aam aadmi party entry in haryana wins many seats in zila parishad election bjp setback

हरियाणा के जिला परिषद चुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए संकेत का सबब बने हैं तो वहीं आम आदमी पार्टी को पहली बार एंट्री की राह मिल गई है। रविवार को दफ्तर में अंबाला, सिरसा और यमुनानगर जैसे इलाके में आम आदमी पार्टी ने खाता खोला है, जहां के शहरी इलाकों में बीजेपी को हमेशा से अच्छे खास वोट मिलते रहे हैं। सत्ताधारी दल भाजपा ने अंबाला, यानगर, गुरुग्राम सहित 7 नेटवर्क में अपने सिंबल पर जिला परिषद की 102 सरोकार पर उम्मीदवार हैं। इनमें से 22 सीटों पर बीजेपी की जीत हुई है। हालांकि पंचकूला में पार्टी को 10 व्यापक रूप से हार का फैसला करना पड़ा।
बीजेपी को हरियाणा में झटका, मंत्री के गढ़ में भी काउंसिलिंग में हारे
वहीं आम आदमी पार्टी ने 15 डिस्ट्रिक्ट काउंसिल ने विशेष रूप से जीत हासिल कर उपस्थिति दर्ज कराई है। सिरसा, अंबाला, यमुनानगर और जींद जैसे क्षेत्रों से यह सीटें प्राप्त हुई हैं। इनमें से सबसे अहम सीट अंबाला कैंट की है, जहां से बीजेपी जीत रही है और अनिल विज के गृह क्षेत्र के मंत्री हैं। यहां से आम आदमी पार्टी की जीत खासा जबरदस्त है। आम आदमी पार्टी ने अपने सिंबल पर अपने सिंबल पर 100 धोखा दिया था। ओमलाइट चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल ने 72 क्षेत्र पर चुनाव लड़ा और 14 पर जीत दर्ज की।
अभय चौटाला के बेटे को भी मिली जीत, परिवार के नए सदस्यों की एंट्री
कांग्रेस ने इस चुनाव में सिंबल पर अपना उम्मीदवार नहीं छोड़ा था। इसके अलावा भाजपा के सहयोगी जजपा ने भी सिंबल पर अपना उम्मीदवार नहीं दिया था। ऐसी स्थिति में भी निर्दलीय उम्मीदवार बड़ी संख्या में जीत गए हैं, जहां से राजनीतिक दलों के सिंबल प्रत्याशी अलग हो गए थे। इनेलो के नेता और ऐलनाबाद के विधायक अभय चौटाला के बेटे करण चौटाला को सिरसा की वार्ड नंबर 6 की जिला परिषद की सीट से जीत मिली है। शाहबाद से जेजेपी के विधायक रामकरण काले बेटे कंवरपाल को शाहबाद के वर्ड नंबर 1 से जीत हासिल हुई है।
हारने वालों में सांसद की पत्नी का भी नाम चौथे नंबर पर है
इस चुनाव में जिन बड़े नेताओं की हार हुई है, उनमें से कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी की पत्नी का नाम शामिल है। वह अंबाला के वार्ड नंबर 4 से निर्दलीय के प्रचार में हार गए। उनकी हार कितनी बड़ी थी, इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि वह चौथे नंबर पर हैं। राज्य में तीन चरणों में जिला परिषद और दोषी पंचायतों के चुनाव हुए थे। हरियाणा में कुल 22 नेटवर्क काउंसिल हैं और कुल 411 सदस्य हैं। ये सदस्य ही 22 नेटवर्क में परिषदों के प्रमुखों के चुनाव करते हैं।