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amavasya november 2022 date time puja vidhi shubh muhrat – Amavasya 2022 : मार्गशीर्ष अमावस्या कब है? नोट कर लें डेट, पूजा

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हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व है। अमावस्या तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। हर माह में एक बार अमावस्या की पात्रता होती है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए त्रयस्थ भी किया जाता है। अमावस्या तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है। नदी में स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का त्रयस्थ किया जाता है। धार्मिक विरासत के अनुसार, अमावस्या के दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रती हैं। आइए जानते हैं मार्ग का शीर्षक अमावस्या की तिथि, पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त…
मार्गशीर्षित अमावस्या तिथि- 23 नवंबर, 2022, बुधवार
मुहूर्त-
- मार्गशीर्ष, कृष्ण अमावस्या ट्रेडमार्क – 06:53 ए एम, फोकस 23
- मार्गशीर्ष, कृष्ण अमावस्या समाप्त – 04:26 ए एम, फोकस 24
पूजा- विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन पवित्र नदी या सरवर में स्नान करने का महत्व बहुत अधिक होता है। आप घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।
- स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- अगर आप उपवास रख सकते हैं तो इस दिन उपवास भी रखें।
- इस दिन पित्त से संबंधित कार्य करने चाहिए।
- पितरों के निमित्त त्रयस्थ और दान करें।
- इस पावन के दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
- इस पावन के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है।
- इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना भी करें।
करें ये उपाय-
पितृ दोष दूर करने का उपाय
- इस दोष से मुक्ति के लिए अमावस्या के दिन पितृ संबंधी कार्य करने चाहिए। पितरों की याद कर पिंडदान करना चाहिए और अपने काम के लिए मजाक भी मांगनी चाहिए।
गाय को भोजन करें
- इस दिन गायों को भोजन जरूर करें। इस बात का ध्यान रखें कि आपको गाय को सात्विक भोजन ही करवाना है। धार्मिक बंध के अनुसार गाय को भोजन से संबंधित पितृ दोष दूर हो जाता है।