कुंजू चंचलो क्या है? कुंजू चंचलो किस जिले का प्रसिद्ध लोक गीत है?
Kunju Chanchalo Kis Jila Ka Prasiddh Lokgeet Hai
दोस्तों, यदि आप हिमालय की गोद में रहते हैं या हिमाचल प्रदेश में रहते हैं तो आपने कुंजू चंचलो के बारे में जरूर सुना होगा। कुंजू चंचलो एक लोकगीत है जो भारत में काफी प्रसिद्ध है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह भारत के किस जिले में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है या भारत के किस राज्य में प्रसिद्ध है?
यदि आप नहीं जानते और जानना चाहते हैं, तो आज के लेख में हम आपको कुंजू चंचलो का पूरा इतिहास बताएंगे। और बताएंगे कि कुंजू चंचलो किस जिला का प्रसिद्ध लोकगीत है, और इसके पीछे क्या कहानी है, जो इस लोक गीत को इतना महत्वपूर्ण बनाती है। इसी के साथ इस लोकगीत के लिरिक्स के बारे में भी हम आपको जानकारी देंगे।
तो चलिए शुरू करते है:-
कुंजू चंचलो क्या है? | Kunju Chanchalo kya hai
कुंजू चंचलो एक प्रसिद्ध लोकगीत है जिसमें चंबा की भाषा के अंतर्गत यह बताया जाता है कि किस प्रकार एक प्रेमी अपनी प्रेमिका से प्रेम करता हुआ भी अपने देश के लिए न्योछावर हो जाता है। जो लोग कपटी मानसिकता के साथ प्रेमी और प्रेमिका को अलग करने की कोशिश करते हैं, उनका भी अंत में सर्वनाश हो जाता है।
यह गीत वीरगाथा, प्रेम, लोकगीत, सामाजिक बंधन, सामाजिक उत्सव इन सभी के अंतर्गत श्रृंगार रस के साथ-साथ वीर रस में भी लोकगीत का विशेष महत्व दर्शाती है।
यह कुल्लू और कांगड़ा के प्रेम गीत अर्थात कुंजू चंचलो के प्रेम गीत को पूरे चंबा में प्रसिद्ध बनाए हुए हैं। यह बिल्कुल हीर रांझा के प्रेम गीत की तरह ही है। बस कुंजू और चंचलो की कहानी थोड़ी अलग है। इसके बारे में हमने आपको नीचे जानकारी दी है।
कुंजू चंचलो किस जिले का प्रसिद्ध लोक गीत है? | Kunju Chanchalo Kis Jila Ka Prasiddh Lokgeet Hai
कुंजू चंचलो हिमाचल प्रदेश, जोकि हिमालय की गोद में बसा हुआ है, कि चंबा जिले का प्रसिद्ध लोकगीत है। यह लोकगीत विशेष श्रृंगार रस से भरा हुआ लोक गीत है, जिसमें प्रेम गीत को अधिक महत्व दिया गया है। लेकिन इसमें कहीं कहीं जगह पर आपको वीर रस के बोल भी सुनाई देते हैं।
यह हिमाचल में पूरी तरह से प्रख्यात है और भारत के कई जिलों में यह गीत गाया जाता है। यह गीत प्रेम की प्रबल भावनाओं से अभिभूत हुआ है।
कुंजू चंचलो की कहानी क्या है? | kunju chanchalo ki kahani kya hai in hindi
कुंजू चंचलो हिमाचल के चंबा गांव के रहने वाले दो प्रेमी थे, जो एक दूसरे से प्यार करते थे। लेकिन उस समय कहा जाता था कि चंचलो इतनी खूबसूरत थी कि वहां का राजा भी उसे चंचलो के प्यार में गिर गया और राजा का वजीर भी।
चंचलो की सुंदरता में डूब चुका था लेकिन कुंजू चंचलो के अलावा अपनी मातृभूमि से भी उतना ही प्यार करता था। राजा दिल का बड़ा ही अच्छा व्यक्ति था उसने चंचलो को हथियाने की कोशिश नहीं की जबकि वह अपनी धन शक्ति से और सेना की शक्ति से ऐसा आसानी से कर सकता था।
लेकिन उसने नहीं किया और राजा ने ही हिम्मत नहीं की इसलिए वजीर की भी हिम्मत नहीं हुई। लेकिन कुछ समय पश्चात वजीर ने राजा को भड़काया कि वह कुंजू को युद्ध पर भेज दे, और हम उसकी युद्ध में हत्या करवा देंगे, और यह कह देंगे कि मैं वीरगति को प्राप्त हो गया।
दोनों ने ऐसा किया भी लेकिन जब चंचलो को पता चला कि कुंजू नहीं रहा तो वह बिल्कुल पागल जैसी हो गई। जब उसे राजा और वजीर के छल के बारे में पता चला तो उसने राजा और वजीर को श्राप देकर आत्महत्या कर ली।
जब राजा को पता चला कि उसके हाथों से कितना बड़ा अपराध हो गया तो उसने भी आत्मग्लानि से भर कर आत्महत्या कर ली। लेकिन वजीर इतना कपटी लकी था कि उसने राजा के राज्य को हथियाने की कोशिश की और कुंजू के गुरु के द्वारा उसकी हत्या कर दी गई। यह कहानी पूरे हिमाचल प्रदेश में काफी अधिक प्रसिद्ध है।
कुंजू चंचलो के बोल क्या है? | kunju chanchalo ke bole kya hai
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कुंजू चंचलो के बोल कुछ इस प्रकार हैं:-
बिच बटन निशानी हो हाय – मेरिये जिन्दे बिच बटन निशानी हो हाय।।
बटना दा गम मत करें चंचलो
चम्बे चांदी बथेरी हो हाय – मेरिये जिन्दे चम्बे चांदी बथेरी हो।।
अप्पू जे तू चल्या परदेश कुँजुआ
मिजो देई जा निशानी हो हाय – मेरिये जिन्दे मिजो देई जा निशानी हो।।
गोरी गोरी बाँहि लाल चुड़ा चंचलो
बिच गजरा निशानी हो हाय – मेरिये जिन्दे बिच गजरा निशानी हो।।
तेरे जे गलाये चम्बे औना चंचलो
तेरी क्या वो निशानी हो हाय – मेरिये जिन्दे तेरी क्या वो निशानी हो।।
चम्बे दे चुगाने मेरा डेरा कुँजुआ
बुट्टा पीपल निशानी हो हाय – मेरिये जिन्दे बुट्टा पीपल निशानी हो।।
राति वो बाराती मत आउंदा कूजूआ
वैरी भरियाँ बंदूकां हो हाय – मेरिये जिन्दे वैरी भरियाँ बंदूकां हो।।
वेरिआं दा गम मत करें चंचलो
बाँहि ज़ोर बथेरा हो हाय – मेरिये जिन्दे बाँहि ज़ोर बथेरा हो।।
लोक तन गलादें काली काली चंचलो
तू ता मरुए दी डाली वो मेरी ,मरुए दी डाली वो मेरी
मरुए दी डाली वो मेरी, मरुए दी डाली हो।।
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अंतिम विचार
आज के लेख में हमने आपको बताया कि कुंजू चंचलो क्या है, तथा Kunju Chanchalo Kis Jila Ka Prasiddh Lokgeet Hai. कुंजू चंचलो गीत के बारे में हमने आपको सारी जानकारी प्रदान की है। इसी के साथ कुंजू चंचलो गीत के इतिहास के बारे में भी हमने आपको वह कहानी बताई जो सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है।
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