न्यूटन का पहला दूसरा तीसरा नियम क्या है? | Newton ka niyam
न्यूटन का पहला दूसरा तीसरा नियम | newton second law of motion in hindi

नमस्कार दोस्तों, यदि आप फिजिक्स ही सही पढ़ते हैं, या फिर आप फिजिक्स विषय के अंतर्गत अपनी रूचि रखते हैं तो आपको पता होगा, कि इस विषय के अंतर्गत सबसे महत्वपूर्ण टॉपिक ओं की सूची के अंतर्गत न्यूटन के नियमों का नाम आता है। दोस्तों क्या आप जानते हैं, कि न्यूटन का पहला दूसरा तीसरा नियम क्या है। यदि आपको इस सवाल का जवाब मालूम नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं, की न्यूटन का पहला दूसरा तीसरा नियम क्या है (newton 2 nd law of motion in hindi)। और इस विषय से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी अभी हम आपको इस पोस्ट में देने वाले हैं।
न्यूटन का पहला दूसरा तीसरा नियम क्या है? (newton all law in hindi)

जैसा कि दोस्तों आप सभी लोग जानते हैं, कि न्यूटन के द्वारा दिए गए नियम फिजिक्स के सबसे महत्वपूर्ण टॉपिक के अंतर्गत आते हैं, तो ऐसे में इनके बारे में आपको जानकारी होनी काफी आवश्यक है।
न्यूटन के द्वारा गति बल और प्रतिक्रिया के मध्य संबंध समझाने के लिए तीन अलग-अलग नियम दिए गए हैं जो निम्न प्रकार से हैं:-
1. न्यूटन का पहला नियम (first law of newton in hindi):
प्रत्येक वस्तु एक नेत्रभूत नियम के अनुसार सीधी रेखा पर चलती रहती है, जब तक कोई बाह्य बाधा नहीं होती है। यह मतलब है कि एक वस्तु शानदार ढंग से गतिशील होने के लिए एक स्थिर रासायनिक स्थिति में रहेगी जब तक कोई विद्युत शक्ति या अन्य बाह्य बल उसे प्रभावित नहीं करता है।
उदाहरण के तौर पर, जब हम एक गोल गेंद को चलाते हैं, तो वह उसी दिशा में सीधी रेखा पर चलती है, जब तक कोई विद्युत शक्ति या बाधा उसे रोक नहीं देती।
2. न्यूटन का दूसरा नियम (second law of newton in hindi):
बदलती गति के साथ, एक वस्तु को लागू होने वाले बाह्य बल का प्रतिक्रियाशीलता प्रतिष्ठान करता है। यह मतलब है कि बदलती गति की वस्तु के लिए लागू बाह्य बल उसे उसी दिशा में प्रतिक्रिया करने के लिए जवाबदेह होता है।
उदाहरण के तौर पर, जब हम एक पथरी को ऊपर से फेंकते हैं, तो वह नीचे की ओर गिरती है। यह उस बाह्य बल की प्रतिक्रिया है जिसका उपयोग उसे नीचे की ओर लाने के लिए किया जाता है।
3. न्यूटन का तीसरा नियम (Third law of newton in hindi):
प्रतिक्रियाशीलता के आधार पर, दो वस्तुएं एक दूसरे को बराबरी से और उलटी ओर बल देती हैं। अर्थात्, हर एक क्रियाशील बल का समान और विपरीत बल होता है।
उदाहरण के तौर पर, जब आप दीवार पर तेज धक्का देते हैं, तो वह आपको वापस तेजी से धक्का देती है।
तो दोस्तों यह न्यूटन के द्वारा दिए गए तीन अलग-अलग प्रकार के नियम है। जिनके बारे में हमने आपको उदाहरण सहित विस्तार से जानकारी दी है। यदि आप फिजिक्स विषय पढ़ना चाहते हैं, या फिर फिजिक्स विषय को समझना चाहते हैं तो आपको न्यूटन के इन तीनों नियमों के बारे में जानकारी होनी आवश्यक है, तथा आपको इन तीनों नियमों का समझना भी जरूरी है।
निष्कर्ष
तो दोस्तों इस पोस्ट के माध्यम से आपने जाना कि न्यूटन का पहला दूसरा तीसरा नियम क्या है, (newton 1st law of motion in hindi), हमने आपको सभी नियमों के बारे में उदाहरण सहित विस्तार से जानकारी दी है। हमें उम्मीद है कि आपको हमारी द्वारा दी गई यह इंफॉर्मेशन पसंद आई है, तो आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया सीखने को मिला है।
न्यूटन का सूत्र क्या होता है?
n = 1 के लिए न्यूटन – कोट्स सूत्र + n C n y n ] समलम्बाकार नियम देता है।
न्यूटन का क्या कार्य है?
न्यूरॉन या तंत्रिका कोशिका (अंग्रेजी: न्यूरॉन) तंत्रिका तंत्र में स्थित एक उत्तेजनीय कोशिका है। इस कोशिका का कार्य मस्तिष्क से सूचनाओं का आदान-प्रदान और विश्लेषण करना है। यह काम इलेक्ट्रो केमिकल सिग्नल के जरिए होता है।
न्यूटन को किसका जनक माना जाता है?
सर आइजक न्यूटन को भौतिकी का जनक कहा जाता है, हालांकि “फादर ऑफ फिजिक्स” की उपाधि केवल एक व्यक्ति को नहीं दी जा सकती, गैलीलियो गैलीली और अल्बर्ट आइंस्टीन को भी इसके पिता के रूप में देखा जाता है।