दोस्तों, फ्रांस के महान योद्धाओं और राजाओं के नाम में नेपोलियन का नाम सबसे पहले लिया जाता है। नेपोलियन बोनापार्ट अपने पूरे जीवन में कभी भी ना हारने के कारण जाना जाता था।
लेकिन केवल नेपोलियन ही ऐसा व्यक्ति नहीं था जिसने अपने पूरे जीवन में कोई जंग नहीं हारी, बल्कि भारत के महान इतिहास में भी कई ऐसे तेजस्वी राजा और योद्धा हुए हैं जिन्होंने अपने साम्राज्य को नया अवतार दिया तथा जिन्होंने अपने जीवन में कभी भी एक भी जंग नहीं आ रही।
उन्हें भारत के नेपोलियन के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि Bharat ka Nepoleon kise kaha jata hai? और क्यों कहा जाता है? यदि आप नहीं जानते तो कोई बात नहीं। क्योंकि आज हम आपको बताने वाले हैं कि Bharat ka Nepoleon kise kaha jata hai?
भारत का नेपोलियन किसे कहा जाता है? | Bharat ka Nepoleon kise kaha jata hai?
दोस्तों, भारत के नेपोलियन का अर्थ यहां पर है कि भारत का एक ऐसा शासक, जिसने अपने जीवन में लगभग सारी लड़ाइयां जीती हो। वैसे तो भारत में सैकड़ों ऐसे महानतम योद्धा है जिन्होंने अपने जीवन में सारी लड़ाइयां जीती थी, जिनमें मराठा योद्धा बालाजी विश्वनाथ, पंतप्रधान श्रीमंत पेशवा बाजीराव बलाल बालाजी भट्ट, छत्रपति संभाजी महाराज, विक्रम सेन, विक्रमादित्य, चंद्रगुप्त मौर्य, समुद्रगुप्त, बिंदुसार मौर्य, देवपाल, राजा राज चोल, महाराज कृष्ण देव राय, राजा राजेंद्र चोल, राजा शशांक, राणा कुंभा, राजा भोज, स्कंदगुप्त, करी केल चोला इत्यादि, भारत के महानतम तथा श्रेष्ठतम योद्धा थे। उन्होंने अपने जीवन में एक भी लड़ाई नहीं हारी।
लेकिन भारत के नेपोलियन की संज्ञा गुप्त साम्राज्य के “समुद्रगुप्त” को दी जाती है, जो कि चंद्रगुप्त-प्रथम के पुत्र थे।
समुद्रगुप्त को उनके सभी महानतम युद्ध में जीत मिलने के कारण अजेय योद्धा कहा जाता था। समुद्रगुप्त ने अपने जीवन काल में तकरीबन 100 से अधिक जंग लड़ी थी, और उन सभी में उसने जीत हासिल की थी।
नेपोलियन कौन था? | Nepoleon kon tha
भारत का नेपोलियन | समुद्रगुप्त |
शासनावधि | ल. 335/350-375 |
जन्म | 318 ईस्वी, इन्द्रप्रस्थ |
मृत्यु | पाटलिपुत्र |
माता-पिता | चन्द्रगुप्त प्रथम, कुमारदेवी |
जीवनसंगी | दत्तादेवी |
बच्चे | चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य, रामगुप्त |
परदादा या परनाना | श्रीगुप्त |
परपोते या परनाती | स्कन्दगुप्त, पुरुगुप्त, प्रवरसेन दुसरा, दामोदरसेन |
दादा या नाना | घटोत्कच गुप्त |
घराना | गुप्त राजवंश |
प्रसिद्धि | उत्तर भारत के नेपोलियन (Napoleon of India) |
दोस्तों नेपोलियन का पूरा नाम नेपोलियन बोनापार्ट था। फ्रांस की क्रांति के दौरान वे सेनापति नियुक्त हुए थे। 11 नवंबर 1799 से लेकर 18 मई 1804 तक नेपोलियन बोना पार्ट प्रथम काउंसिल के रूप में शासक बने व 6 अप्रैल 18 से 14 तक नेपोलियन के नाम से सम्राट रहे। सन 1815 में वे फिर से सम्राट बने, और यूरोप के अन्य कई क्षेत्रों का भी उन्हें शासन प्राप्त हुआ।
नेपोलियन को विश्व के सबसे महानतम सेनापतियों और सम्राटों के रूप में जाना जाता था। नेपोलियन के राज में एक अलग ही प्रकार की नियमावली यह कानून संहिता चलती थी जिसे नेपोलियन की संहिता कहा जाता था। इसी के साथ नेपोलियन को विश्व के महानतम विजेताओं में से एक माना जाता है, क्योंकि नेपोलियन ने अपने जीवन में मात्र 1 हार का सामना किया था जो कि उनकी अंतिम जंग थी।
इससे पहले उन्होंने अपने पूरे जीवन में 70 से भी अधिक युद्ध लड़े थे तथा उन सभी में विजय हासिल प्राप्त की थी। अपने जीवन के अंतिम जंग में उन्हें हार प्राप्त हुई। आज के समय यदि किसी व्यक्ति को महानतम योद्धा या शासक के रूप में यदि परिभाषित किया जाता है तो उसे नेपोलियन की संज्ञा दी जाती है।
समुद्रगुप्त के बारे में (samudragupt ko bharat ka napoleon kyon kaha jata hai)
समुद्रगुप्त का शासनकाल 335 ईसा पूर्व से 380 ईसा पूर्व माना जाता था। कुछ लोगों का मानना है कि उनका जन्म सन 318 ईसा पूर्व में को हुआ था। उन्हें एक उदार शासक के रूप में माना जाता था। ऐसा भी कहा जाता था कि उन्होंने गुप्त साम्राज्य के फैलाव को समुद्र तक पहुंचा दिया था, इस कारण उनका नाम समुद्रगुप्त रखा गया।
समुद्रगुप्त मूल रूप से गुप्त राजवंश के चौथे शासक थे, और ऐसा माना जाता है कि उनका शासनकाल भारतीय इतिहास का स्वर्णिम युग था। समुद्रगुप्त को मिलाकर चन्द्रगुप्त के 5 पुत्र थे, और समुद्रगुप्त सबसे बड़े भाई थे।
लेकिन उनकी युद्ध कला तथा शासन कला को देखते हुए चंद्रगुप्त ने उन्हें ही अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया। कुछ लोगों का मानना है कि चंद्रगुप्त की मृत्यु के पश्चात उत्तराधिकारी बनने के संघर्ष में सभी भाइयों के बीच लड़ाई हुई और इस लड़ाई में समुद्रगुप्त की जीत हुई, जिसके कारण वे गुप्त राजवंश के सम्राट बने।
जीतने की कला के लिए उनका नाम सम्राट अशोक के साथ जोड़ा जाता था, लेकिन सम्राट अशोक अपनी ही धुन में लोगों का कत्ल करने के लिए तथा युद्ध में निर्ममता से लोगों का अंत करने के लिए और लगातार जीत हासिल करने के लिए जाने जाते थे। दूसरी ओर समुद्रगुप्त की वीरता के लिए तथा अपने शौर्य के लिए जाने जाते थे।
आधुनिक युग के महानतम इतिहासकार वी।एस। स्मिथ ने समुद्रगुप्त को एक महान शासक बताया और ऐसा कहा कि उन्हें कभी भी पराजय प्राप्त नहीं हुई, तथा उन्हें “भारत के नेपोलियन” की संज्ञा दी गई।
समुद्रगुप्त की उपलब्धियां
समुद्रगुप्त को ऐसे ही भारत के नेपोलियन की संज्ञा नहीं दी जाती है। समुद्रगुप्त गुप्त राजवंश के महानतम सम्राट में से एक थे, और उनकी उपलब्धियां उनके इस संज्ञा का वर्णन करती है, जैसे कि-
- समुद्रगुप्त ने महान आर्यव्रत यानी, कि उत्तर भारत के 9 राज्यों को हथियार डालने पर विवश कर दिया और उन्हें पराजित किया। आर्याव्रत में विंध्य और हिमाचल के नीचे की भूमि संपूर्ण रुप से आती है।
- समुद्रगुप्त ने उत्तर भारत के सभी राज्यों पर एक क्षत्र राज्य की स्थापना की।
- समुद्रगुप्त आज आर्यव्रत के ऐसे महान राजा बने जिन्होंने संपूर्ण गंगा घाटी के साथ-साथ चमर्णवती नदी से लेकर एरण तक फैले हुए विशाल क्षेत्र पर राज किया।
- समुद्रगुप्त ने उत्तर भारत के सभी राज्यों को एक करके पर राज किया।
- समुद्रगुप्त ने दक्षिणी यानी कि मद्रास से त्तकरीबन 12 राज्यों पर अपनी प्रभुसत्ता कायम की और सभी राजाओं को बंदी बना लिया। समुद्रगुप्त को अपना राजा मानने के पश्चात उन सभी राजाओं को समुद्रगुप्त ने मुक्त भी कर दिया।
- आज के भारत में जो पूर्वी सीमांत राज्य हैं, उन सभी राज्यों को इतिहास में समुद्रगुप्त ने अपनी शक्ति से भयभीत कर दिया, और कुछ राज्यों को पराजित करके अपने राज्य में शामिल कर लिया, जिनमें आसाम, ढाका, कामरूप, कर्तपूर यह सभी राज्य थे।
- वे एक प्रकार से उदार राजा भी थे। उन्होंने अपने जीवन काल में जितने भी राज्यों को अपने अधीन किया उनमें से 9 राज्य के राजाओं को विनती करने पर छोड़ दिया। समुद्र गुप्त के द्वारा जीते गए राज्यों में आज के मध्य प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के राज्य शामिल थे।
- भारत के वे क्षेत्र में जहां यूनानी भी कई जगह राज कर रहे थे, उन यूनानीयों को पराजित करके उत्तर पश्चिम सीमांत राज्यों में समुद्रगुप्त ने अपना राज्य स्थापित किया।
- समुद्रगुप्त की कूटनीति भी काफी शानदार थी उन्होंने विदेशी राज्य से अपने अच्छे संबंध बना कर रखे थे।
- समुद्रगुप्त पूरे भारत में कई राज्यों को जीतने के पश्चात तथा इसका परिचय समुद्रगुप्त के द्वारा चलाए गए सोने के सिक्कों से पता चलता है।
- साथ ही समुद्रगुप्त की तुलना नेपोलियन से की जाती है और समुद्रगुप्त को महानतम सम्राट में से एक माना जाता है।
यह सारी उपलब्धियां भारत के महानतम सम्राट समुद्रगुप्त की है।
निष्कर्ष
आज के लेख में हमने जाना कि Bharat ka Nepoleon kise kaha jata hai? और क्यों? इसी के साथ हमने आपको समुद्रगुप्त तथा उनकी उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी है। हम आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए काफी मददगार रहा होगा। यदि आप कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते है।
FAQ
नेपोलियन किसे कहा जाता है?
नेपोलियन बोनापार्ट, जिसे नेपोलियन I के नाम से भी जाना जाता है, 19वीं शताब्दी की शुरुआत में यूरोप के एक बड़े हिस्से पर अपनी महान जीत के लिए प्रसिद्ध था। वह एक फ्रांसीसी नेता और सम्राट थे।
गुप्त वंश के पहले शासक कौन थे?
320 में, चंद्रगुप्त प्रथम ने अपने पिता घटोत्कच को राजा बनाया। गुप्त वंश का प्रथम स्वतंत्र शासक चन्द्रगुप्त था।
भारत का पहला राजा कौन है?
महान शासक चंद्रगुप्त मौर्य, जिन्होंने मौर्य वंश की स्थापना की, निर्विवाद रूप से भारत के पहले राजा थे क्योंकि उन्होंने न केवल प्राचीन भारत में सभी खंडित राज्यों पर विजय प्राप्त की बल्कि अफगानिस्तान और फारस की सीमा वाले एक बड़े साम्राज्य का निर्माण करने के लिए उन सभी को एकजुट किया। यह किनारे तक चौड़ा था।
चंद्रगुप्त को भारत का नेपोलियन क्यों कहा जाता है?
स्मिथ के शब्दों में, “जिस प्रकार नेपोलियन ने एक महान योद्धा और विजेता की तरह अन्य राजाओं को बाहुबल और युद्ध कौशल से कुचल दिया था, उसी तरह समुद्रगुप्त ने भी पूरे भारत को वीरता और साहस से जीत लिया था। एक महान योद्धा और सेनापति साबित हुए। स्मिथ के इस कथन से स्पष्ट होता है
महान अशोक या समुद्रगुप्त कौन है?
अशोक, जिसे अशोक महान के नाम से भी जाना जाता है, मौर्य साम्राज्य का एक राजा था जिसने भारतीय उपमहाद्वीप के प्रमुख हिस्सों पर शासन किया था। समुद्रगुप्त गुप्त साम्राज्य का शासक था। हर्षवर्धन, जिन्हें हर्षवर्धन के नाम से भी जाना जाता है, वर्धन वंश के शासक थे।
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