विकास को प्रभावित करने वाले किन्हीं तीन कारकों को लिखिए
वृद्धि और विकास को प्रभावित करने वाले कारक | arthik vikas ko prabhavit karne wale karak

विकास को सामान्य तौर पर कई तरीकों से परिभाषित किया जा सकता है। यदि हम किसी व्यक्तिगत विकास की बात करें अर्थात किसी व्यक्ति के विकास की बात करें, तो विकास समय अनुसार चलने वाली एक प्रक्रिया है जो कि अन्य कारकों पर निर्भर करती है।
कौन सा कारक कितना महत्वपूर्ण है यह प्रत्येक व्यक्ति पर अलग-अलग रूप से निर्भर करता है (vikas ko prabhavit karne wale kinhi 3 karya ko likhiye)। लेकिन वह कौन से तीन कारक है जो प्रत्येक व्यक्ति के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। इसके बारे में आज हम आप को जानकारी देने वाले हैं। तो चलिए शुरू करते हैं-
विकास किसे कहते हैं?
विकास सामान्य रूप से एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसके अंतर्गत व्यक्ति वस्तु स्थान पर्यावरण यह कोई भी स्थावर और सजीव समय के अनुसार परिवर्तन करता है, और वह परिवर्तन सकारात्मक रूप से प्रभावशाली भी होती है, तो उस पूरी प्रक्रिया को विकास का नाम लिया जाता है।
विकास समय के साथ लगातार चलता रहता है। विकास कभी भी रुकता नहीं है। हालांकि विकास की गति धीमी हो सकती है। यदि हम विकास को किसी परिभाषा में परिभाषित करना चाहे तो इस प्रकार परिभाषित कर सकते हैं, कि बड़ा सुधीर और बेहतर बनने की प्रक्रिया को विकास की प्रक्रिया कहते हैं, या फिर किसी वस्तु को और अधिक उन्नत और प्रगतिशील बनाने की प्रक्रिया को विकास कहा जा सकता है।
विकास के मूलभूत कारक
विकास के कई मूलभूत कारक होते हैं जैसे कि अनुवांशिकी कारक, पर्यावरणीय कारक, जन्म से पूर्व परिवेश की परिस्थितियां, पोषण, शारीरिक विकार, रोग, बुद्धि, अंतः स्त्रावी ग्रंथियां, भौतिक पर्यावरण, अभिप्रेरणा, परिवार का वातावरण यह सभी मानव विकास के मूलभूत कारक है।
विकास को प्रभावित करने वाले किन्ही तीन कारकों के नाम लिखिए
विकास को प्रभावित करने वाली यदि हम किसी तीन मुख्य कारकों के नाम बताए तो यह नाम कुछ इस प्रकार होंगे:-

- अनुवांशिकी कारक
- पर्यावरणीय कारक
- सामाजिक कारक
1. अनुवांशिकी कारक
अनुवांशिकी कारक मानव को प्रभावित करने वाला सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारक होता है, क्योंकि इसमें अनुवांशिक के आधार पर यह नजर आ जाता है कि कोई भी व्यक्ति किस प्रकार विकास कर रहा है। एक व्यक्ति की आंखों का रंग, त्वचा का रंग, त्वचा की प्रकृति, बालों का रंग, बालों की प्रकृति, माता-पिता से आते हैं। कई बार तो माता पिता के द्वारा बच्चे में आने वाले कोई भी प्रभाव कई 100 वर्षों पुरानी देखी जा सकते हैं। यह कारक विकास को प्रभावित करने वालासर्वाधिक महत्वपूर्ण कारक माना जा सकता है।
2. पर्यावरणीय कारक
विकास को प्रभावित करने वाला दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कारक पर्यावरणीय कारक है, क्योंकि पर्यावरण किसी भी मानव को विकास के क्षेत्र में बढ़ोतरी देने या फिर बढ़ोतरी घटाने का काम अच्छी तरीके से कर सकता है। पर्यावरणीय कारक को सर्वाधिक महत्वपूर्ण बताने का कारण यह भी है कि पर्यावरण मनुष्य को अनेकों बार आगे बढ़ाने और आगे बढ़ने से रोकने में सहायक साबित हुआ है।
3. सामाजिक कारक
सामाजिक कार्यों के अंतर्गत यदि एक मनुष्य अपने आसपास के लोगों के मध्य अर्थात अपने समाज में रहता है, तो वह समाज किस प्रकृति का है, उसकी प्रवृत्ति कैसी है, यह सब कुछ मनुष्य के मानसिक और सामाजिक विकास पर निर्भर करता है, और सामाजिक कारक किसी भी व्यक्ति के व्यक्तिगत विकास को बढ़ा दे या फिर घटाने में सहायक होते हैं।
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निष्कर्ष
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