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gayatri jayanti 2021 date time puja vidhi shubh muhurat importance and significance nirjala ekadashi 2021 – Gayatri Jayanti 2021 : गायत्री जयंती कल, इन 5 शुभ मुहूर्तो में करें पूजा- अर्चना, जानें पूजा

साल ज्येष्ठ माह में शुक्ल्स की तारीख को एक तारीख को जोड़ा जाता है। स्त्री का जन्म हुआ था। विधि-व्यवस्था से माता गौत्री की पूजा- कृप्या। यह एकादशियों में सबसे अच्छी तरह से समाप्त हो गया है। निजला एकादशी का व्रत से 24 एकादशियों का फल फल मिलता है। 21 नवंबर को निजला का जन्म हुआ। शादी की देवी पूजा-विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त…
गायत्री जुबली मुहूर्त
- एकादशी तिथि दिनांक – नवंबर 20, 2021 को 04:21 पी एम से
- एकादशी तिथि समाप्त – जून 21, 2021 को 01:31 पी एम तक
इन 5 शुभ मुहूर्तों में मां गायत्री की पूजा- आरच
- ब्रह्म मुहूर्त- 04:04 ए एम से 04:44 ए एम
- अभिजित मुहूर्त- 11:55 ए एम से 12:51 पी एम
- विजय मुहूर्त- 02:43 पी एम से 03:39 पी एम
- धूली मुहूर्त- 07:08 पी एम से 07:32 पी गो एम
- अमृत काल- 08:43 ए एम से 10:11 ए एम
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गौत्री पूजा पूजा-विधि
- ऐसा करने के लिए जल्दी उठें।
- स्नान के बाद के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- सभी देवी- गंगा जल से प्रार्थना करें।
- माँ गायत्री का ध्यान दें।
- को पोस्ट करें।
- गायत्री मंत्र का जाप करें।
- माँ को भोजनालय। इस बात का ध्यान रखें कि सात्विक स्वास्थ्य का भोग पूरा हों।
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गायत्री मंत्र
- ‘ऊ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो न: प्रछोदयात्।।
गौत्री का महत्व
- हिन्दु धर्म में यह अधिक महत्वपूर्ण है।
- माँ गायत्री की देखभाल से सभी मनोविकृति।
- माँ गायत्री वेदों की जननी हैं। गायत्री की पूजा के लिए इसी तरह के फल मिलते हैं।
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