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जानिए भारत में रेलवे की शुरुआत किसने की थी? : कब चली थी पहली रेलगाड़ी?

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भारत में रेलवे की शुरुआत किसने की थी? : भारतीय रेलवे ने बहुत तेजी से प्रगति की है और इस समय यह Asia की सबसे बड़ी व विश्व की दूसरी सबसे बड़ी रेल-प्रणाली है। इसमें लगभग 14 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है, जो देश के किसी भी उपक्रम में सबसे अधिक है तथा केन्द्रीय कर्मचारियों की कुल संख्या का 40% है। 

गौरतलब है कि भारतीय रेल नेटवर्क को 17 क्षेत्रों में बाँटा गया है। इनके प्रशासन एवं प्रबन्धन के लिए 21 रेलवे बोर्डों का भी गठन किया गया है। भारतीय रेलवे का एक बहुत ही दिलचस्प अतीत है, जिसके बारे में आपको अवश्य पता होना चाहिए।

भारत में रेलवे की शुरुआत किसने की थी?

जब देश में पहली बार रेलवे की शुरुआत हुई थी, तब लॉर्ड डलहौजी भारत के गवर्नर जनरल (British Governor General Of India) थे। उनकी आधुनिकीकरण नीतियों और पहलों ने भारत में रेलवे नेटवर्क की स्थापना और विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रेलवे की शुरुआत ने देश में परिवहन, व्यापार और विकास पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला। रेलवे के विकास में लॉर्ड डलहौजी (Lord Dalhousie) की भूमिका उल्लेखनीय है।

भारत में रेलवे की शुरुआत किसने की थी?
bharat mein railway ki shuruaat kab hui

1853 में, उन्होंने अपना रेलवे मिनट लिखा, जिसमें उन्होंने भारत की भावी रेलवे नीति प्रस्तुत की। उन्होंने “गारंटी सिस्टम” की शुरुआत की, जिसके तहत रेलवे कंपनियों को निवेश पर न्यूनतम पाँच प्रतिशत ब्याज दर की गारंटी दी गई। 

अनुबंध अवधि के बाद सरकार रेलवे खरीद सकती थी। बंबई से ठाणे तक पहली रेलवे लाइन 1853 में खोली गई थी। कलकत्ता से रानीगंज कोयला-क्षेत्रों तक रेलवे लाइन 1854 में और मद्रास से अरकोनम तक 1856 में खोली गई थी।

भारत का पहला रेलवे स्टेशन और कार्यशाला (India’s First Railway Station and Workshop)

1888 में, पहले रेलवे स्टेशन बोरीबंदर का पुनर्निर्माण किया गया और रानी विक्टोरिया के सम्मान में इसका नाम बदलकर विक्टोरिया टर्मिनस कर दिया गया। यह स्टेशन मुंबई के बोरीबंदर में स्थापित किया गया था और यह पहला रेलवे स्टेशन था। 1853 में, भारत में पहली यात्री ट्रेन बोरीबंदर से ठाणे तक चली। 

India’s First Railway Station and Workshop
India’s First Railway Station and Workshop

भारत की पहली रेलवे कार्यशाला 1862 में बिहार के मुंगेर के पास जमालपुर में स्थापित की गई थी। धीरे-धीरे ये भारत की प्रमुख औद्योगिक इकाईयों में से एक बन गई। 

आजादी से पहले भारतीय रेल (Indian Railways Before Freedom)

1853 में पहली यात्री ट्रेन के बाद भारतीय रेलवे का विकास हुआ, फिर भी रेलवे किसी एक समूह के हाथों में नहीं गई। उस समय रेलवे का स्वामित्व कई रियासतों, रेलवे कंपनियों और ब्रिटिश सरकार के पास था।

Indian Railways Before Freedom
Indian Railways Before Freedom

रेल पटरियों का निर्माण मुख्य रूप से बंदरगाहों से कृषि उपज और खनिज संपदा के परिवहन और सैनिकों की तेज़ आवाजाही के लिए किया गया था। पूर्वी भारत में पहली यात्री ट्रेन 15 अगस्त 1854 को पश्चिम बंगाल में हुगली और हावड़ा के बीच चली थी।

आजादी के बाद का सफर (Indian Railways After Freedom)

15 अगस्‍त 1947 को आजादी मिलने के बाद देश में लंबी दूरी की यात्रा के लिए रेलवे ही एकमात्र साधन था। सरकार ने आजादी के बाद 42 से अधिक अलग-अलग रेल सिस्‍टम्‍स का विलय कर एकीकृत भारतीय रेलवे का निर्माण किया। 

यह राष्ट्रीय स्तर पर संपर्क स्थापित करने और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। स्वतंत्रता के बाद के शुरुआती दशकों में, सरकार ने रेलवे नेटवर्क के पुनर्वास और आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया, जो विभाजन की वजह से अस्त-व्यस्त हो गए थे।

भारत में रेलवे की शुरुआत किसने की थी?
भारत में रेलवे की शुरुआत किसने की थी?

तकनीक के विकास के साथ ही भारत में भी धीरे-धीरे भाप के इंजन सेवा से बाहर होते गए और उनकी जगह डीजल और बिजली से चलने वाले इंजनों ने ले ली।

भारत में रेलवे की शुरुआत के कारण?

ब्रिटिश भारत में रेलवे के क्रमिक विकास के तीन प्रमुख कारण इस प्रकार हैं। 

  • भारत के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में कच्चे माल का प्रभावी स्थानांतरण।
  • कार्य को आसान बनाने के लिए।
  • यात्रा को आसान और आरामदायक बनाने के लिए।

ब्रिटिश भारत में रेलवे का प्रभाव (Impact of Railways in British India)

Impact of Railways in British India
Impact of Railways in British India

ब्रिटिश राज (British Rule) के दौरान भारत में रेलवे की शुरुआत एक रणनीतिक कदम (Strategic move) था जिसका ब्रिटिश नियंत्रण को मजबूत करने पर गहरा प्रभाव पड़ा। रेलवे ने परिवहन का एक तेज़ और अधिक कुशल साधन प्रदान किया, जो ब्रिटिश प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण था। 

इसने विशाल भारतीय उपमहाद्वीप में माल, लोगों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से सैनिकों की तेज़ आवाजाही की अनुमति दी। इस बढ़ी हुई गतिशीलता ने अंग्रेजों को कानून और व्यवस्था बनाए रखने, विद्रोहों को दबाने और अपने शासन को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद की।

निष्कर्ष

British India में रेलवे प्रणाली के आगमन का विषय पर गहनता से अध्ययन किया गया है। शोध में गहराई से उतरकर रेलवे के आगमन के कई कारणों की व्याख्या की गई है, जिनमें से कुछ कारण अंग्रेजों द्वारा व्यापक व्यापार को सक्षम करने के लिए कच्चे माल की आसान आवाजाही से जुड़े हैं। 

इससे ब्रिटिश व्यापारी वर्ग को भारी मुनाफा हुआ और इस तरह इंग्लैंड की अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। इस शोध में भारत में रेलवे नेटवर्क की शुरुआत के कारणों और परिणामों का विस्तार से वर्णन किया गया है।

रेलवे भारत में कब शुरू हुआ?

भारतीय रेलवे का इतिहास 160 साल से अधिक पुराना है जब से पहली ट्रेन औपनिवेशिक काल की ब्रिटिश सरकार द्वारा शुरू की गई थी। 18वीं शताब्दी में पहली बार भारतीय रेलवे की पहली रेल 1837 में थी।

दुनिया में भारतीय रेल प्रणाली का रैंक क्या है?

भारतीय रेलवे प्रणाली दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेलवे प्रणाली है।

ब्रिटिश भारत में मिली सबसे पुरानी रेलवे से हम क्या सीखते हैं?

यह 14 डिब्बों वाली यात्री रेलगाड़ी थी जिसका इंजन 16 अप्रैल 1853 को रेलवे ट्रैक के अंदर चला और बम्बई से थाने तक चला।

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Vivek Roy

मेरा नाम विवेक कुमार हैं, मैं बिहार राज्य का रहने वाला हूं। मुझे पढ़ाई के साथ साथ ब्लॉगिंग और कंटेंट राइटिंग करने में भी काफ़ी दलचस्पी हैं, इसलिए आप सभी के लिए मैं Newssow.com प्लेटफार्म के जरीये बेहतरीन और अच्छे अच्छे आर्टिकल लेकर आता हूं।

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