POCSO ACT: पास्को एक्ट में जमानत कैसे मिलती है?

How to get bail under POCSO Act? : पास्को एक्ट, 2012 का उद्देश्य बच्चों को यौन उत्पीड़न, शोषण और पोर्नोग्राफी से सुरक्षा प्रदान करना है। यह कड़ा कानून अपराधियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करता है, जिससे आरोपी के लिए जमानत लेना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। हालांकि, कानून में निर्दोष व्यक्तियों के अधिकारों की भी सुरक्षा की व्यवस्था की गई है।
इस ब्लॉग में हम समझेंगे कि पास्को एक्ट मे जमानत कैसे मिलती है (How to get bail under POCSO Act), कौन से कारक इसे प्रभावित करते हैं, और न्यायालय किस प्रकार निर्णय लेता है।
पोक्सो एक्ट में जमानत की कानूनी स्थिति

पोक्सो एक्ट (POCSO ACT) के तहत आरोप गंभीर होते हैं, इसलिए अधिकतर मामलों में जमानत गैर-जमानती होती है। इसका अर्थ है कि पुलिस स्टेशन से तुरंत जमानत नहीं मिलती, और अभियुक्त को कोर्ट से जमानत लेनी पड़ती है।
नीचे जमानत के प्रकार (Types of bail) और उनके अंतर की एक झलक दी गई है;
प्रकार | व्याख्या |
---|---|
नियमित जमानत | ट्रायल के दौरान अभियुक्त को अस्थायी रूप से रिहा करने की अनुमति। |
अग्रिम जमानत | गिरफ्तारी से पहले सुरक्षा हेतु जमानत, लेकिन पास्को मामलों में इसे सामान्यतः अस्वीकार कर दिया जाता है। |
अंतरिम जमानत | सीमित समय के लिए जमानत, जब तक नियमित जमानत पर फैसला न हो। |
जमानत का निर्धारण करने वाले प्रमुख कारक

- अपराध की गंभीरता : यौन शोषण जैसे गंभीर अपराधों में जमानत मिलना कठिन होता है।
- पीड़ित की आयु और स्थिति : पीड़ित यदि नाबालिग है और अपराध की प्रकृति गंभीर है, तो जमानत की संभावना कम हो जाती है।
- सबूतों की स्थिति :अभियुक्त के खिलाफ ठोस सबूत होने पर जमानत मिलने की संभावना कम होती है।
- अभियुक्त का आपराधिक रिकॉर्ड : पहले से आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति के लिए जमानत पाना कठिन होता है।
- पीड़ित और गवाहों पर प्रभाव : अगर अभियुक्त की रिहाई से गवाहों पर दबाव या सबूतों से छेड़छाड़ की संभावना हो, तो जमानत नहीं दी जाती।
पास्को एक्ट में जमानत कैसे मिलती है?

- जमानत अर्जी दाखिल करना: अभियुक्त या उसके वकील जिला या सत्र न्यायालय में जमानत की अर्जी दाखिल करते हैं।
- सुनवाई: जज, अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलें सुनता है।
- जमानत की शर्तें: यदि जमानत मंजूर होती है, तो अभियुक्त को कुछ शर्तें माननी होती हैं, जैसे:
- अभियुक्त पीड़ित या गवाहों से संपर्क नहीं करेगा।
- विदेश यात्रा के लिए अनुमति लेनी होगी।
- अस्वीकृति का अधिकार: यदि अदालत को लगता है कि अभियुक्त की रिहाई से न्याय प्रक्रिया बाधित हो सकती है, तो जमानत खारिज कर दी जाती है।
जमानत मिलने की संभावनाएं कब बढ़ती हैं?

- झूठे आरोपों का संकेत: यदि प्रारंभिक जांच सबूत में झूठे आरोपों का संदेह हो।
- सबूतों की कमी: यदि अभियोजन पक्ष पुख्ता सबूत प्रस्तुत करने में विफल रहे।
- मामले में देरी: ट्रायल में अनावश्यक देरी के कारण भी कोर्ट जमानत दे सकती है।
- स्वास्थ्य आधार: यदि अभियुक्त की सेहत गंभीर रूप से खराब है, तो जमानत दी जा सकती है।
निष्कर्ष
पास्को एक्ट (POCSO ACT) के तहत जमानत मिलना आसान नहीं है, क्योंकि यह कानून बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। अदालत जमानत देते समय अपराध की गंभीरता, सबूतों की स्थिति और अभियुक्त के आचरण को ध्यान में रखती है।
हालांकि, अगर आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं या वह न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग करता है, तो न्यायालय उसे शर्तों के साथ जमानत दे सकता है।
- IG कितने जिलों का मालिक होता है, उनका काम और वेतन?
- DA Hike 2024 : जानिए इस साल कितने की हुई हैं बढ़ोतरी?
- CNT ACT Jharkhand: सीएनटी एक्ट में कौन कौन से जाति आते हैं?
- झूठे SC/ST Act से कैसे बचा सकता है?
POCSO एक्ट में जमानत मिल सकती है क्या?
हां, लेकिन यह कानून के तहत जमानती नहीं है। जमानत केवल कोर्ट से विशेष परिस्थितियों में दी जाती है।
POCSO एक्ट के तहत अग्रिम जमानत मिल सकती है क्या?
आमतौर पर नहीं, लेकिन यदि आरोप मनगढ़ंत या झूठे हों, तो उच्च न्यायालय या सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल सकती है।
POCSO केस में जमानत के लिए कितने दिन लगते हैं?
सामान्यतः जमानत की सुनवाई 7 से 14 दिनों में पूरी हो जाती है, लेकिन मामला जटिल होने पर इसमें अधिक समय लग सकता है।
अगर जमानत याचिका खारिज हो जाए तो क्या करें?
अभियुक्त उच्च न्यायालय या सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है।
क्या POCSO केस में समझौता करके जमानत हो सकती है?
नहीं, POCSO एक्ट के तहत अपराध गंभीर हैं और इनमें समझौते की अनुमति नहीं होती।
Homepage | Click Hear |