कर्नाटक में कितने जिले हैं? | karnatak mein kul kitne jile hain
karnataka ke sabhi jile ka naam hindi mein
मित्रों, भारत का राज्य कर्नाटक अपनी भारतीय संस्कृति में निपुणताओं की वजह से जाना जाता है। कर्नाटक का भारतीय संस्कृति में भारतीय विज्ञान में और भारत के अखंड इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान है।
लेकिन आज भी अधिकांश भारतीय कर्नाटक के बारे में कुछ खास नहीं जानते है। सिर्फ इतना जानते हैं कि कर्नाटक भारत का एक राज्य है जो दक्षिण दिशा में स्थित है। इसीलिए आज हम आपको यह बताने वाले हैं कि कर्नाटक राज्य की उत्पत्ति कब हुई, कर्नाटक राज्य क्यों महत्वपूर्ण है, karnatak mein kitne jile hain, और कर्नाटक राज्य से संदर्भ सभी मुद्दों पर आज हम आपको जानकारी देने का प्रयास करेंगे
तो चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं कि karnatak mein kitne jile hain:-
कर्नाटक राज्य की स्थिति क्या है और यह कहां स्थित है?
मित्रों, कर्नाटक भारत का एक राज्य है यह भारत के दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में स्थित है। इसे पुराने समय में मैसूर राज्य के नाम से जाना जाता था, जिसे बदलकर कर्नाटक कर दिया गया। इसे कर्नाटक नाम सन 1973 में मिला। कर्णाटक राज्य की राजधानी बेंगलुरु शहर है। जो कि आज के समय टेक्नोलॉजी का हब बन चुका है।
कर्नाटक पश्चिम दिशा से अरब सागर से जुड़ा हुआ है। उत्तर-पश्चिम दिशा से गोवा से जुड़ा हुआ है। उत्तर दिशा में महाराष्ट्र से जुड़ा हुआ है। तेलंगाना, कर्नाटक के उत्तर-पूर्व में स्थित है, तथा पूर्व में यह आंध्र प्रदेश से जुड़ा हुआ है। दक्षिण-पूर्व में कर्नाटक तमिलनाडु से जुड़ा हुआ है। दक्षिण-पश्चिम में कर्नाटक केरल राज्य से जुड़ा हुआ है।
कर्नाटक में कितने जिले हैं? | karnatak mein kitne jile hain
मित्रों कर्नाटक में आज के समय कुल मिलाकर 31 जिले स्थापित हो चुके हैं और इन 31 जिलों को चार प्रभागों में विभाजित किया गया है- जिनके नाम किट्टूरू कर्नाटक, बैंगलोर, कल्याण कर्नाटक, तथा मैसूर के नाम से नामित है।
कर्नाटक के जिलों के नाम | karnataka ka jila ka naam
कर्नाटक के जिलों के नाम कुछ इस प्रकार है बागलकोट, बेलगाम, धरवाड़, गदग, हवेरी, उत्तर कर्नाटक, विजयपुर, बेंगलुरु अर्बन, बेंगलुरु ग्रामीण, चिक्काबल्लापुरा, चित्रदुर्ग, देवनागरी, कोलार, रामनगर, शिमोगा, तुमकूरू, बेल्लारी, बिदर, कालाबुरागी, कोपाल, रायचूर, यादागिरी, विजयनगर, चामाराजनगर, दक्षिण नगर, हसनपुर, कोडागु, चिमकागलुर, मंडिया, मैसूर, उडुपी, यह सभी कर्नाटक के 31 जिलों के नाम है।
कर्नाटक की उत्पत्ति कब हुई?
दोस्तों, कर्नाटक राज्य का गठन 1 नवंबर सन 1956 को हुआ था। इसे राज्य पुनर्गठन अधिनियम के पारित होने के साथ ही गठित कर दिया गया था। कर्नाटक के नाम से पहले इसे मैसूर राज्य के नाम से जाना जाता था।
कर्नाटक राज्य का क्षेत्रफल 1,91,791 वर्ग किलोमीटर का है। यह भारत के कुल क्षेत्रफल का 5.83% क्षेत्रफल है। क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का छठा बड़ा राज्य है।
2011 की जनगणना के अनुसार यहां पर रहने वाले लोगों की जनसंख्या 6,11,30,000 से ज्यादा है, इस राज्य के कुल 32 जिले हैं। यहां पर मूल रूप से कन्नड़ भाषा बोली जाती है, लेकिन कन्नड़ के साथ-साथ कोंकणी, मराठी, तमिल, तुलु, तेलुगू, मलयालम, कोडवा, बेरी, हिंदी और उर्दू अल्पसंख्यक भाषाओं में बोली जाती है।
कर्नाटक में कुछ ऐसे गांव भी है जहां पर संस्कृत मुख्य रूप से बोली जाती है। कर्नाटक शब्द का कन्नड़ भाषा में मतलब ऊंची भूमि होता है। ऐसा भी कहा जाता है कि पुरापाषाण काल के समय से ही कर्नाटक मध्यकालीन भारत के सबसे शक्तिशाली साम्राज्य का गढ़ रहा है।
आज के समय कर्नाटक की की कुल अर्थव्यवस्था 210 बिलीयन डॉलर की है, और यहां पर प्रति व्यक्ति आय ₹2,26,000 है अर्थात $2800 है। यह भारत की 6th बड़ी अर्थव्यवस्था भी है।
कर्नाटक राज्य का मुख्य भोजन क्या है? | karnataka rajya ke bhojan kya hai
मित्रों, कर्नाटक राज्य का मुख्य भोजन कुछ भी नहीं है। लेकिन यहां पर कई ऐसे महत्वपूर्ण पकवान है जो पूरे राज्य समेत भारत में पसंद किए जाते हैं। यहाँ सबसे ज्यादा इडली, सांभर, मेदुवडा, नारियल चटनी खाए जाते हैं, जिनमें सबसे पहला नाम मसूरी मसाला डोसा है। इसके पश्चात मैसूर पाक, चाउ चाउ भात, कोरी गास्सी औबट्टू, साउथ इंडियन खिचड़ी, बीसी बेले भात, मेदू वडा यह सभी कर्नाटक के सर्वश्रेष्ठ भोजनॉ में शामिल है।
कर्नाटक का राज्य पशु कौन–सा है? | karnataka ka rajya pashu kya hai
मित्रों कर्नाटक के राज्य पशु का नाम भारतीय हाथी है।
कर्नाटक का राज्य पक्षी कौन–सा है? | karnataka ka rajya pakshi kya hai
मित्रों कर्नाटक के का राज्य पक्षी नीलकंठ है, और इसका वैज्ञानिक नाम कोरेसियस बेन्गालेन्सिस है।
कर्नाटक राज्य की विशेषता
भारत का हर राज्य अपने आप में अपनी एक अलग पहचान रखता है। भारत के कर्नाटक राज्य की भी कई विशेषताएं हैं, यह राज्य अत्यंत सुंदर है और इसकी विशेषताएं इसका वर्णन करती है, जैसे कि-
- कर्नाटक एक विशाल और सुंदर राज्य हैं, तथा यह किसानी के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर जो पहले राजा होते थे वह भी वर्ष में छह बार किसानी करते थे।
- कर्नाटक का मूल मतलब महान राज्य, उत्तम भूमि, या ऊंची भूमि होता है। यहां पर पानी की कमी भी महसूस नहीं होती है।
- कर्नाटक राज्य के राजधानी का नाम बेंगलुरु है, और बेंगलुरु के नाम से आईपीएल की एक टीम है जिसका नाम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु है।
- कर्नाटक की मुख्य भाषा का नाम कन्नड़ भाषा है, और अधिकांश लोग कन्नड़ भाषा बोलते हैं।
- इसके अलावा तमिल तेलुगू हिंदी उर्दू अंग्रेजी इत्यादि भाषा कर्नाटक में बोली जाती है।
- कर्नाटक के लोक नृत्य का नाम यक्षगान है, तथा गुल्लू कुनिठा यहां का लोक नृत्य माना जाता है। यह नृत्य आमतौर पर शादियों में सबसे ज्यादा किया जाता है।
- लोक संगीत के तौर पर यहां पर शास्त्रीय संगीत काफी प्रसिद्ध है।
- चित्रवीणा यहां का प्रसिद्ध वाद्य यंत्र है।
- जिसका उपयोग लगभग हर भारतीय संगीतकार करता है।
- यहां के प्रसिद्ध भोजन के तौर पर इडली, डोसा, सांभर, चावल, नारियल की चटनी, इमली की चटनी, टमाटर की चटनी शामिल है।
- इसी के साथ कर्नाटक में पांच भारत के टाइगर रिजर्व भी हैं जिनके नाम बांदीपुर टाइगर रिजर्व, नागरहोल टाइगर रिजर्व, दांडेली अंशी टाइगर रिजर्व और बीआरटी टाइगर रिजर्व है।
निष्कर्ष
आज के लेख में हमने जाना कि Karnatak mein kitne jile hain?, और वह कौन-कौन से हैं। आशा करते हैं कि आप को कर्नाटक राज्य के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करने के लिए किसी अन्य लेख को पढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी। यदि आप कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।
FAQ
कर्नाटक क्यों प्रसिद्ध है?
दक्षिण भारत का यह राज्य आपकी तीर्थयात्रा को सार्थक बनाने में पूरी तरह सक्षम है। साल भर में देश-विदेश से लाखों की संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु यहां आते हैं, जो प्राचीन मंदिरों और उनकी आकर्षक वास्तुकला को देखना पसंद करते हैं।
कर्नाटक में सबसे बड़ा शहर कौन सा है?
बैंगलोर कर्नाटक का सबसे बड़ा शहर है।
कर्नाटक का सबसे अमीर जिला कौन सा है?
जैसा कि अपेक्षित था, बेंगलुरु शहरी उच्च आय वाले जिलों की सूची में सबसे ऊपर है, इसके बाद दक्षिण कन्नड़ और उडुपी के दो तटीय जिले हैं।
कर्नाटक के निर्माता कौन है?
मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने स्वतंत्रता से पहले दक्षिण भारत में मैसूर को कर्नाटक का सबसे विकसित और समृद्ध क्षेत्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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