नाबालिक क्या होता है? नाबालिक और नाबालिग में अंतर
नाबालिग क्या होता है | nabalik ka matlab kya hai
दोस्तों, आज के समय जब भी कभी कोई क्रिमिनल केस अर्थात अपराधिक मामले देखने को मिलते हैं, उनमें यह देखा जाता है कि जो लोग नाबालिक होते हैं उन्हें या तो कम सजा होती है, या सजा होती ही नहीं है। आपको याद होगा कि दामिनी रेप केस हत्याकांड में भी एक नाबालिक को फांसी की सजा नहीं हुई थी। इसलिए नाबालिक के बारे में जानना हमारे लिए जरूरी हो जाता है।
क्या आप जानते हैं कि यह Nabalik kya hota hai? यदि आप नहीं जानते और जानना चाहते हैं कि Nabalik kya hota hai तो आज के लेख में हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देते हुए बताएंगे कि नाबालिक क्या होता है, नाबालिक किसे कहते हैं, नाबालिक होने के क्या फायदे मिलते हैं, इन सब के बारे में आज हम आपको सारी जानकारी देंगे।
तो चलिए शुरू करते हैं:-
नाबालिक क्या होता है? | Nabalik kya hota hai?
दोस्तों, नाबालिक के बारे में अक्सर यह कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति या पुरुष और महिला नाबालिक है तो उनके द्वारा किए गए अपराध आमतौर पर वह सजा नहीं प्राप्त करते, जो एक वयस्क व्यक्ति या व्यक्ति के किए जाने पर वे प्राप्त करते हैं।
भारतीय कानून के अंतर्गत नाबालिक को सजा देने के लिए जुवेनाइल बोर्ड बनाया गया है, और जूविनाइल बोर्ड के द्वारा ही यह निश्चित किया जाता है कि किसी भी ऐसे व्यक्ति, यदि किसी 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति के द्वारा कोई अपराध किया गया है तो उसकी सजा क्या होनी चाहिए, और उसके साथ किस प्रकार का व्यवहार किया जाना चाहिए।
भारतीय दंड व्यवस्था में माना गया है कि यदि कोई व्यक्ति अबोध अवस्था में अपराध करता है, उसका दंड उसे उस प्रकार नहीं मिलना चाहिए जितना एक बौद्धिक व्यक्ति के अपराध पर मिलता है।
क्योंकि यदि व्यक्ति अपनी बुद्धि का संपूर्ण उपयोग करते हुए भी और अपने कार्य के परिणाम जानते हुए भी कोई अपराध करता है, तो उसे दंड दंड की मर्यादा में ही मिलना चाहिए।
लेकिन किसी को यह नहीं पता है कि जो काम वह कर रहा है उसके परिणाम क्या हो सकते हैं, तो उसे मिलने वाली सजा निश्चित रूप से एक सामान्य व्यक्ति की तुलना में कम होनी चाहिए।
अपराधिक मामलों में एक नाबालिक व्यक्ति को एक नाबालिक व्यक्ति की तुलना में कम सजा मिलती है। अब आप समझ चुके होंगे कि मूल रूप से आयु के आधार पर जब किसी व्यक्ति को अबोध मूर्ख या कम बुद्धि का समझा जाता है, तो ऐसे व्यक्ति को नाबालिग कहा जाता है।
नाबालिग किसे कहते हैं? | Nabalig kise kheta hai
नाबालिग की आयु 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को भारतीय संविधान की दृष्टि में नाबालिग समझा जाता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि आमतौर पर पुरुष या महिला एक व्यक्ति जितना समय प्राप्त करने के लिए कम से कम 18 वर्ष की आयु प्राप्त करते हैं, और यदि कोई व्यक्ति 18 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर चुका है तो वह निश्चित रूप से एक नाबालिग व्यक्ति है।
भारतीय संविधान की दृष्टि में किसी भी व्यक्ति को मूर्ख और समझदार बनाने के लिए एक पैमाना उसकी आयु भी है। जिसके आधार पर कई पेशेवर मुजरिमों को सजा नहीं मिल पाती है। कई बार कई लोग ऐसे भी होते हैं जो 18 वर्ष से कम आयु के होते हैं लेकिन उनकी बुद्धि और उनके दृष्टिकोण समाज के लिए घातक होते हैं।
उनके कार्य समाज के लिए विनाशक होते हैं, लेकिन भारतीय दंड विधान उन्हें एक मूर्ख और अबोध बच्चा समझकर आमतौर पर कम सजा देती है, या कुछ मामलों में उन्हें अधिक सुविधा देती है।
नाबालिक होने के क्या फायदे हैं? | nabalik hone ke fayde kya hai
नाबालिक एक कानूनी शब्द है और नाबालिग का सबसे बड़ा फायदा यह होता है, कि यदि कोई व्यक्ति जिसने कोई महान अपराध किया है, और वह आयु के आधार पर नाबालिक है तो उसे कैपिटल पनिशमेंट नहीं दी जा सकती है, जिसका अर्थ यह भी है कि उसे किसी भी कारणवश मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता है।
भारतीय न्यायालय उस व्यक्ति के दंड को कम से कम करने का प्रयास करता है, और जब तक वह व्यक्ति बालिग नहीं हो जाता उसे जुविनाइल कस्टडी में रखा जाता है, जिसका अर्थ है कि उसे बाल कारागृह में रखा जाता है। जहां पर उसके जैसा ही 18 वर्ष से कम आयु के लोग रहते हैं।
आपको याद होगा जब दामिनी रेप केस हत्या कांड हुआ था जिससे पूरी दिल्ली दहल उठी थी, और लोग यह मांग कर रहे थे कि जितने भी बलात्कारी हैं उन सभी को कैपिटल पनिशमेंट अर्थात मृत्यु दंड मिलना चाहिए, तो ऐसी परिस्थिति में केवल एक व्यक्ति को मृत्युदंड नहीं मिल सका था, उसे बालिग होने की अवस्था तक जूविनाइल कस्टडी में रखा गया। उसके पश्चात उसे एक साधारण जेल में भेजा गया।
नाबालिक के बारे में कुछ रोचक तथ्य
- एक नाबालिग व्यक्ति यदि शराब पीता हुआ पकड़ा जाएतो उसे जेल में नहीं डाला जा सकता है।
- यदि कोई व्यक्ति जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम है कोई महान अपराधिक कार्य कर दें तो उसे मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता है।
- यदि कोई नाबालिक बच्चा गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाए तो बच्चे पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है, बल्कि माता-पिता का ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है।
- नाबालिक व्यक्ति को सेना में भर्ती नहीं किया जा सकता है।
- एक नाबालिग व्यक्ति कोभारतीय शिक्षण व्यवस्था में मुफ्त शिक्षा का अधिकार है। हालांकि यह अधिकार केवल सरकारी संस्थानों तक ही सीमित है।
- नाबालिक व्यक्ति वोट नहीं दे सकता है।
- कोई भी माता-पिता अपने बच्चे को तब तक घर से बाहर नहीं निकाल सकते हैं, जब तक वह 18 वर्ष की आयु प्राप्त ना पहले भूमि का अधिग्रहण करने के लिए 18 वर्ष की आयु प्राप्त करना आवश्यक है।
- लॉटरी का टिकट खरीदने के लिए 18 वर्ष की आयु आवश्यक है बार में जाकर शराब पीने के लिए 18 वर्ष की आयु आवश्यक है।
- एक नाबालिग आयु का व्यक्ति अपना बैंक खाता प्राप्त कर सकता है, और इन्वेस्टमेंट भी कर सकता है।
- स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए आपका 18 वर्ष का होना आवश्यक नहीं है।
निष्कर्ष
दोस्तों, आज के लेख में हमने आपको यह बताया है कि Nabalik kya hota hai. इसके अलावा नाबालिक के बारे में हमने आपको और भी कई प्रकार की विशेष जानकारी उपलब्ध कराई है। हम आशा करते हैं कि आज का हमारा यह लेख पढ़ने के पश्चात आप यह समझ पाए होंगे कि Nabalik kya hota hai.
जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। यदि आपको मन में इस लेख से संबंधित कोई सवाल है जो आप हमसे पूछना चाहते हैं तो कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट कर के पूछ सकते हैं।
FAQ
नाबालिग कितने वर्ष तक होता है?
इसमें किशोर की उम्र 16 साल तय की गई थी। 1992 में, भारत सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय बाल सम्मेलन की पुष्टि की गई थी। इस समझौते के तहत अपने दायित्व को पूरा करते हुए किशोर न्याय अधिनियम 2000 आया। इस कानून के तहत किशोर की उम्र 18 साल थी।
बालिग और नाबालिग में क्या अंतर है?
वास्तविक अभिभावक द्वारा प्रतिनिधित्व किया गया नाबालिग 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर वयस्कता प्राप्त करता है जबकि कानूनी अभिभावक द्वारा प्रतिनिधित्व किया गया नाबालिग 21 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर वयस्कता प्राप्त करता है।
नाबालिक में कौन सी धारा लगती है?
वर्ष 2018 में पेश की गई धारा 376DB में प्रावधान है कि यदि कोई व्यक्ति 12 वर्ष से कम उम्र की नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार का दोषी पाया जाता है, तो अदालत के पास उपरोक्त सजा या मौत की सजा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। वहाँ नहीं।
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