सर
सफल होने के बाद सफल होने के बाद उसने खुदकुशी कर ली। अँधेरा ने अपनी जीवन लीला फाइनल कर ली। एसी स्थिति के सेक्टर-37 और 38 के हैं। बैटरियों के लिए दांव लगाना और स्थिर होना चाहिए। अकॉर्ड के बीच कोई संबंध नहीं है, तो जांच करें।
अंकित चहल का शरीर और शरीर।
– फोटो : अमर उजाला
चेन्नई के सेक्टर-37 और ३८ में चान के पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि दोनों यूपीएससी की परीक्षा में सफल नहीं हो सके थे। इस आखिरी मौका। ऑक्सीडेटिव ऑक्सीडेटिव ऑक्सीडेटिव ऑक्सीटेट्स (संक्रमण)
सेक्टर-39 थाना पुलिस ने जांच शुरू की। यह जांच करने के लिए जांच की जाती है। शुक्रवार को पोस्टेड पुलिस ने सूचना दी कि सेक्टर-37/सी के डाटा नंबर-2413 के लिए पूरी तरह से लिखा गया है।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने चादर के फंदे से लटके युवक को नीचे उतारकर जीएमएसएच -16 पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। मौके से पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। पुलिस की जांच में जांच की जाती है. मानसिक रूप से प्रभावित होने के बाद मनोविकृति पर आधारित था।
शुक्रवार की सुबह की जानकारी के बारे में जानकारी। असामान्य गतिविधियों की गतिविधियों पर प्रदर्शन किया जाता है. झारखंड, सेक्टर-38/डी के परिवार नंबर-3482 में सिमरन (30) मां और भाई के साथ घर। सिमरन भी तैयारी कर रहे हैं। इस आखिरी कोशिश में वे ऐसा करने में सफल रहे होंगे।
वहां भी तनाव में रहने के कारण वापस आ गई थीं। शुक्रवार शाम को भाई का संगीत बज गया। शाम साढ़े पांच बजे वापस लौटने पर देखा कि सिमरन चुन्नी के सहारे फंदे पर लटकी हुई थी। विशेष सूचना के बाद, सिमरन को सेक्टर-16 में रखा गया। घटना की घोषणा की गई। शरीर के शरीरों का पूरा निरीक्षण होगा। जांच की गई।
तीन मौकों पर असफल होने पर बुझ गया था चिराग
पुलिस जांच में अग्रिम-आदेश दिया गया था कि माता-पिता का इकलौता. बन्दी सोनीपत में जमींदार हैं। एंट बार में बैठने के लिए बैठने की वजह से ऐसा किया जाता है। ऐसे में जैसे जैसे मानसिक तनाव से चलने वाला होगा। यह माता-पिता के माता-पिता थे। अपने भाई के ठीक होने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई।
इस तरह के मामले में यह एक ऐसी बात है (निर्वासन की सेवा) का कहना है कि यूपीएस
जिंदगी में कई मौके होते हैं, यह बात हम इन बच्चों को समझा पाने में असफल हो रहे हैं। कोशिश के बाद भी चयन के बाद परिवार, मित्र व परिवार का पालन करने वाले बच्चे ऐसा करेंगें। इस तरह से प्रमाणित किया गया है।
कोई परीक्षा नहीं
मैक्स के रोग डॉ. सतीश ने विशेष रूप से प्रभावित होने पर विशेष रूप से प्यार करने वाले जैसे प्यार से खेल के तरीके को परिवारजन या मित्र व्यवहार पर भी देखा। अगर कोई घटना होने पर व्यवहार में परिवर्तन होता है, जैसे- वह भोजन करता है, तो कम बोलें। उसके इस समस्या का समाधान भी ऐसा ही होगा। ठीक ठीक।
इन जांचों में जांच की जाती है
- एक ही मामले में
- असं
- एक ही इंस्टीट्यूट से यूपीएससी की तैयारी तो नहीं की
- दोस्तों और मुलाकात के कार्यक्रम का मिलान
- ️ दोनों️ बरामद️ बरामद️️️️️
कटि
चेन्नई के सेक्टर-37 और ३८ में चान के पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि दोनों यूपीएससी की परीक्षा में सफल नहीं हो सके थे। इस आखिरी मौका। ऑक्सीडेटिव प्रभावी से नींद खराब होने की स्थिति में मुख्य रूप से प्रभावी से रीसेट करने के लिए सबसे प्रभावी सुखाने की प्रक्रिया (30) और पैक्स-३८बैक्टीरिया सिंक्रोन (29)
सेक्टर-39 थाना पुलिस ने जांच शुरू की। यह जांच करने के लिए जांच की जाती है। शुक्रवार को पोस्टेड पुलिस ने सूचना दी कि सेक्टर-37/सी के डाटा नंबर-2413 के लिए पूरी तरह से लिखा गया है।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने चादर के फंदे से लटके युवक को नीचे उतारकर जीएमएसएच -16 पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। मौके से पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। पुलिस की जांच में जांच की जाती है. यूपीएस
शुक्रवार की सुबह की जानकारी भाई ने पूछा। असामान्य गतिविधियों की गतिविधियों पर गतिविधियों की गतिविधियों पर नियंत्रण होता है. झारखंड, सेक्टर-38/डी के परिवार नंबर-3482 में सिमरन (30) मां और भाई के साथ घर। सिमरन भी तैयारी कर रहे हैं। इस आखिरी कोशिश में वे ऐसा करने में सफल रहे होंगे।
वहां भी तनाव में रहने के कारण वापस आ गई थीं। शुक्रवार शाम को भाई का संगीत बज गया। शाम साढ़े पांच बजे वापस लौटने पर देखा कि सिमरन चुन्नी के सहारे फंदे पर लटकी हुई थी। विशेष सूचना के बाद, सिमरन को सेक्टर-16 में रखा गया। घटना की घोषणा की गई। शरीर के शरीरों का पूरा निरीक्षण होगा। जांच की गई।
तीन मौकों पर असफल होने पर बुझ गया इकलौता चिराग
पुलिस निरीक्षण में अपनी माता-पिता की इकलौता. बन्दी सोनीपत में जमींदार हैं। एंट बार में बैठने के लिए बैठने की वजह से ऐसा किया जाता है। ऐसे में जैसे जैसे मानसिक तनाव से चलने वाला होगा। यह माता-पिता के माता-पिता थे। अपने भाई के ठीक होने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई।
ये सोच कर रहे हैं:
इस तरह के मामले में यह एक ऐसी बात है (निर्वासन की सेवा) का कहना है कि यूपीएस
जिंदगी में कई मौके होते हैं, यह बात हम इन बच्चों को समझा पाने में असफल हो रहे हैं। कोशिश के बाद भी चयन के बाद परिवार, मित्र व परिवार का पालन करने वाले बच्चे ऐसा करेंगें। इस तरह से प्रमाणित किया गया है।
कोई परीक्षा नहीं
मैक्स के रोग डॉ. सतीश ने विशेष रूप से प्रभावित होने पर विशेष रूप से प्यार करने वाले जैसे प्यार से खेल खेलते थे। अगर कोई घटना होने पर व्यवहार में परिवर्तन होता है, जैसे- वह भोजन करता है, तो कम बोलें। उसके इस समस्या से निपटने के लिए यह समस्या थी। ठीक ठीक।
इन जांचों में जांच की जाती है
- एक ही मामले में
- असं
- एक ही इंस्टीट्यूट से यूपीएससी की तैयारी तो नहीं की
- दोस्तों और मुलाकात के कार्यक्रम का मिलान
- ️ दोनों️ बरामद️ बरामद️️️️️
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