रेड में आयोजित किया गया था। पहले गुटनिरपेक्ष सम्मेलन में 25 सदस्य देशों ने भाग लिया था। समय बीतने के साथ, गुटनिरपेक्ष आंदोलन की सदस्यता में वृद्धि हुई। 2006 में, हवाना (क्यूबा) में 14वें सम्मेलन में 118 सदस्य देशों और 15 पर्यवेक्षक राज्यों ने भाग लिया।
आज आपने क्या सीखा
तो आज के इस आर्टिकल के अंतर्गत आपने जाना की प्रथम गुटनिरपेक्ष सम्मेलन के अध्यक्ष कौन थे, हमने आपको इस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी दी है। इसके अलावा भी हमने आपको प्रथम गुटनिरपेक्ष सम्मेलन के बारे में जानकारियां सेल की है, कि इसकी शुरुआत कब हुई थी, तथा इसकी शुरुआत के पीछे क्या कारण था, इसके अलावा इसकी शुरुआत से लेकर अंत तक की सभी जानकारी हमने आपको इस पोस्ट के अंतर्गत शेयर की है।
हमने आपको इस पोस्ट के अंतर्गत प्रथम गुटनिरपेक्ष सम्मेलन से जुड़ी हर एक जानकारी देने का प्रयास किया है। हमें उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह सभी जानकारियां पसंद आई है, तथा आपको आज इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है। यदि आपको हमारे द्वारा दी गई है सभी जानकारी पसंद आए तो इसे सोशल मीडिया के माध्यम से आगे शेयर जरूर करें तथा इस विषय के बारे में आप अपनी राय हमें कमेंट में देकर पहुंचा सकते हैं।
FAQ
गुट निरपेक्ष सम्मेलन के प्रथम शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष कौन थे?
गुटनिरपेक्ष आंदोलन 1961 में भारत की पहल पर शुरू किया गया था और औपचारिक रूप से गुटनिरपेक्ष आंदोलन भारत के प्रधान मंत्री, पं। यूगोस्लाविया के राष्ट्रपति मार्शल टीटो और मिस्र के राष्ट्रपति नासिर द्वारा नेहरू। बेलग्रेड में गुटनिरपेक्ष के FAKE सम्मेलन में 25 देशों ने भाग लिया। इसके अध्यक्ष मार्शल टीटो थे।
वर्तमान में गुटनिरपेक्ष में कितने सदस्य हैं?
गुटनिरपेक्ष आंदोलन में वर्तमान में 120 सदस्य देश और 16 पर्यवेक्षक देश हैं, और कई अतिथि देश हैं जो प्रत्येक शिखर सम्मेलन में निर्धारित होते हैं।
गुटनिरपेक्ष में कितने देश हैं?
वर्तमान में गुटनिरपेक्ष आंदोलन संयुक्त राष्ट्र के बाद राजनीतिक समन्वय और परामर्श के लिए दुनिया का सबसे बड़ा मंच है। इस समूह में 120 विकासशील देश शामिल हैं। इसके अलावा 17 देशों और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों को इस समूह में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है।
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