पठन योग्यता क्या है? पठान योग्यता के करण का वरण किजिए
Pathan Yogyata Ke Karan Ka Varnan Kijiye
क्या आप जानते है की पठन योग्यता किसे कहते है, यदि नहीं तो आपको बता दूं कि लिखित भाषा को पढ़ने की क्रिया को ही पठन योग्यता कहा जाता है। जैसे कि – न्यूजपेपर को पढ़ना, बुक्स पढ़ना इत्यादि। दरअसल, भाव और विचारों को लिखित भाषा द्वारा अभिव्यक्ति को पढ़कर सुनाने की प्रक्रिया को पठन कहा जाता है। लिखने का मुख्य लक्ष्य होता है की हम अपने विचारो और भाव को दुसरे व्यक्ति तक पहुंचाना चाहते है।
सरल शब्दों में समझा जाए तो जब हम किसी को लिखित भाषा में कुछ लिखकर देते हैं और वो पढ़कर इसके भाव और विचारों को अच्छी तरह समझ लेता है, तो इसी क्रिया को पठन कहते है। तो क्या आप भी पठन योग्यता के कारण के बारे में जानना चाहते हैं, यदि हां तो उसके लिए आप लेख तक बनें रह सकते हैं। क्योंकि आज के लेख में मैं आप सभी को पठन योग्यता के कारण के वर्णन करने जा रहा हूं।
पठन योग्यता का महत्व | pathan yogita ka mahatva
जिन व्यक्तियों को पठन योग्यता के महत्व के बारे में समझना है, उन व्यक्तियों को आगे के स्टेप्स को ध्यानपूर्वक पढ़ने की जरूरत होगी। जो कि निम्न है
- यदि हम पठन योग्यता के महत्व के बारे में समझे, तो शिक्षा प्राप्त करने के लिए पठन काफी मददगार साबित होता है।
- इसके साथ ही पठन योग्यता ज्ञानोपार्जन का साधन माना जाता है।
- दरअसल, सामाजिक नजरिए से देखा जाए, तो पठन योग्यता काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि क्लासों में की जाने वाली कई सांस्कृतिक गतिविधियों में पठन योग्यता का महत्व काफी ज्यादा माना जाता है।
- लिखित भाषा को समझने के लिए वाचन का काफी मुख्य महत्व है। यहां तक की बगैर पठन के भाषा की नॉलेज पूरी नहीं हो सकती है।
पठन योग्यता के प्रकार | pathan yogita ke prakar
क्या आप जानते है की पठन योग्यता के प्रकार कितने है, यदि नहीं तो आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि पठन योग्यता के चार प्रकार होते है। जिसके बारे में आपको विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं।
- सस्वर पठन
- मौन पठन
- गहन पठन
- व्यापक पठन
1. सस्वर पठन क्या है?
यदि हम सस्वर पठन के बारे में बात करें, तो स्वर समेत पढ़ते हुए अर्थ को समझने की प्रक्रिया को सस्वर पठन कहा जाता है। दरअसल, यह पठन की शुरुआती अवस्था मानी जाती है। हालांकि, सस्वर पठन भावानुकूल करते रहना चाहिए। क्योंकि इस प्रक्रिया को करते रहने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
सस्वर पठन के गुण
- शुद्ध उच्चारण स्वर माधुर्य
- उचित बल विराम अर्थ प्रतीत
- उचित लय एवं गति स्वाभाविकत
- उचित हाव-भाव स्वर में रसात्मकता
- उचित ध्वनि निर्गम प्रभावोत्पादकता
- उचित वाचन मुद्रा
2. मौन पठन क्या है?
मौन पठन के माध्यम से आप काफी गहराई में जाकर अर्थग्रहण करते हुए आपके तर्क शक्ति में भी वृद्धि होती है। उस दौरान आपका सारा फोकस पाठयवस्तु में निहित विचारो पर ही टिकी होती है। इसके साथ ही आपको बता दूं कि मौन पठन का मुख्य उद्देश्य वाचन गति का विकास करना है। साथ ही मूल्य तथ्यों की जानकारी प्रदान करना मौन पठन का उद्देश्य माना जाता है।
3. गहन पठन क्या है?
यदि हम गहन पठन की बात करें, तो यह सस्वर और मौन वाचन कौशल योग्यता का विकास है, जिसके द्वारा ज्यादा से ज्यादा ज्ञानार्जन करता है। इसके साथ ही जानकारी के मुताबिक सृजनात्मक सौन्दर्य तथा भाषा शैली की व्याख्या करना ही इसका मुख्य उद्देश्य है। साथ ही आपको बता दूं कि भाषा के हर एक अंग का वर्णन करना ही इसका मुख्य लक्ष्य माना जाता है।
4. व्यापक पठन क्या है?
द्रुत पठन क्षमता में वृद्धि लाना ही व्यापक पठन का मुख्य उद्देश्य माना जाता है। इसके साथ ही अर्थग्रहन क्षमता का भी विकास करना व्यापक पठन का मुख्य लक्ष्य होता है। व्यापक पठन को स्वाध्याय की क्षमता को विकसित किया जाता है। दरअसल, इसके द्वारा शब्दावली में विकास होता है।
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निष्कर्ष
आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया pathan yogita ka karan hai pathan yogyata ke karan ka varnan kijiye के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।
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