झाड़ू बनाने का कच्चा माल कहां मिलता है?

झाड़ू हर घर में इस्तेमाल होने वाला एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है, इसीलिए झाड़ू बनने की प्रक्रिया, झाड़ू बनाने में उपयोग होने वाले कच्चे माल और झाड़ू के प्रकारों के बारे में हमें पता होनी चाहिए, अगर आप झाड़ू बनाने का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो झाड़ू बनाने का कच्चा माल कहां मिलता है और झाड़ू बनाने की बिजनेस में कितना प्रॉफिट है इस टॉपिक पर भी हमने इस आर्टिकल में चर्चा की है।
झाड़ू बनाने का कच्चा माल कहां मिलता है?
झाड़ू बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के कच्चे माल (Jhadu banane ka Raw Material) की आवश्यकता होती है जैसे कि बांस, नारियल के पत्ते, घास और प्लास्टिक इत्यादि। यदि बात करें घास और नारियल के पत्तों की तो यह ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से मिल जाते हैं या आप इन्हें किसान मंडी या धान मंडी से भी खरीद सकते हैं। अन्यथा आप इन्हें कृषि उत्पादकों से भी खरीद सकते हैं जो विशेष कर इन्हीं की खेती करते हैं।।
फूल झाड़ू का कच्चा माल कहां मिलता है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फूल झाड़ू बनाने के लिए विशेष घासजाति बरूम या सरई घास का उपयोग किया जाता है। और यह भारत के उत्तरी पूर्वी राज्यों जैसे असम, मेघालय, नागालैंड में भरपूर मात्र में पाया जाता है। यहां के किसान बड़े पैमाने पर इस घास की खेती करते है और झाड़ू बनाने हेतु मार्केट में सेल करते है।
झाड़ू कैसे बनाते है? और झाड़ू कितने प्रकार के होते है?

झाड़ू बनाने के लिए काफ़ी मेहनत लगती है सबसे पहले कच्चे माल को इकट्ठा किया जाता है और फिर इसे सुखाया जाता है ताकि मजबूत हो जाये। इसके बाद इसे विशेष आकार देकर धागे से बांध दिया जाता है। हेंडल लगा देने के बाद यह बिलकुल तैयार हो जाता है।
अगर झाड़ू के प्रकारों (Jhadu Ke Prakar) की बात करें तो झाड़ू मुख्यत: 3 प्रकार के होते हैं:-
- बांस झाड़ू (Bamboo Broom)
- फूल झाड़ू (Flower broom)
- नारियल झाड़ू (Coconut Broom)
नारियल झाड़ू कैसे बनते हैं? (Nariyal Jhadu Raw Material)
नारियल झाड़ू बनाने के लिए नारियल के पत्तों को सुखाया जाता है ताकि यह मजबूत बना रहे। और पत्तों को आकार देकर उन्हें अच्छी तरह से व्यवस्थित करके धागे से बांध दिया जाता है, इसके इसके पश्चात इसमें मजबूत हैंडल लगा दिया जाता है और आपका नारियल झाड़ू बनकर तैयार है।
कोरापुट कहा है?
कोरापुट एक जिला है, जो मुख्यतः उड़ीसा जिला में उपस्थित है और यह जिला बड़े स्तर पर झाड़ू बनाने के कच्चे माल (Jhadu banane ka Raw Material) के लिए देश भर में प्रसिद्ध है। यहां के स्थानीय किसान और कारीगर ज्यादा से ज्यादा झाड़ूयों का उत्पादन करते है और उचित दामों पर बाजार में सेल करते है।
झाड़ू का होलसेल मार्केट कहाँ हैं?

भारत में झाड़ू बनाने के होलसेल मार्केट काफ़ी है, लेकिन उनमे से मुंबई,दिल्ली, चेन्नई व कोलकता के होलसेल मार्केट काफ़ी प्रसिद्ध है, देश भर के ज्यादातर झाड़ू इन्ही क्षेत्रों से निर्यात व आयात होते है। यहां के होलसेल मार्केट से निम्न से उच्च स्तर के व्यवसायक झाड़ू खरीदते है और मार्केट में ज्यादा दामों पर बेचते है।
झाड़ू बनाने के बिजनेस में कितना प्रॉफिट है?
अगर आप झाड़ू बनाने के बिजनेस (jhadu banane ka business) को शुरू करना चाहते हैं, तो आपको बता दें की झाड़ू की मांग (Demand) हमेशा बनी रहती है और इसका कच्चा माल (Jhadu banane ka Raw Material) आसानी से उपलब्ध हो जाता है इसलिए कच्चे माल की कीमत (Jhadu Raw Material price) कम रहती है, जिस वजह से झाड़ू बनाने में काफ़ी कम लागत आती है। और इसे बेचने पर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। अर्थात इस jhadu banane ka business में काफी अच्छा प्रॉफिट है।
निष्कर्ष
झाड़ू बनाने का बिजनेस (jhadu banane ka business) एक लाभकारी बिजनेस है। कोरापुट जैसे जिलों से होलसेल में सस्ते दामों पर झाड़ू मंगाकर अधिक दामों में बेचना एक अच्छा बिजनेस बन सकता है। इसके लिए झाड़ू बनाने की उचित विधि सिखने की आवश्यकता होगी।
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झाड़ू बनाने के लिए कौन-कौन से कच्चे माल की आवश्यकता होती है?
प्लास्टिक, बांस,नारियल के पते, धागे, सरई घास इत्यादि
झाड़ू बनाने के बिज़नेस को शुरू करने के लिए कितना निवेश चाहिए?
झाड़ू बनाने के बिज़नेस को बहुत कम बजट के साथ सुरु किया जा सकता हैं।
झाड़ू बनाने के होलसेल मार्केट कहा पर है?
चेन्नई, मुंबई, कोलकता और दिल्ली इत्यादि।
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