लिखित भाषा किसे कहते हैं? और लिखित भाषा के महत्व और उदाहरण
यदि आप भाषा किसे कहते हैं और Likhit Bhasha Kise Kehte Hai नहीं जानते हैं तो आप बहुत सारी बेसिक सी जानकारी मिस कर रहे हैं, लिखित भाषा किसे कहते हैं Class 1 के बच्चों भी उनके स्कूल में पढ़ता जाता हैं।
स्कूल में बच्चों को व्याकरण विषय में उनके टीचर्स ये सवाल जरूर पूछते हैं की लिखित भाषा किसे कहते हैं और Likhit Bhasha ki Paribhasha क्या होती हैं।
इसलिए आज के इस ब्लॉग पोस्ट में मैं आप लोगो को बताने वाला हूं की भाषा क्या होता हैं, लिखित भाषा किसे कहते हैं उदाहरण सहित और साथ ही भाषा कितने प्रकार के होते हैं।
लिखित भाषा किसे कहते हैं?। Likhit Bhasha Kise Kehte Hai
लिखित भाषा का सबसे आसान परिभाषा हैं “ऐसे विचार जिनको हम लिख कर व्यक्त कर सकते हैं उन्हें लिखित भाषा कहते हैं”।
जैसे की हम किसी को कोई चीज़ लिखकर देते हैं और वो उसे पढ़ने के बाद समझते हैं उसे लिखित भाषा कहते हैं।
लिखित भाषा के 10 उदाहरण | likhit bhasha ke 10 udaharan
- गीता , रामायण , महाभारत
- कहानी लेखन
- जीवनी
- समाचार पत्र
- पत्रिका
- एसएमएस
- ब्लॉग
- निबंध
- ईमेल
- नोट्स बनाना आदि.
आप बस इतना याद रखिए आप जिन भी चीज़ को लिख कर समझते हैं या फिर लिख कर व्यक्त करते हैं उसे लिखित भाषा कहते हैं।
लिखित भाषा का ही एक प्रकार हैं।
भाषा किसे कहते हैं?। Bhasha Kise Kehte Hai
भाषा जिसे अंग्रेजी में Language कहा जाता हैं एक जरिया या साधन हैं जिसके माध्यम से हम अपने विचारों को व्यक्त कर पाते हैं और दूसरा व्यक्ति उसे समझ पाता हैं।
भाषा हर एक मनुष्य को बोलने और लिखने की आजादी देती हैं जिससे आप अपनी भावनाओं को दूसरे के सामने व्यक्त कर पाते हैं।
डॉक्टर बाबूराम सक्सेना के अनुसार भाषा एक ऐसी ऊर्जा हैं जो मनुष्य के विचारों, संधर्बों और अनुभवों को व्यक्त करती हैं।
भाषा का महत्व बताइए । Bhasha ka Mahatva
भाषा का मनुष्य के जीवन में बहुत बड़ा रोल हैं, क्युकी भाषा आभ्यन्तर अविव्यक्ति का सबसे कारीगर माध्यम हैं।
बिना भाषा को इस्तेमाल किए इस धरती भी मनुष्य अपना विकास और कल्याण नहीं कर सकता हैं, और इसलिए कहा जाता हैं की भाषा के बिना मनुष्य अधूरा हैं।
भाषा का अस्तित्व हैं तब ही हमारा भी कुछ अस्तित्व हैं और हम अपने विचारों का आदान प्रदान कर पा रहे हैं।
अगर एक लाइन में भाषा का महत्व या फिर लिखित भाषा का महत्व लिखना हो तो वो कुछ प्रकार लिखा जाएगा की ” भाषा मनुष्य के जीवन का सार हैं और इसी से मनुष्य को हर तरह से ज्ञान की प्राप्ति और उनका विकास होता हैं “।
भाषा के प्रकार । Bhasha ke Prakar in Hindi
भाषा के मुख्य तौर पर 3 प्रकार हैं और वो हैं;
- लिखित भाषा
- मौखिक भाषा
- सांकेतिक भाषा
लिखित भाषा किसे कहते हैं ये तो हमने जान लिया अब जानते हैं की मौखिक भाषा किसे कहते हैं और सांकेतिक भाषा किसे कहते हैं।
ऐसे विचार जिनको हम अपने मुख से बोलकर व्यक्त करते हैं उन्हें मौखिक भाषा कहते हैं, और।
ऐसे विचार या भावनाएं जिनको हम संकेत देकर समझते या समझते हैं उन्हें सांकेतिक भाषा कहते हैं।
लिखित भाषा की विशेषताएं
विद्वानों के अनुसार तो लिखित भाषा की बहुत सारी विशेषताएं या खासियत हैं लेकिन कुछ सबसे महत्वपूर्ण और जिनके बारे में काफ़ी सारे लोग जानते हैं वो हैं;
- लिखित भाषा ( भाषा ) का स्थाई रूप हैं।
- लिखित भाषा में हम अपने विचारों या भाव को अनंत काल के लिए सुरक्षित रख सकते हैं और उसका उदाहरण हैं पुराने ग्रंथ और गीता रामायण जैसे चीज़।
- लिखित भाषा एक ऐसी भाषा हैं जिसमे वक्ता और श्रोता को एक साथ नहीं होना पड़ता हैं।
Frequently Asked Questions
लिखित भाषा किसे कहते हैं उदाहरण सहित?
लिखित भाषा एक ऐसी भाषा होती हैं जिसके जरिए हम अपने किसी भी प्रकार के विचार या भावों को लिखकर व्यक्त कर पाते हैं और सामने वाला व्यक्ति उसे पढ़कर समझता हैं , लिखित भाषा बाकी सभी भाषाओं में सबसे अधिक प्रभावित करने वाला भाषा हैं।
लिखित भाषा के दो उदाहरण: न्यूजपेपर और परीक्षा में पेपर लिखना।
मौखिक भाषा किसे कहते हैं उदाहरण सहित?
मौखिक भाषा एक ऐसी भाषा हैं जिसके जरिए मनुष्य अपने विचारों या भावों को अपने मुख से बोलकर प्रकार या व्यक्त कर पाते है और सामने वाला श्रोता उसे सुनने के बाद समझ पाता हैं।
मौखिक भाषा के दो उदाहरण ; टेलीफोन या दूरदर्शन और वार्तालाप करना।
निष्कर्ष
तो मैं उम्मीद करता हूं की आप सभी को हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा जिसमे हमने आप सभी को बताया की लिखित भाषा किसे कहते हैं उदाहरण सहित (likhit bhasha ki paribhasha, mahatva aur udaharan) और साथ ही भाषा किसे कहते हैं और इससे कुछ न कुछ थोड़ा बहुत भी नया सीखने को मिला होगा।
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