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Domestic Violence Women Helpline Number : घरेलू हिंसा महिला हेल्पलाइन नंबर क्या हैं?

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घरेलू हिंसा महिला हेल्पलाइन नंबर : इसमें कोई शक नहीं की समय के साथ सब कुछ विकसित हो रहा है लेकिन हमारे भारत में आज भी कई समाज ऐसे हैं जहाँ भारत की बहु बेटिया हर रोज़ घरेलू अहिंसा का शिकार हो रही हैं। बिना किसी वजहा उन्हें मारा पीटा जाता है, अपशब्द बोले जाते हैं जिस कारण वह शारीरिक रूप के साथ साथ मानसिक रूप से पीड़ित हैं।

बहुत सी महिलायें ऐसी भी हैं जिन्होंने आवाज़ उठाने की कोशिश की लेकिन उनकी आवास को दबा दिया गया वहीं दूसरी ओर कुछ बहने ऐसी भी हैं, जो मार पीट के डर से कुछ नहीं बोल पाती। ऐसे समय में एक सही हेल्पलाइन नंबर (Women’s Helpline Number) जानना बहुत जरूरी हो जाता है। 

ये Domestic Violence Women’s Helpline Number तुरंत मदद पहुंचाते हैं। इस लेख में हम आपको घरेलू हिंसा की पूरी जानकारी और घरेलू हिंसा महिला हेल्पलाइन नंबर के बारे में आसान भाषा में बताएंगे।

घरेलू हिंसा क्या होती है और इसका असर क्या है? (What is Domestic Violence and What are its effects?)

What is Domestic Violence and What are its effects?

घरेलू हिंसा पीड़ित के घर के किसी सदस्य द्वारा की गई हिंसा है। इसमें साथी और पूर्व साथी, नजदीकी परिवार के सदस्य, अन्य रिश्तेदार और पारिवारिक मित्र शामिल होते हैं। यह हिंसा शारीरिक भी हो सकती है, जैसे मारना-पीटना, या मानसिक, जैसे रोज गालियां देना, डराना या परेशान करना। 

कई बार महिला को पैसे नहीं दिए जाते, उसे अकेला छोड़ दिया जाता है या उसकी इच्छा के खिलाफ शारीरिक संबंध बनाए जाते हैं।

इस तरह की हिंसा का महिला के मन और शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है। वह डर में रहने लगती है, बीमार हो जाती है और कई बार अपने बच्चों के लिए भी चिंता में डूब जाती है। समाज में बदनामी का डर, परिवार टूटने का डर और बच्चों की चिंता उन्हें चुप रहने पर मजबूर कर देती है।

घरेलू हिंसा की कानूनी परिभाषा? (Legal Definition of Domestic Violence?)

Legal Definition of Domestic Violence?

Protection of Women from Domestic Violence, 2005 की परिभाषा भारत सरकार ने घरेलू हिंसा को रोकने के लिए घरेलूहिंसा अधिनियम, 2005 को लागू किया। इस कानून के तहत महिलाओं को उनके घर में हिंसा से सुरक्षा देने के लिए कई कानूनी प्रावधान हैं। 

घरेलू हिंसा में शारीरिक हिंसा (मार-पीट), मानसिक हिंसा (गालियाँ, मानसिक शोषण), आर्थिक हिंसा (आर्थिक स्वतंत्रता से वंचित करना) और यौन हिंसा (बलात्कार, यौन उत्पीड़न) शामिल हैं।

घरेलू हिंसा महिला हेल्पलाइन नंबर (Domestic Violence Women Helpline Number)

घरेलू हिंसा महिला हेल्पलाइन नंबर
घरेलू हिंसा महिला हेल्पलाइन नंबर

अगर कोई महिला घरेलू हिंसा का शिकार हो रही है तो वह तुरंत इन घरेलू हिंसा महिला हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करके मदद ले सकती है। ये नंबर महिला को तुरंत सुरक्षा, कानूनी सलाह और जरूरत पड़ने पर आश्रय केंद्र तक पहुंचने में मदद करते हैं।

  1. 1091 – महिला हेल्पलाइन नंबर : यह नंबर पूरे देश में काम करता है और इस पर कॉल करके महिला सीधे पुलिस से मदद ले सकती है।
  2. 112 – इमरजेंसी नंबर : इस पर कॉल करने से पुलिस, एम्बुलेंस और दूसरी आपात सेवाएं तुरंत पहुंचती हैं।
  3. 7827170170 – राष्ट्रीय महिला आयोग हेल्पलाइन : इस नंबर पर आप अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती हैं।
  4. 1098 – चाइल्डलाइन नंबर : अगर कोई लड़की बच्ची हिंसा का शिकार हो रही है तो यह नंबर काम आता है।
  5. 181 – वन स्टॉप सखी सेंटर : हर जिले में एक सेंटर होता है जहां पीड़ित महिला को मेडिकल, कानूनी और मानसिक सहायता मिलती है।

इन नंबरों पर कॉल करने में कोई पैसा नहीं लगता और आपकी पहचान गोपनीय रखी जाती है। महिला चाहे तो खुद कॉल करे या कोई भरोसेमंद व्यक्ति उसकी ओर से कॉल कर सकता है।

महिलाएं क्या कदम उठा सकती हैं? (What Steps Can Women Take?)

महिलाएं क्या कदम उठा सकती हैं?

घरेलू हिंसा (Domestic Violence) से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि महिला चुप न बैठे। उसे डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि अब सरकार और समाज दोनों उसकी मदद के लिए तैयार हैं। अगर कोई महिला घरेलू हिंसा झेल रही है तो वह सबसे पहले 1091 या 112 पर कॉल करे। इसके बाद वह नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करा सकती है।

महिला घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के तहत न्याय की मांग कर सकती है। कोर्ट उसे सुरक्षा देने का आदेश दे सकता है और आरोपी को सजा भी हो सकती है। महिला सखी सेंटर जा सकती है जहां उसे रहने, खाने और इलाज की सुविधा मिलती है। बहुत सारे एनजीओ भी महिलाओं की मदद करते हैं जो मुफ्त सलाह और कानूनी सेवा देते हैं।

समाज को भी अपना कर्तव्य निभाना चाहिए (Society Must Also Fulfill its Duty)

समाज को भी अपना कर्तव्य निभाना चाहिए

घरेलू हिंसा सिर्फ महिला की समस्या नहीं है, यह पूरे समाज की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे मामलों पर ध्यान दे। अगर आपके आस-पास कोई महिला हिंसा का शिकार हो रही है तो चुप न रहें। उसकी मदद करें, उसे सही हेल्पलाइन नंबर बताएं या खुद कॉल करके सहायता मंगवाएं।

अक्सर महिलाएं इस डर से चुप रहती हैं कि समाज क्या कहेगा, लेकिन हमें यह सोच बदलनी होगी। महिला का आत्मसम्मान, सुरक्षा और स्वतंत्रता सबसे पहले है। कोई भी महिला इस दुनिया में तकलीफ सहने के लिए नहीं आई है।

निष्कर्ष

घरेलू हिंसा (Domestic Violence) एक गंभीर अपराध है, जो किसी भी महिला की जिंदगी को पूरी तरह बदल सकता है। लेकिन अगर समय रहते सही कदम उठाए जाएं तो महिला इस हिंसा से बच सकती है और एक नई जिंदगी शुरू कर सकती है। 

घरेलू हिंसा महिला हेल्पलाइन नंबर (Domestic Violence Women’s Helpline Number) जैसे 1091, 112 और महिला आयोग का नंबर 7827170170 इस राह में बहुत मदद करते हैं।

हर महिला को अपने हक की जानकारी होनी चाहिए। अगर आप खुद किसी हिंसा का शिकार हैं या किसी और को जानते हैं, तो चुप न रहें। तुरंत मदद मांगें और महिलाओं के लिए एक सुरक्षित समाज बनाने में अपना योगदान दें।

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Vivek Roy

मेरा नाम विवेक कुमार हैं, मैं बिहार राज्य का रहने वाला हूं। मुझे पढ़ाई के साथ साथ ब्लॉगिंग और कंटेंट राइटिंग करने में भी काफ़ी दलचस्पी हैं, इसलिए आप सभी के लिए मैं Newssow.com प्लेटफार्म के जरीये बेहतरीन और अच्छे अच्छे आर्टिकल लेकर आता हूं।

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