गणगौर को पानी पिलाने के दोहे (Gangor Ko Pani Pilane ke dohe in hindi)

भारत त्योहारों का देश है। और यहां समय-समय पर अलग अलग जातिवंशो से संबंधित त्यौहार मनाए जाते हैं। ऐसे में हिंदुओं द्वारा गणगौर नामक विशेष और अति महत्वपूर्ण त्यौहार मनाया जाता है। पुराणिक मान्यताओं के अनुसार गणगौर को गण यानी कि शिव भगवान और गौर यानि की पार्वती माता की पूजा के लिए समर्पित त्योहार माना जाता है।
गणगौर को चेत्र माह के शुल्क पक्ष की तृतीय तिथि के दिन मनाया जाता है और इस दिन महिलाएं आपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है। गणगौर का त्योहार 13 से 14 दिन तक चलता है और इसका अंतिम दिन व्रत खोलने का दिन होता है। और यह दिन काफी ज्यादा उत्सुकता से भरा होता है क्योंकि इस दिन महिलाएं 13 14 दिनों के उपवास को खोलती है।
माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने पार्वती को सौभाग्यवती होने का वरदान दिया था और पार्वती माता ने संपूर्ण जगत की महिलाओं को सौभाग्यवती होने का वरदान दिया था। लेकिन यह पर्व जितना मुख्य है उतना ही इसके दोहे जानी की कथा आवश्यक और महत्वपूर्ण है।
गणगौर के दोहे या गीत कैसे बोले? (Gangaur Ke Dohe ya geet Kaise Bole?)

दोहे बोलते समय सबसे पहले आपको इस बात का ध्यान रखना है कि जब आप पार्वती माता को पानी पिलाती हो तब जो दोहा (Gangaur ke dohe) बोला जाता है उसमें पति का नाम लिया जाता है। अर्थात दोहे में यहाँ “पिया जी” कहा जाता है वहा आपको अपने पति का नाम पुकारना है।
और अगले दोहे में आप जिस भी घर की बहू है उस परिवार का नाम लेना है। उदाहरण के तौर पर यदि आप वर्मा परिवार की बहू है तो आपको दोहे में बोलना है कि वर्मा परिवार की बहू हूँ मैं और सावित्री है मेरा नाम।
पिया जी है मेरे पति परमेश्वर और जयपुर ही है मेरे चारों धाम। इस दोहे के अनुसार आपको अपना नाम और अपने पति के नाम के साथ अपने शहर का भी नाम बोलना है।
इसके पश्चात आपको नीचे दिए गए (Gangaur ke dohe) एक सार में बोलने हैं और लगातार बोलते जाना है।
लगातार एक सुर में बोलने वाले गणगौर को पानी पिलाने के दोहे
- एक दूनी दो, दो दूनी चार, पिया जी को हो गया मुझसे प्यार।
- खेत,खेत में क्यारी, मैं अपने पिया जी की प्यारी।
- गोरा के मन में है ईसर, राधा के मन में है श्याम
- जो मेरे मन को भावे पिया जी( अपने पति का नाम पुकारे) है उनका नाम
- किसी को व्हाइट पसंद है किसी को लाइट पसंद है।
- लेकिन मुझे तो अपने पिया जी की हाइट पसंद है।
- 32000 की बग्गी मेरी, 40000 का घोड़ा
- पिया जी के लिए मैंने रायपुर ( जिस शहर में आपके मायके हैं उस शहर का नाम लेना है) शहर छोड़ा।
प्रसिद्ध गणगौर के दोहे (Famous Gangaur ke dohe)
- कटोरे में कटोरा, कटोरे में घेवर, पिया जी मेरी भाभी के देवर
- लाल मिर्च खाते नहीं, हरी मिर्च लाते नहीं
- पिया जी मुझे लिए बगैर अकेले कहीं जाते नहीं।
- बगीचे में क्यारी, क्यारी में पानी
- पिया जी मेरे राजा, मैं पिया जी की रानी।
- सोने के कड़े में हीरे जड़े
- पीछे मुड़कर देखा तो पिया की खड़े।
- इमली खाऊं खट्टी मीठी और मैं खायु बोर।
- पिया जी है ईसर मेरे और मैं पिया जी की गणगौर।
- गागर में है सागर सागर में है पानी
- पिया जी नहीं घर पर तो नींद कैसे आनी।
- आपकी मुस्कुराहट ने ऐसा अटैक किया, पिया जी आपको सिलेक्ट किया बाकी सब को रिजेक्ट किया।
- मस्तक पर तिलक और गले में हार है मुझे पिया जी से और पिया जी को मुझसे प्यार है ।
- कमरे में अलमारी और अलमारी में नोटों की थप्पी,पिया जी ने चुपके से ले ली मेरी पपी।
- वह है दीपक,मैं उनकी बाती,हर जन्म में पिया जी हो मेरे साथी।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको पता चल जाएगा कि गणगौर के दोहे (Gangaur ke dohe) क्या होते हैं और कैसे बोलते हैं, साथ ही हमने आपके लिए इस आर्टिकल में कुछ महत्वपूर्ण गणगौर (20+ Gangor Ko Pani Pilane ke dohe in hindi) के दोहे भी बताए हैं। आर्टिकल पढ़ने में अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों और सोशल मीडिया अकाउंट पर भी शेयर जरूर करें
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