बाजार का जादू क्या है और बाजार कैसे काम करता है?
बाजार का जादू का असर बहुत सारे लोगों को होता हैं, चाहे वो बच्चा हो या बूढ़ा, आदमी हो या औरत हर किसी के ऊपर बाजार का जादू का असर हो सकता हैं और वो उससे प्रभावित हो सकता हैं.
हम सब में भी कई सारे लोगों को बाजार का जादू लग चुका हैं और हमे पता भी नहीं हैं, इसलिए अगर आपको भी लगता हैं की शायद आप भी इसका शिकार हो गए हैं और आपके अंदर भी बाजार का जादू हैं लेकिन इसको जानने का तरीका का तरीका नहीं मालूम.
तो आप बिल्कुल सही ब्लॉग पोस्ट पर आए हैं क्युकी इस आर्टिकल में मैं आप लोगो को बताने वाला हूं की बाजार का जादू क्या है और वह कैसे काम करता है?, इनके अलावा भी बहुत सारी चीजें बताऊंगा.
बाजार का जादू क्या है और वह कैसे काम करता है?
बाजार का जादू एक मुहावरा हैं जिसका अर्थ होता हैं बाजार का शिकार होना मतलब की बाजार में मौजूद चीजें को देखकर बेफालतु में आकर्षित होना और बिना काम के चीजों को भी खरीद लेना.
मनुष्य का नेचर ही कुछ ऐसा हैं की वो जब भी बाजार जाता हैं उसपर बाजार का जादू छा जाता और वो बिना मतलब के चीजों को भी यूं ही खरीद लेता हैं और फिर बाद में पछतावा करता हैं.
और ये बाजार का जादू सबसे ज्यादा उन लोगों को शिकार बनाती हैं जिनको या तो पैसे की कोई कमी नहीं होती या फिर जिन्हे अपने जरूरतों के बारे में पता नही होता.
ऐसे ही लोग सबसे ज्यादा बाजार का जादू का शिकार हो जाते हैं और बाजार में उपलब्ध सामानों को देखकर आकर्षित होने लगते हैं और फिर उनके अंदर उस सामान को खरीदने की चाह होने लगती हैं, जबकि उसको उस सामान की असल में जरूरत भी नहीं होती.
आसान शब्दों में कहूं तो बाजार का जादू हम सभी पर तब काम करता हैं जब हमारी जेब भरी होती हैं और हमारा मन खाली होता हैं.
बाजार का जादू किसकी राह काम करता है?
लेखक के अनुसार बाजार का जादू आंखो के राह पर काम करता हैं, क्युकी हमारी आंख ही एक ऐसी चीज हैं जो उन सारे आकर्षित चीजों को बाजार में देखती हैं और फिर हमें उसे पाने और खरीदने का मन करने लगता हैं.
बाजार दर्शन पाठ के माध्यम से लेखक का कहना हैं की हर बाजार में एक जादू होता हैं जो हमारे आंखो के जरिए हमारे मन पर हावी हो जाता हैं और हम इसके शिकार हो जाते हैं.
जिसका असर ये होता हैं की हम अपनी जरूरत से ज्यादा सामान सिर्फ अपने मन की शांति के लिए खरीद लेते हैं और फिर बाद में दिमाग से सोचने पर हमे उसका अफसोस होता हैं.
बाजार का जादू किसपर हो सकता हैं?
बाजार का जादू एक आदत हैं जो किसी को भी लग सकता हैं जैसे की ;
- जिनका मन खाली हो और जेब भरा हो.
- जिनका जेब और मन दोनों खाली हो.
- जिनकी खरीदने की छमता और परचेसिंग पावर ज्यादा हो.
- जिनको अपनी जरूरतों के बारे में नहीं पता हो.
इनके अलावा भी बहुत सारी चीजें हैं जो अगर किसी मनुष्य में हैं तो उसे बाजार का जादू लगने का चांस बढ़ जाता हैं.
बाजार के जादू की क्या मर्यादा है?
बाजार की चमक-दमक देखकर उसका मन ललचाता है, उसका मन उस चीज को खरीदने का करता है, चाहे उसे उसकी जरूरत हो या न हो। इसी आकर्षण को बाज़ार का जादू कहा जाता है. लेकिन इस जादू की भी कुछ सीमाएँ हैं, यानी बाज़ार का जादू तभी तक काम करता है जब तक व्यक्ति की जेब भारी हो।
निष्कर्ष
मैं उम्मीद करता हूं की आपको इस आर्टिकल में ये अच्छे से समझ आ गया होगा की बाजार का जादू क्या है? वह कैसे काम करता है? (bajar ka jadu kya hai vah kaise kam karta hai), साथ ही किनको यह लग सकता हैं.
इस आर्टिकल से कुछ भी नया सीखने को मिला हैं तो आप इसे अपने दोस्तों और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर शेयर जरूर करें.
बाजार के जादू से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
अगर आप बाजार के जादू से बचना चाहते हैं तो आपको खाली दिमाग लेकर नहीं जाना चाहिए। इसका मतलब है कि बाजार जाने वाले व्यक्ति को पहले से पता होना चाहिए कि उसे बाजार से कौन सी जरूरी वस्तु खरीदनी है। यदि उसे यह मालूम हो तो वह अनावश्यक वस्तुएँ नहीं खरीदेगा। .
बाजार की सार्थक कब होती है?
बाज़ार को वे ही लोग अर्थ दे सकते हैं, जो जानते हैं कि हमें क्या खरीदना है और क्यों? बाजार इसलिए बनाया गया है ताकि वह हमें हमारी जरूरतें मुहैया करा सके। इसलिए जो लोग अपनी जरूरतों को जानकर सामान खरीदते हैं और बाजार से वापस लाते हैं, सही मायने में वे ही बाजार को अर्थ देते हैं।
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