बिहार में कांग्रेस के कितने अधिवेशन हुए हैं?

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का इतिहास बिहार में महत्वपूर्ण रहा है। यह भूमि न केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख केंद्रों में से एक रही है, बल्कि यहां कांग्रेस के कई महत्वपूर्ण अधिवेशन भी आयोजित हुए हैं, जिन्होंने भारतीय राजनीति और स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आज इस लेख में हम जानेंगे बिहार में कांग्रेस के कितने अधिवेशन हुए हैं (bihar me congress ka adhiveshan hua hai) और बिहार में कांग्रेस का गया अधिवेशन के बारे में।
बिहार में कांग्रेस के कितने अधिवेशन हुए हैं?
बिहार में कांग्रेस के 8 अधिवेशन हुए हैं:
- बिहार में कांग्रेस का पहला अधिवेशन (bihar me congress adhiveshan) 1912 में पटना में हुआ था।
- दूसरा कांग्रेस अधिवेशन 1917 को बांकीपुर में हुआ था।
- बिहार कांग्रेस (bihar congress) का तीसरा अधिवेशन 1922 में गया में हुआ था।
- बिहार का चौथा कांग्रेस अधिवेशन 1928 में पटना में हुआ था।
- पांचवा अधिवेशन भी 1933 में पटना में ही हुआ था।
- बिहार में कांग्रेस का छटवा अधिवेशन 1934 में फिर से पटना में हुआ था।
- कांग्रेस का सातवां अधिवेशन बिहार में, 1939 में पटना में हुआ था।
- बिहार कांग्रेस का आठवां अधिवेशन 1948 में पटना में हुआ था।
बिहार में कांग्रेस के पहले अधिवेशन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें
बिहार में हुए कांग्रेस के इस पहला अधिवेशन में महात्मा गांधी और बाल गंगाधर तिलक जैसे बड़े नेता शामिल थे। इसका प्रमुख मुद्दा था ब्रिटिश शासन के खिलाफ रणनीतियों पर चर्चा करना। साथ ही स्वदेशी आंदोलन को बढ़ावा देना और शिक्षा को बेहतर बनाना।
बिहार के किस जनजाति ने कांग्रेस के गया अधिवेशन में भाग लिया था?

कांग्रेस के गया अधिवेशन (1922) में बिहार की आदिवासी जनजाति “संथाल” ने भाग लिया था। संथाल जनजाति ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई और कांग्रेस के विभिन्न आंदोलनों में सहभागिता की। गया अधिवेशन में उनकी उपस्थिति ने कांग्रेस के आंदोलन को व्यापक जनसमर्थन दिलाने में मदद की और आदिवासी समुदायों के अधिकारों और उनके योगदान को मान्यता दी।
बिहार में कांग्रेस के कितने विधायक हैं?
जून 2024 तक, बिहार विधानसभा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पास 19 विधायक हैं। हालांकि, यह आंकड़ा चुनाव के बाद बदल सकता है, इसलिए हमेशा नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक संसाधनों या चुनाव आयोग की वेबसाइट की जांच करनी चाहिए।
बिहार कांग्रेस अधिवेशन का प्रभाव

बिहार में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशनों का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और राज्य की राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ा। 1912 में पटना अधिवेशन और बाद में 1922 के गया अधिवेशन ने बिहार में स्वतंत्रता संग्राम को गति दी।
1934 में पटना अधिवेशन के दौरान कांग्रेस ने सामाजिक और आर्थिक सुधारों पर जोर दिया, जिसने भारतीय समाज को अधिक प्रगतिशील बनाने में मदद की। 1939 का पटना अधिवेशन गांधीवादी और समाजवादी विचारों के प्रसार में महत्वपूर्ण रहा।
कई अधिवेशनों में आदिवासी समुदायों, जैसे संथालों, की भागीदारी ने यह सुनिश्चित किया कि कांग्रेस के आंदोलन ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में भी व्यापक समर्थन प्राप्त करें।
निष्कर्ष
इस लेख में आपने जाना बिहार में कांग्रेस के कितने अधिवेशन हुए हैं (bihar mein congress ke kitne adhiveshan hue hain) और बिहार में कांग्रेस का गया अधिवेशन के बारे में। इन अधिवेशनों ने कांग्रेस की नीतियों और रणनीतियों को निर्धारित किया और भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। बिहार का कांग्रेस के इन ऐतिहासिक अधिवेशनों का गवाह बनना इस भूमि के गौरवशाली इतिहास का प्रमाण है।
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बिहार में पहले कांग्रेस अधिवेशन कहां हुआ?
बिहार में पहले कांग्रेस अधिवेशन पटना में हुआ।
बिहार में किस स्थान पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 1922 का अधिवेशन हुआ?
बिहार के गया में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 1922 का अधिवेशन हुआ।
बिहार में कांग्रेस के कितने अधिवेशन हुए हैं?
बिहार में कांग्रेस के 8 अधिवेशन हुए हैं।
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